महा सम्मेलन
मन फिराना हमारा लक्ष्य है
अप्रैल 2022 महा सम्मेलन


10:25

मन फिराना हमारा लक्ष्य है

पवित्र आत्मा को सीधे आपसे बात करते हुए सुनना, धर्मशास्त्रों में बिताए आपके समय का कोई विकल्प नहीं है।

हम लगभग तीन वर्षों से, प्रभु के गिरजे के सदस्य के रूप में एक साथ यात्रा कर रहे थे। यह अक्टूबर 2018 था जब प्रथम अध्यक्षता और बारह प्रेरितों की परिषद ने हमें आओ, मेरा अनुसरण करो के माध्यम से नए और प्रेरणादायक तरीके से धर्मशास्त्रों का अध्ययन करके यीशु मसीह के बारे में सिखने का निमंत्रण दिया था।

किसी भी यात्रा के दौरान, अपनी प्रगति पर आकलन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, समय-समय पर ठहरना अच्छा होता है।

मन फिराना हमारा लक्ष्य है

आओ, मेरा अनुसरण करो: के परिचय से इस कथन पर गहराई से विचार करें:

“सभी सुसमाचार सीखने और सिखाने का उद्देश्य स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह में हमारे मन फिराने को अधिक गहरा करना है। …

“… जिस प्रकार की सुसमाचार शिक्षा हमारे विश्वास को मजबूत करती है और बदलाव के चमत्कार की ओर ले जाती है यह सब एक बार में नहीं होता है। यह कक्षा के अतिरिक्त, हमारे हृदयों और घरों में होता है। इसके लिए सुसमाचार को समझने और उसे अपने जीवन में पालन करने के निरंतर और प्रतिदिन प्रयास करने पड़ते हैं। मन फिराने की ओर ले जाने वाला सुसमाचार सीखने के लिए पवित्र आत्मा के प्रभाव की आवश्यकता होती है।1

यह वही चमत्कार जिसे हम तलाश करते हैं—जब एक व्यक्ति को धर्मशास्त्रों में अनुभव होता है,2 और वह अनुभव पवित्र आत्मा के प्रभाव से आशीषित होता है। ऐसे अनुभव हमारे उद्धारकर्ता में मन फिराने के लिए बहुमूल्य नींव हैं। और जैसा कि अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने हाल ही में हमें याद दिलाया है, की आत्मिक नींवों को लगातार प्रबलित किया जाना चाहिए।3 हमेशा कायम रहने वाला बदलाव जीवन-भर चलने वाली प्रक्रिया है।4 मन फिराना हमारा लक्ष्य है

प्रभावी होने के लिए, धर्मशास्त्रों के साथ आपके अनुभव आपके अपने होने चाहिए।5 किसी अन्य व्यक्ति के अनुभवों के बारे में पढ़ना या सुनना सहायक हो सकता है, लेकिन यह वैसा बदलाव नहीं लाएगा जिसकी आपको जरुरत है। पवित्र आत्मा को सीधे आपसे बात करते हुए सुनना, धर्मशास्त्रों में बिताए आपके समय का कोई विकल्प नहीं है।

पवित्र आत्मा मुझे क्या सिखा रही है?

हर हफ्ते जब मैं अपना आओ, मेरा अनुसरण करो को खोलता हूं, तो मैं यह प्रश्न पृष्ठ पर लिखता हूं: “इस सप्ताह पवित्र आत्मा मुझे क्या सिखाना चाहती है जब मैं इन अध्यायों को पढ़ता हूं?”

जब मैं धर्मशास्त्रों का अध्ययन करता हूं, तब मैं उस प्रश्न पर बार-बार विचार करता हूं। और बिना असफल हुए, आत्मिक प्रभाव आते हैं, और मैं उन्हें अपने मैनुअल में लिखता हूं।

अब, मुझे यह कैसे पता चलेगा कि पवित्र आत्मा मुझे कब सिखा रही है? खैर, यह आमतौर पर छोटे और सरल तरीकों से होता है। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है कि धर्मशास्त्र का एक अंश मेरे ध्यान से हट गया हो। और कभी कभी, मुझे ऐसा लगता है कि मेरा मन सुसमाचार के सिद्धांत की समझ के साथ बढ़ रहा है। मैं पवित्र आत्मा के प्रभाव को भी महसूस करता हूं जब मेरी पत्नी, ऐनी मेरी और मैं जो पढ़ रहे होते हैं उसके बारे में बात करते हैं। उसके दृष्टिकोण हमेशा आत्मा को आमंत्रित करते हैं।

भविष्यवक्ता और फसह का पर्व्ब

इस वर्ष हम धर्मशास्त्र में पुराने नियम —का अध्ययन कर रहे हैं जो हमारी आत्मा को प्रकाश से भर देता है। पुराने नियम को पढ़ते समय, मुझे ऐसा लगता है कि मैं विश्वसनीय मार्गदर्शकों के साथ समय बिता रहा हूं: आदम, हव्वा, हनोक, नूह, इब्राहीम, और कई अन्य।

इस सप्ताह, निर्गमन अध्याय 7–13, का अध्ययन करते हुए, हम सीखते हैं कि कैसे प्रभु ने इस्राएल के बच्चों को मिस्र में सदियों की बन्धुवाई से मुक्त किया था। हम नौ विपत्तियों के बारे में पढ़ते हैं—परमेश्वर की शक्ति के नौ प्रभावशाली प्रकटीकरण—जिन्हें फिरौन ने अपने दिल को नरम किए बिना देखा।

तब प्रभु ने अपने भविष्यवक्ता मूसा को दसवीं विपत्ति—के विषय में बताया, कि इस्राएल का प्रत्येक परिवार कैसे उसके लिये तैयारी कर सकता है। एक ऐसा अनुष्ठान जिसे वे फसह का पर्व्ब को कहेंगे, इस्राएलियों को एक निर्दोष नर भेड़ का बच्चा बलिदान करना था। तब उनको अपने घरों के चौखटों को मेम्ने के लोहू से चिह्नित करने को कहा था। प्रभु ने वादा किया था कि वे सभी घर जो लोहू से चिह्नित थे, आने वाली भयानक महामारी से सुरक्षित रहेंगे।

धर्मशास्त्र कहता है, “और इस्राएलियों ने … जैसा प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी वैसा ही किया” (निर्गमन 12:28)। आज्ञाकारिता के उस सरल कथन में बहुत कुछ शक्तिशाली है।

क्योंकि इस्राएल के बच्चों ने मूसा की सलाह का पालन किया और विश्वास में काम किया, वे महामारी से बचाए गए, और समय पर, कैद से मुक्त हो गए।

तो इस सप्ताह, इन अध्यायों में पवित्र आत्मा ने मुझे क्या सिखाया था?

यहां कुछ विचार हैं जो मेरे मन में आए हैं:

  • प्रभु अपने भविष्यवक्ता के द्वारा अपने लोगों की रक्षा करने और उन्हें बचाने का कार्य करता है।

  • भविष्यवक्ता का अनुसरण करना, विश्वास और विनम्रता, सुरक्षा और मुक्ति के चमत्कार से पहले किया जाता था।

  • दरवाजे की चौखट पर लगा लहू परमेश्वर के मेमने, यीशु मसीह में आंतरिक विश्वास का एक बाहरी संकेत था।

भविष्यवक्ता और प्रभु की प्रतिज्ञा

जिस तरह से प्रभु ने अपने लोगों को इस पुराने नियम के दौरान आशीषित किया था वह आज भी अपने लोगों को आशीषित कर रहा है, मैं इन दोनों बातों से प्रभावित हूं।

जब प्रभु के जीवित भविष्यवक्ता, अध्यक्ष नेलसन ने हमें धर्मशास्त्र के अध्ययन के साधन के रूप में आओ, मेरा अनुसरण करो का परिचय दिया, तो उन्होंने हमें अपने घरों को विश्वास के शरणस्थान और सुसमाचार सीखने के केंद्रों में बदलने के लिए आमंत्रित किया।

फिर उन्होंने चार विशिष्ट आशीषों का वादा किया:

  1. आपके विश्रामदिन आनन्दमय होगें,

  2. आपके बच्चे सीखने और उद्धारकर्ता की शिक्षाओं को जीने के लिए उत्साहित होंगे,

  3. आपके जीवन और आपके घरों में शैतान का प्रभाव कम होगा, और

  4. आपके परिवार में बदलाव प्रभावशाली और निरंतर होंगे।6

अभी, हमारे पास उन लोगों से कोई लिखित दैनिकी नहीं है जिन्होंने मिस्र में मूसा के साथ फसह के पर्व्ब का अनुभव किया था। हालांकि, हमारे पास संतों की ओर से कई गवाहियां हैं, जो उसी प्रकार विश्वास के साथ, आज अध्यक्ष नेलसन की सलाह का पालन कर रहे हैं और प्रतिज्ञा की हुई आशीषें प्राप्त कर रहे हैं।

यहां उनमें से कुछ गवाहियां हैं:

एक परिवार की एक मां ने कहा: “हम अपने घर में मसीह के बारे में बात करते हैं और मसीह में आनन्द मनाते हैं। मेरे लिए यह सबसे बड़ी आशीष है—कि मेरे बच्चे घर में इन सुसमाचार बातचीत के साथ बड़े हो रहे हैं जो उन्हें उद्धारकर्ता के करीब लाते हैं।”7

एक बड़े भाई ने अपने धर्मशास्त्रों के अध्ययन को आओ, मेरा अनुसरण करो” के माध्यम से कहा, “दिव्य प्रकाश जो हमें सुसमाचार के सिद्धांत को देखने में मदद करता है जो हमारे आत्मिक कल्याण के लिए आवश्यक है।”8

एक पत्नी ने अपने विवाह में मिली आशीषों के बारे में बताया: “मैं अपने पति के दिल को अधिक गहराई से जान पाई हूं, और जब हम साथ-साथ अध्ययन करते हैं, तो मैं उनसे अपने दिल की बात अधिक अच्छे से कह पाती हूं।”9

एक बड़े परिवार की एक मां ने देखा कि कैसे अपने परिवार को सिखाने के उसके प्रयास बदल गए। उसने कहा: “पीछे मुड़कर देखने पर ऐसा लगता है मानो पहले मैं बर्फ के दस्ताने पहनकर पियानो बजा रही थी। मैं सही बजा रही थी, लेकिन संगीत बिल्कुल सही नहीं था। अब दस्ताने नहीं हैं, और जबकि मेरा संगीत अभी भी सही नहीं है, फिर भी मुझे अंतर सुनाई देता है। आओ, मेरा अनुसरण करो ने मुझे दृष्टि, क्षमता, ध्यान और उद्देश्य दिया है।”10

एक पति ने कहा: “जब से मैंने आओ, मेरा अनुसरण करो को मेरा सुबह का नियमित हिस्सा बना लिया है, तब से घर पर मेरी महत्वपूर्ण प्राथमिकताएं अधिक स्पष्ट हो गई हैं। अध्ययन मुझे उन बातों के बारे में अधिक सोचने के लिए प्रेरित करता है जो मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखती हैं, जैसे मंदिर, मेरी पत्नी के साथ मेरा रिश्ता, और मेरी नियुक्ति। मैं आभारी हूं कि मेरा घर एक शरणस्थान है जहां परमेश्वर सर्वप्रथम है।”11

एक बहन ने बताया: आओ, मेरा अनुसरण करो के साथ “मेरे दैनिक अनुभव शायद ही कभी उल्लेखनीय रहे हों, लेकिन समय के साथ मैं देख सकती हूं कि धर्मशास्त्रों के इस तरह के निरंतर, केंद्रित अध्ययन से कैसे मुझ में बदलाव आ रहे है। इस तरह का अध्ययन मुझे विनम्र करता है, मुझे सिखाता है, और मुझे हर बार थोड़ा बदल देता है।”12

एक पूर्व प्रचारक ने बताया: “आओ, मेरा अनुसरण करो कार्यक्रम ने मुझे धर्मशास्त्र अध्ययन के उस स्तर के करीब पहुंचा दिया है जो मैंने अपने प्रचार कार्य पर भी किया था, और मैं धर्मशास्त्र के अध्ययन के द्वारा वास्तव में परमेश्वर को जानने में सक्षम हूं।”13

एक भाई ने कहा: “मुझे लगता है कि पवित्र आत्मा ने मेरे जीवन में अधिक प्रभाव डाला है और निर्णय लेने में परमेश्वर के प्रकटीकरण और उसके मार्गदर्शन को महसूस किया। मेरे पास मसीह और उसके प्रायश्चित के सिद्धांत की सुंदरता के बारे में जानने के लिए अधिक समझ आई है।”14

एक सात साल के बच्चे ने बताया: “मैं जल्द ही बपतिस्मा ले रहा हूं, और आओ, मेरा अनुसरण करो मुझे तैयार कर रहा है। मैं और मेरा परिवार बपतिस्मे के बारे में बात करते हैं, और अब मैं बपतिस्मा लेने से घबराता नहीं हूं। आओ, मेरा अनुसरण करो पवित्र आत्मा को मेरे हृदय में आने में मदद करता है, और जब मैं धर्मशास्त्र पढ़ता हूं तो मुझे हार्दिक खुशी होती है”15

और अंत में, कई बच्चों की मां ने कहा: “जब से हम परमेश्वर के वचन का अध्ययन कर रहे हैं, उसने हमारे परिवार को चिंता से ताकत की ओर बढ़ने में मदद की है; परीक्षण और चुनौती से छुटकारे की; विवाद और आलोचना से प्रेम और शांति तक; और शैतान के प्रभाव से परमेश्वर के प्रभाव तक।”16

ये और कई अन्य मसीह के विश्वासी अनुयायियों ने प्रतीकात्मक रूप से परमेश्वर के मेमने के लहू को अपने घरों के प्रवेश द्वार पर लगा रखा है। वे उद्धारकर्ता का अनुसरण करने के लिए अपनी आंतरिक प्रतिबद्धता का प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका विश्वास चमत्कार से पहले है। एक व्यक्ति को धर्मशास्त्रों में अनुभव होता है और वह अनुभव पवित्र आत्मा के प्रभाव से आशीषित होता है ।

जब हम धर्मशास्त्रों का अध्ययन करते हैं, तो जीवन में आत्मिक अकाल नहीं पड़ता है। जैसा नफी ने कहा था, “और जो कोई परमेश्वर के वचन को सुनेगा, और उन पर कायम रहेगा, वे कभी नष्ट नहीं होंगे; न ही शत्रु के प्रलोभन और जलते गर्म तीर अंधा करके उन पर विजय प्राप्त कर, उन्हें विनाश के लिए ले जा सकेंगे।(1 नफी 15:24)

प्राचीन समय में, जब इस्राएल की संतान ने भविष्यवक्ता मूसा के द्वारा दिए गए प्रभु के निर्देश का पालन किया, तो उन्हें सुरक्षा और स्वतंत्रता से आशीषित किया गया था। आज, जब हम अपने जीवित भविष्यवक्ता, अध्यक्ष नेलसन के द्वारा दिए गए प्रभु के निर्देश का पालन करते हैं, तो हम अपने हृदयों में बदलाव और अपने घरों में भी उसी प्रकार आशीषित होते हैं ।

मैं गवाही देता हूं कि यीशु मसीह जीवित है। यह उसका गिरजा है, इसे पृथ्वी पर भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ के द्वारा पुन:स्थापित किया गया है। अध्यक्ष रसल एम. नेलसन आज प्रभु के जीवित भविष्यवक्ता हैं। मैं उनसे प्रेम और उनका समर्थन करता हूं। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।

विवरण

  1. आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिएः पुराना नियम 2022, vii।

  2. “हम प्रत्येक अपने व्यक्तिगत आत्मिक विकास के लिए जिम्मेदार हैं” (Russell M. Nelson, “Opening Remarks,” Liahona, नवम्बर. 2018, 8)।

  3. देखें Russell M. Nelson, “The Temple and Your Spiritual Foundation,” Liahona, नवंबर 2021, 93-96।

  4. यही एक महत्वपूर्ण कारण है कि क्यों अध्यक्ष नेलसन ने हमसे “प्रभु के लिए समय निकालने” की याचना की है! अपनी स्वयं की आत्मिक नींव को मजबूत बनाएं और समय की कसौटी पर खरा उतरने में सक्षम रहें, उन बातों को करें जो पवित्र आत्मा को हमेशाआपके साथ रहने देती हैं। (“Make Time for the Lord,” Liahona, नवंबर 2021, 120).

  5. दूसरे क्या सोचते या करते हैं इसके कोई अंतर नहीं पड़ता, सच्चाई के प्रति स्वयं आपके हृदय और मन में पैदा होने वाली गवाही को कोई भी छीनकर नहीं ले जा सकता” (Russell M. Nelson, “Revelation for the Church, Revelation for Our Lives,” Liahona, मई 2018, 95)।

  6. देखें Russell M. Nelson, “Becoming Exemplary Latter-day Saints,” Liahona, नवं. 2018, 113–14। अध्यक्ष नेलसन ने पिछले अप्रैल में इस निमंत्रण को दोहराया था: “अपने घर को अपने विश्वास का मुख्य शरणस्थान बनाने में आपकी प्रतिबद्धता को कभी समाप्त मत होने देना। इस पतित संसार में विश्वास और पवित्रता कम होने के साथ-साथ पवित्र स्थानों की आपकी आवश्यकता बढ़ जाएगी। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अपने घर को सही मायने में एक पवित्र स्थान बनाते रहें और उस आवश्यक लक्ष्य से ‘हटे नहीं’ [सिद्धांत और अनुबंध 87:8; महत्व दिया गया] उस महत्वपूर्ण लक्ष्य से” (“What We Are Learning and Will Never Forget,” Liahona, May 2021, 79).

  7. व्यक्तिगत पत्राचार; 2 नफी 25:26 भी देखें।

  8. व्यक्तिगत पत्राचार।

  9. व्यक्तिगत पत्राचार।

  10. व्यक्तिगत पत्राचार।

  11. व्यक्तिगत पत्राचार।

  12. व्यक्तिगत पत्राचार।

  13. व्यक्तिगत पत्राचार।

  14. व्यक्तिगत पत्राचार।

  15. व्यक्तिगत पत्राचार।

  16. व्यक्तिगत पत्राचार।