परमेश्वर आपको जानता और प्रेम करता है
परमेश्वर की प्रसन्नता की योजना आपके लिए है। आप उसके अनमोल और मूल्यवान बच्चे हो।
छह साल पहले हमारा परिवार ऑक्सफोर्ड शहर के बाहर रात में सड़क से जा रहे थे । जैसा कि अक्सर छोटे बच्चों के साथ होता है, हमें रुकने की जरूरत थी, इसलिए हमें विभिन्न प्रकार की दुकानों और रेस्तरां के बीचएक सर्विस स्टेशन मिला। अनुशासन के साथ, हम कार से बाहर निकले, अपना-अपना काम किया, और अपनी यात्रा के लिए फिर से कार वापस बैठ गए।
पंद्रह मिनट बाद, हमारे सबसे बड़े बेटे ने एक जरूरी प्रश्न पूछा: “जैस्पर कहां है?” जैस्पर हमेशा कार के पीछे अकेला ही बैठता है। हमें लगा कि वह सो गया है या छिप रहा है या हमारे साथ कोई चालाकी कर रहा है।
जब उसके भाई ने कार के पीछे बहुत ध्यान से देखा, तो हमने पाया कि हमारा पांच साल का बेटा वहां नहीं था। हम भयभीत हो गए। जब हमने सर्विस स्टेशन लौटने के लिए कार को घुमाया, हमने स्वर्गीय पिता से विनती की कि जैस्पर सुरक्षित मिल जाए। हमने पुलिस को फोन किया और उन्हें इस बारे में बताया।
जब हम उत्सुकता से वहां पहुंचे, तो 40 मिनट के बाद, हमने कार पार्क में दो पुलिस गाड़ियों को देखा, जिनकी रोशनी चमक रही थी। उनमें से एक के अंदर जैस्पर था, जो बटन से खेल रहा था। मैं उस आनंद को कभी नहीं भूलूंगा जो हमने उससे फिर से मिलने पर महसूस किया था।
उद्धारकर्ता के कई दृष्टांत जो बिछड़े या खोए हुओं को एकत्र करने, पुनर्स्थापित करने या खोजने का प्रयास करने पर केंद्रित हैं। इनमें खोई हुई भेड़, खोया हुआ सिक्का और खोए हुए पुत्र के दृष्टांत हैं।1
जब जैस्पर के साथ हुई यह घटना वर्षों से मेरे मन में बनी हुए है, तो मैंने परमेश्वर के बच्चों की दिव्य पहचान और महत्व, यीशु मसीह की मुक्तिदायक शक्ति, और स्वर्ग में पिता के परिपूर्ण प्रेम पर विचार किया है जो आपको और मुझे जानता है। मुझे आशा है कि मैं आज इन सच्चाइयों की गवाही दे पाऊंगा।
I. परमेश्वर के बच्चे
जीवन चुनौतीपूर्ण है। बहुत से लोग अभिभूत, अकेले, अलग-थलग या थके हुए महसूस करते हैं। जब परेशानियां आती हैं, तो हम महसूस कर सकते हैं कि हम भटक गए हैं या पीछे रह गए हैं। यह जानकर कि हम सभी परमेश्वर के बच्चे हैं और उसके अनंत परिवार के सदस्य हैं, अपनेपन और उद्देश्य की भावना को पुनर्स्थापित होती है।2
अध्यक्ष एम. रसल ब्लार्ड ने साझा किया था: “एक महत्वपूर्ण पहचान है जिसे हम सभी अब और हमेशा के लिए साझा करते हैं। … यही कारण है कि आप हमेशा परमेश्वर के बेटे या बेटी रहे हैं। … इस सच्चाई को समझना—वास्तव में इसे समझना और इसे गले लगाना—जीवन बदल देता है।”3
आप स्वर्ग में अपने पिता के लिए कितने महत्वपूर्ण हो, इसे गलत मत समझो या इसका अवमूल्यन मत करो। आप प्रकृति के अचानक उत्पन्न हुए, ब्रह्मांड में अनाथ, या भौतिक वस्तुओं से अनियमित रूप से बने पदार्थ नहीं हो। इस सृष्टि की रचना उद्देश्य के साथ की गई है।
आपके जीवन का अर्थ और उद्देश्य है। यीशु मसीह के सुसमाचार की निरंतर चल रही पुन:स्थापना आपकी दिव्य पहचान के बारे में आत्मिक ज्ञान और समझ लाती है। आप स्वर्गीय पिता की प्रिय बच्चे हो । वे सभी दृष्टांत और शिक्षाएं आपके बारे में हैं। परमेश्वर आपसे इतना प्रेम करता है कि उसने अपने पुत्र को आपको चंगा करने, बचाने और मुक्त कराने के लिए भेजा था।4
यीशु मसीह ने प्रत्येक व्यक्ति के दिव्य स्वभाव और अनंत मूल्य को पहचाना था।5 उसने समझाया कि कैसे परमेश्वर से प्रेम करने और अपने पड़ोसी से प्रेम करने की दो महान आज्ञाएं6परमेश्वर की सभी आज्ञाओं की बुनियाद हैं। हमारी दिव्य जिम्मेदारियों में से एक जरूरतमंद लोगों की देखभाल करना है।7 यही कारण है कि यीशु मसीह के शिष्यों के रूप में, हम “एक-दूसरे के बोझ को उठाते हैं, … उन लोगों के साथ शोक करते हैं जो शोक मनाते हैं … और उन लोगों को दिलासा देते हैं जिन्हें दिलासे की जरूरत है।”8
धर्म केवल परमेश्वर के साथ हमारे सम्बन्ध के बारे में नहीं है; यह एक-दूसरे के साथ हमारे संबंधों के बारे में भी है। एल्डर हॉलैंड ने समझाया कि अंग्रेजी शब्द धर्म लैटिन शब्द रेलिगेयरसे आया है, जिसका अर्थ है “बांधना” या, अधिक शाब्दिक रूप से, “फिर से बांधना।” इस प्रकार, “सच्चा धर्म वह बंधन है जो हमें परमेश्वर और एक-दूसरे से बांधता है।”9
हम एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, यह वास्तव में महत्वपूर्ण है। अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन सिखाते हैं, “उद्धारकर्ता का संदेश स्पष्ट है: उसके सच्चे शिष्य निर्माण, उत्थान, प्रोत्साहित, समझाते और प्रेरित करते हैं।”10 यह तब अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब हमारे साथी यात्री खोए हुए, अकेले, भुलाए गए या अलग किए महसूस करते हैं।
हमें संघर्ष कर रहे लोगों को खोजने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं है। हम अपने परिवार, गिरजे या स्थानीय समुदाय में किसी की मदद करके आरंभ कर सकते हैं। हम अत्यधिक गरीबी में रहने वाले 700 मिलियन लोगों या उत्पीड़न,11 संघर्ष और हिंसा के कारण मजबूरी में विस्थापित होने वाले 100 मिलियन लोगों की पीड़ा को दूर करने की भी कोशिश कर सकते हैं।12 यीशु मसीह जरूरतमंद लोगों की देखभाल करने का सबसे अच्छा उदाहरण है - भूखे, अनजान, बीमार, गरीब, कैदी। उसका काम हमारा काम है।
एल्डर गेरिट डब्ल्यू.गोंग सिखाते हैं कि “परमेश्वर तक की हमारी यात्रा अक्सर मिलकर की जाती है।”13 इस प्रकार, हमारे वार्डों को परमेश्वर के सभी बच्चों के लिए एक आश्रय होना चाहिए। क्या हम निष्क्रिय रूप से गिरजे में भाग ले रहे हैं या सक्रिय रूप से ऐसे समुदायों का निर्माण कर रहे हैं जिनका उद्देश्य आराधना करना, मसीह को याद रखना और एक दूसरे की सेवा करना है?14 हम अध्यक्ष नेल्सन की सलाह पर ध्यान दे सकते हैं कि अलोचना कम करें, प्रेम अधिक करें, और अपने शब्दों और कार्यों के द्वारा यीशु मसीह के शुद्ध प्रेम का प्रदर्शन करें।15
II. यीशु मसीह की मुक्तिदायक शक्ति
यीशु मसीह का प्रायश्चित हमारे स्वर्गीय पिता के उसके बच्चों के प्रति प्रेम की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है।16 शब्द प्रायश्चित बिछड़े हुए लोगों को “नजदीक लाना या मेल” करना।
हमारे उद्धारकर्ता का मिशन स्वर्गीय पिता के पास लौटने का मार्ग और यात्रा में राहत दोनों को प्रदान करना था। उद्धारकर्ता अपने अनुभव के द्वारा जानता है कि जीवन की चुनौतियों में हमें कैसे राहत देनी है।17 इसे समझने में कोई गलती मत करना, मसीह हमारा बचावकर्ता और हमारी आत्माओं का मरहम लगाने वाला है।
जब हम विश्वास करते हैं, तो वह हमें कठिनाइयों में आगे बढ़ने में मदद करता है। वह अपने प्रेमपूर्ण और दयालु निमंत्रण को देना जारी रखता है:
“हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
“मेरा जुआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।”18
जूए का तुलना प्रभावशाली है। जैसा कि अध्यक्ष हॉवर्ड डब्ल्यू. हंटर ने समझाया: “जुआ ऐसा उपकरण होता था जो मजबूत जानवर की ताकत को साथी जानवर की ताकत के साथ जोड़ना संभव करता था, जिससे कार्य करने के कठिन श्रम को कम और बंट जाता है। ऐसा कार्य जो किसी एक के लिए कठिन या शायद असंभव था, उसे एक समान रूप से और आराम से एक जुए द्वारा बंधे हुए दो लोगों द्वारा सरलता किया जा सकता था।”19
अध्यक्ष नेल्सन ने सिखाया: “आप मसीह के पास उसके साथ और उसकी सामर्थ्य के साथ बंधे रहने के लिए आते हो, ताकि आपको अकेले जीवन का भार न उठाना पड़े। आप संसार के उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता के साथ जीवन का जुआ उठाकर चलते हो।”20
हम स्वयं को उद्धारकर्ता के जुए से कैसे जोड़ते या बांधते हैं? एल्डर डेविड ए. बेडनार सिखाते हैं:
“पवित्र अनुबंधों को बनाना और उनका पालन करना हमें प्रभु यीशु मसीह के जुए से जोड़ता है। संक्षेप में, उद्धारकर्ता हमें उस पर भरोसा करने और उसके साथ जुड़ने के लिए कह रहा है। …
हमें अकेले रहने की जरूरत नहीं है और न ही कभी रहना चाहिए।21
किसी भी बोझ से दबे, खोए हुए, परेशान हुए व्यक्ति को, यह अकेले करने की जरूरत नहीं है।22 मसीह के प्रायश्चित और उसकी विधियों के माध्यम से आप उसका जुआ उठा या बंधे हो सकते हैं। वह प्रेम से आगे की यात्रा का सामना करने के लिए आवश्यक शक्ति और राहत प्रदान करेगा। वह अभी भी हमारे तूफानों में शरणस्थल है।23
III. स्वर्गीय पिता का प्रेम
मैं बता दूं कि, जैस्पर मजाकिया, स्नेही, बुद्धिमान और बहुत शरारती है। लेकिन इस कहानी में जरूरी यह है कि वह मेरा है। वह मेरा बेटा है, और मैं उससे बहुत प्रेम करता हूं इतना कि वह कभी नहीं जान पाएगा। यदि एक अपूर्ण, सांसारिक पिता अपने बच्चे के बारे में ऐसा महसूस करता है, तो क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक परिपूर्ण, महिमामय, प्रेम करने वाला स्वर्गीय पिता आपके बारे में कैसा महसूस करता है?
उभरती पीढ़ी के मेरे प्यारे दोस्तों: कृपया जान लें कि विश्वास को कर्म की आवश्यकता होती है।24 हम एक ऐसे समय में रहते हैं जहां कई लोगों के लिए केवल “देखना विश्वास करना” है। विश्वास चुनौतीपूर्ण हो सकता है और चुनाव करनी की आवश्यकता होती है। लेकिन प्रार्थनाओं का जवाब मिलता है।25 और जवाब महसूस किया जा सकता है। जीवन में कुछ अत्यधिक सच्ची बातें देखी नहीं जाती हैं; वे महसूस, समझी और अनुभव की जाती हैं। वे सच्ची भी होती हैं।
यीशु मसीह चाहता है कि आप स्वर्ग में अपने पिता के साथ संबंध को जानें और उसके साथ संबंध बनाएं।27 उसने सिखाया था, “तुम में से ऐसा कौन मनुष्य है जिसका पुत्र है, और वह बाहर खड़ा हो, और कहे, हे पिता, अपना घर खोल दे ताकि मैं आकर तेरे पास बैठ सकूं, और तुम यह न बोलो, कि हे मेरे पुत्र, अंदर आ जा; क्योंकि जो मेरा वो तेरा है, और तेरा मेरा है?”28 क्या आप अनन्त पिता परमेश्वर की व्यक्तिगत, प्रेमपूर्ण, छवि के बारे में सोच सकते हैं?
आप उसके बच्चे हो। यदि आप खोया हुआ महसूस कर रहे हैं, यदि आपके पास प्रश्न हैं या ज्ञान की कमी है, यदि आप अपनी परिस्थितियों या आध्यात्मिक असंगति से जूझ रहे हैं, तो उसके पास आएं। दिलासा, प्रेम, उत्तर और दिशा के लिए उससे प्रार्थना करें। जो भी जरूरत हो और आप जहां भी हो, अपने स्वर्गीय पिता को अपना हृदय दे दो। कुछ लोगों के लिए, आप अध्यक्ष नेल्सन के निमंत्रण का पालन कर सकते हैं और “पूछ सकते हैं कि क्या वह वास्तव में है—क्या वह आपको जानता है। उससे पूछें कि वह आपके बारे में कैसा महसूस करता है। और फिर सुनें।”29
प्रिय भाइयों और बहनों:
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स्वर्ग में अपने पिता को जानो। वह परिपूर्ण और प्रेम करने वाला है।
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जानिए यीशु मसीह कौन है30 वह हमारा उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता है। स्वयं को और उन लोगों को जिन्हें आप प्रेम करते हैं उससे जोड़ें।
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और जानें कि आप कौन हैं। अपनी वास्तविक दिव्य पहचान को जानें। परमेश्वर की प्रसन्नता की योजना आपके लिए है। आप उसके अनमोल और मूल्यवान बच्चे हो। वह आपको जानता और आपसे प्रेम करता है ।
इन सरल किन्तु मौलिक सच्चाइयों की मैं यीशु मसीह के नाम में गवाही देता हूं, आमीन ।