दशमांश: आकाश के झरोखे को खोलना
स्वर्ग की खिड़कियां कई तरह से खुलती हैं। प्रभु के समय पर भरोसा रखो; आशीषें हमेशा मिलती हैं।
जब मैं हाल ही में दक्षिण अमेरिका में था, वेनेजुएला के भाई रोजर पारा ने मेरे साथ इस अनुभव को साझा किया था:
“2019 में वेनेजुएला उन समस्याओं से प्रभावित हुआ था जिसके कारण पांच दिनों के लिए बिजली गुल हो गई थी।
“सड़कों पर हर तरफ अव्यवस्था और अराजकता फैल गई थी, और कई लोगों के पास खाने के लिए भोजन नहीं था।
“कुछ ने खान-पान की दूकानों को लूटना और अपने मार्ग में सब कुछ बरबाद करना शुरू कर दिया।
“एक छोटी बेकरी के मालिक के रूप में, मैं बहुत चिंतित था। हमने परिवार के रूप में, अपनी बेकरी में सारे भोजन को जरूरतमंद लोगों को देने का फैसला किया।
‘एक घनी अंधेरी रात में सब जगह दंगे हो रहे थे। मैं अपनी प्यारी पत्नी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित था।
“बहुत सवेरे मैं अपनी बेकरी गया। दुख की बात है कि आसपास के सभी खाद्य व्यवसाय को लुटेरों ने नष्ट कर दिया था, लेकिन मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, हमारी बेकरी बच गई थी। कुछ भी नष्ट नहीं हुआ था। मैंने विनम्रता से अपने स्वर्गीय पिता को धन्यवाद दिया।
“घर पहुंचने पर, मैंने अपने परिवार को परमेश्वर की आशीष और सुरक्षा के बारे में बताया।
“वे सभी बहुत आभारी थे।
“मेरा सबसे बड़ा बेटा, रोगेलियो, जो केवल 12 साल का था, उसने कहा, ‘पापा!! मैं जानता हूं कि हमारी दुकान क्यों सुरक्षित रही। आप और मामा हमेशा अपना दसमांश देते हैं।
भाई पर्रा ने अंत में कहा था: “मलाकी के शब्द मेरे मन में आए थे। मैं तुम्हारे लिये नाश करने वाले को ऐसा घुड़कूंगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नाश न करेगा।’[मलाकी 3:11]। हमने घुटने पर झुक कर कृतज्ञता पूर्वक अपने स्वर्गीय पिता को उसके चमत्कार के लिए धन्यवाद दिया।”1
मुझे परखो
हमारे पास जो कुछ भी है और जो कुछ भी हम हैं वह परमेश्वर से मिला है। मसीह के शिष्य होने के नाते, इन्हें हम खुशी-खुशी अपने आस-पास के लोगों के साथ बांटते हैं।
प्रभु हमें जो कुछ भी देता है, उससे उसने हमें अपनी आय का 10 प्रतिशत पृथ्वी पर उसके और उसके राज्य को वापस देने के लिए कहा है। उसने हमसे प्रतिज्ञा की है कि जब हम अपना दसमांश ईमानदारी से देते हैं, तो “वह स्वर्ग के झरोखों को खोलेगा, और इतनी आशीषें उंडेलेगा कि हमारे पास जगह कम पड़ जाएगी।”2 उसने हमसे प्रतिज्ञा की है कि वह हमें बुराई से बचाएगा।3 ये प्रतिज्ञाएं बहुत निश्चित हैं,4 प्रभु घोषणा करता है, “ऐसा कर के मुझे परखो”5 यह वाक्यांश मलाकी का हवाला देने के अलावा धर्मशास्त्रों में और कहीं नहीं देखा जा सकता है।
स्वर्ग की खिड़कियां कई तरह से खुलती हैं। कुछ सांसारिक हैं, लेकिन कई आत्मिक हैं। कुछ सूक्ष्म होती हैं और इन पर इतना ध्यान नहीं जाता है। प्रभु के समय पर भरोसा रखो; आशीषें हमेशा मिलती हैं।
हम उन लोगों के प्रति दुखी होते हैं जो जीवन की आवश्यकताओं को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते हैं। गिरजे ने हाल ही में विश्व भर में कमजोर बच्चों और माताओं को राहत प्रदान करने के लिए 54 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दान दिया है।6 और आपके मासिक उपवास की भेंटों से, हमारे धर्माध्यक्ष प्रत्येक सप्ताह हजारों लोगों की मदद करते हैं, जिन्हें सांसारिक रूप से अपनी थाली में रोटी, तन पर कपड़े और सिर पर आश्रय की आवश्यकता होती है। विश्व की गरीबी का एकमात्र स्थायी समाधान यीशु मसीह का सुसमाचार है।7
विश्वास का विषय
प्रेरित पौलुस ने चेतावनी दी थीकि मनुष्यों की बुद्धि मनुष्यों की बातों को समझती है, परन्तु परमेश्वर की बातों को समझने में कठिनाई होती है।8 विश्व दसमांश को हमारे धन से जोड़ता है, लेकिन दसमांश की पवित्र व्यवस्था मुख्य रूप से हमारे विश्वास से जुड़ी है। अपने दसमांश देने में ईमानदार होने से हम प्रभु को अपने जीवन में प्राथमिकता देने की इच्छा दिखाते हैं, हमारी अपनी स्वयं की देख-रेख और हित से अधिक। मैं आपसे वादा करता हूं कि जैसे ही आप परमेश्वर पर भरोसा करेंगे, स्वर्ग से आशीषें आने लगेगी।
यीशु ने कहा, जो कैसर का है, वह कैसर को; और जो परमेश्वर का है, वह परमेश्वर को दो”9 पुनर्जीवित उद्धारकर्ता ने नफाइयों से कहा कि वे मलाकी में पाए गए उसकी प्रतिज्ञाओंको अपने अभिलेख में लिखें।10 हमारे समय में, प्रभु ने दसमांश की दिव्य व्यवस्था की पुन: पुष्टि की थी, यह घोषणा करते हुए: “यह मेरे लोगों की दसमांश की शुरूआत होगी। वे अपनी सारी आय का दसवां-भाग देंगे; और यह उनके लिए हमेशा के लिए स्थाई नियम होगा।”11
प्रभु ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि कैसे दसमांश का वितरण किया जाना चाहिए, यह कहते हुए, “सारे दशमांश भण्डार में ले आओ,”13 इसका अर्थ है कि दसमांश को उसके पुनर्स्थापित राज्य, अर्थात अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे में लाओ।13 उसने निर्देश दिया था कि इन पवित्र दसमांश के उपयोग के विषय में प्रथम अध्यक्षता, और धर्माध्यक्ष और उसकी परिषद, और उच्च परिषद से गठित, परिषद के द्वारा, “और उन को मेरी स्वयं की वाणी के द्वारा प्रार्थनापूर्वक विचार किया जाएगा, प्रभु इस प्रकार कहता है।”14
प्रभु का पवित्र धन
यह पवित्र धन गिरजे के मार्गदर्शकों का नहीं है। वह प्रभु का है। उसके सेवक अपनी जिम्मेदारी की पवित्र प्रकृति को अत्यधिक सावधानीपूर्वक समझते हैं।
अध्यक्ष गॉर्डन बी हिंक्ली ने अपने बचपन के अनुभव को बताया था: “जब मैं बालक था तो मैंने अपने पिता से प्रश्न पूछा था … गिरजे के धन को खर्च करने के बारे में। उन्होंने मुझे बताया था कि मेरा परमेश्वर से मिला कर्तव्य है कि मैं अपने दसमांश और भेंटों को दूं। जब मैं ऐसा करता हूं, [मेरे पिता ने कहा,] जो मैं देता हूं वह अब मेरा नहीं रहता है। यह उस प्रभु का है जिसे मैं इसे समर्पित कर देता हूं। उनके पिता ने कहा था: “गिरजे के अधिकारी इसके साथ क्या करते हैं, इस के लिए [आपको, गॉर्डन] चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। वे प्रभु के प्रति जवाबदेह हैं, जो उनको इसका लेखा देने की आवश्यकता होगी।”15
हम “प्रभु के प्रति जवाबदेह” होने को अत्यंत गंभीरता से महसूस करते हैं।
आपका उदार दशमांश और भेंट
आपने प्रभु को जो उदार दसमांश और भेंटें दी हैं, उससे पिछले वर्ष एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का उपयोग जरूरतमंद लोगों को आशीष देने के लिए किया गया था।16
पुनर्स्थापित सुसमाचार को विश्व भर में ले जाने की हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए, हमारे पास 414 मिशनों में सेवा करने वाले 71,000 प्रचारक हैं।17 आपके दसमांश और भेंटों के कारण, प्रचारक, अपनी पारिवारिक वित्तीय स्थिति की चिंता किए बिना, सेवा कर पाते हैं।
विश्व भर में अभूतपूर्व संख्या में मंदिर बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में, 177 मंदिर संचालित हैं, 59 वर्तमान में निर्माण या नवीकरण चरण में, और 79 योजना और डिजाइन की प्रक्रिया में हैं।18 आपका दसमाश मंदिर की आशीषें को उन स्थानों पर पहुंचा रही हैं जिन्हें केवल प्रभु ही देख सकता है।
195 देशों और क्षेत्रों में हजारों आराधनालय और अन्य सुविधाओं को 30,000 से अधिक समूह उपयोग करते हैं।19 आपके विश्वसनीय दसमांश के कारण, गिरजे को सूदूर स्थानों में जहां आप कभी नहीं जा सकते हैं, उन धर्मी संतों के बीच स्थापित किया जा रहा है जिन्हें आप कभी नहीं जान सकते हैं।
गिरजा वर्तमान में उच्च शिक्षा के पांच संस्थानों को प्रायोजित करता है।20 ये 145,000 से अधिक छात्रों की सहायता करते हैं। हमारे आध्यात्मिक विद्यालयों और संस्थानों में प्रत्येक सप्ताह एक लाख दस हजार कक्षाएं चल रही हैं।21
ये आशीषें प्रत्येक आर्थिक परिस्थिति के युवा और वृद्धों से बड़े पैमाने पर मिलती हैं जो अपना ईमानदार दसमांश देते हैं।
दसमांश की दिव्य व्यवस्था की आत्मिक शक्ति को योगदान किए गए धन से नहीं मापा जाता है, क्योंकि समृद्ध और गरीब दोनों को प्रभु द्वारा अपनी आय का 10 प्रतिशत योगदान करने की आज्ञा दी जाती है।22 यह शक्ति प्रभु में हमारा भरोसा रखने से आती है।23
आपके उदार दसमांश के माध्यम से व्यक्त प्रभु की अतिरिक्त योगदान ने गिरजे के भंडार को सुदृढ़ किया है, जो हमें प्रभु के कार्य को आगे बढ़ाने के इतने अधिक अवसर प्रदान करता है जिस के विषय में विचार करना हमारी समझ से परे है। प्रभु सब कुछ जानता है, और समय आने पर, हम उसके सभी पवित्र उद्देश्यों को पूरा होते देखेंगे।24
आशीषें कई तरीकों से आती हैं
दसमांश की आशीषें कई तरह से आती हैं। 1998 में, मैं तत्कालीन एल्डर हेनरी बी आएरिंग के साथ यूटाह क्षेत्र में गिरजे की सभा में गया था जिसे अब सिलिकॉन स्लोप्स के नाम से जाना जाता है, जो प्रौद्योगिकी में महान नवीन प्रक्रिया का समूह है। यह बढ़ती समृद्धि का समय था, और एल्डर आएरिंग ने संतों को दूसरों के साथ तुलना करने और अधिक चाहने के बारे में चेतावनी दी। मैं हमेशा उनकी प्रतिज्ञा को याद रखूंगा, कि जब वे ईमानदार दसमांश देते हैं, तो अधिक भौतिक संपत्ति पाने की उनकी इच्छा कम हो जाता है। दो साल के भीतर, प्रौद्योगिकी बुलबुला फूट गया। कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी, और कंपनियों ने वित्तीय सुधार करने के इस समय के दौरान संघर्ष किया था। जिन लोगों ने एल्डर आएरिंग की सलाह का पालन किया, वे आशीषित हुए थे।
उनकी प्रतिज्ञा ने मुझे एक अन्य अनुभव की याद दिलाई थी। मैं 1990 में मिशन अध्यक्ष के रूप में सेवा करते हुए फ्रांस के कार्कासोन के पास 12 वर्षीय शार्लोट ह्लीमी से मिला था। हलीमिस परिवार अपने आठ बच्चों के साथ एक घर में विश्वसनीय, विनम्रपूर्ण रहता था। उनके घर की दीवार पर उद्धारकर्ता और भविष्यवक्ता का चित्र था। उसकी कुलपति की आशीष के लिए साक्षात्कार में, मैंने शार्लेट से पूछा कि क्या वह ईमानदार दसमांश देती है। उसने जवाब दिया, “हां, अध्यक्ष एंडरसन। मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि कुछ सांसारिक और आत्मिक आशीषें हैं जो हमारा दसमांश देने से आती हैं। मेरी मां ने मुझे सिखाया कि अगर हम हमेशा अपना दसमांश देते हैं, तो हम कुछ भी नहीं चाहेंगे। और अध्यक्ष एंडरसन, हम कुछ भी नहीं चाहते हैं।”
अपनी कहानी साझा करने की अनुमति देते हुए, शार्लोट, जो अब 45 साल की हो चुकी है और मंदिर में मुहरबंद हुई थी, ने टिप्पणी की: “उस समय मेरी गवाही बहुत वास्तविक थी, और यह अब अधिक मजबूत है। मैं इस आज्ञा के प्रति हृदय से आभारी हूं। जब मैं इसे जीती हूं,तो मैं बहुतायत से आशीषित होती हूं।”25
एक दिन, हम में से प्रत्येक अपनी सांसारिक यात्रा समाप्त करेगा। पच्चीस साल पहले, मेरी सास, मार्था विलियम्स की कैंसर से मृत्यु से कुछ दिन पहले, उन्हें डाक से छोटी सी राशि चेक मिला था। उन्होंने तुरंत मेरी पत्नी, कैथी से अपना दसमांश देने के लिए अपनी चेकबुक मांगी थी। चूंकि उसकी मां इतनी कमजोर हो गई थी कि वह मुश्किल से लिख सकती थी, कैथी ने पूछा कि क्या वह चेक लिखने में मदद कर सकती है। उसकी मां ने जवाब दिया, “नहीं कैथी। मैं इसे स्वयं करना चाहती हूं। और फिर उन्होंने धीरे से कहा, “मैं प्रभु के समक्ष ईमानदार होना चाहती हूं। कैथी ने अपनी मां के लिए जो अंतिम काम किया था, उनमें से एक यह था कि उसने अपने धर्माध्यक्ष को उनका दसमांश का लिफाफा दिया था।
परमेश्वर का महत्वपूर्ण कार्य
मेरे भाइयों-बहनों, अंतिम-दिनों के संतों का यीशु मसीह का गिरजा “अंधकार से बाहर”26 निकल कर पृथ्वी भर में उल्लेखनीय आशीषें ला रहा है। ऐसे लोग होंगे जो हमें आगे बढ़ने में सहयोग करते हैं और कुछ नहीं करते हैं। मैंने समझदार गमलील के शब्दों के बारे में सोचा है, जिसने प्रेरित पतरस और यूहन्ना के चमत्कारों को देखकर यरूशलेम में परिषद को चेतावनी दी थी:
इन [पुरूषों से] दूर ही रहो …; क्योंकि यदि यह धर्म या काम मनुष्यों की ओर से हो तब तो मिट जाएगा
परन्तु यदि परमेश्वर की ओर से है, तो तुम उन्हें कदापि मिटा न सकोगे; कहीं ऐसा न हो, कि तुम परमेश्वर से भी लड़ने वाले ठहरो।”27
आप और मैं पृथ्वी पर परमेश्वर के महत्वपूर्ण कार्य का हिस्सा हैं। यह मिटेगा नहीं, लेकिन विश्व भर में फैलेगा, उद्धारकर्ता के आगमन के लिए मार्ग तैयार करेगा। मैं अध्यक्ष रसेल एम. नेल्सन के शब्दों की गवाही देता हूं: “आने वाले समय में, हम उद्धारकर्ता की शक्ति की सबसे बड़ी घटनाएं देखेंगे जो शायद ही संसार ने कभी देखी हो । अब से लेकर और जब तक वह लौटता है … वह विश्वासी को अनगिनत सौभाग्य, आशीषें और चमत्कार प्रदान करेगा।”28
यह मेरी गवाही है। यीशु ही मसीह है। यह उसका पवित्र कार्य है। वह फिर आएगा। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।