यीशु मसीह मूल्यवान है
मसीह पर ध्यान केंद्रित करें वह हमारा उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता है, वह “लक्ष्य” है जिसे हमें देखना चाहिए, और हमारे लिए मूल्यवान है।
1907 में, जॉर्ज हर्बर्ट नाम के एक अमीर अंग्रेज, कार्नारवॉन के पांचवें अर्ल,1 मिस्र चले गए और पुरातत्व में रुचि ली थी। उन्होंने एक प्रसिद्ध मिस्र विज्ञानी, हॉवर्ड कार्टर से संपर्क किया और एक साझेदारी का प्रस्ताव दिया। कार्टर को उनके खुदाई के काम की देखरेख करनी थी, और कार्नारवॉन इसका खर्चा देते।
उन्होंने मिलकर सफलतापूर्वक कई स्थानों का पता लगाया। फिर, उन्हें वर्तमाम लक्सर के पास स्थित राजाओं की घाटी में खुदाई करने की अनुमति मिली, जहां कई फिरौन की कब्रें थी। उन्होंने राजा तूतनखामुन की कब्र की तलाश करने का निर्णय किया। तूतनखामुन 3,000 साल पहले मिस्र के सिंहासन पर बैठा था और अपनी मृत्यु से पहले दस साल तक राज किया था।2 उन्हें राजाओं की घाटी में दफनाया गया था,3 लेकिन उनकी कब्र का स्थान किसी को पता नहीं था।
कार्टर और कार्नारवॉन को तूतनखामुन की कब्र खोजने में पांच साल लगे थे। आखिरकार कार्नारवॉन ने कार्टर को बताया कि उसने खोज का काम पूरा कर लिया था। कार्टर ने केवल एक बार फिर खुदाई करने का अनुरोध किया, और कार्नारवॉन मान गया और खर्चा देने के लिए सहमत हो गया।
कार्टर ने महसूस किया कि राजाओं की घाटी की पूरी खुदाई हो चुकी थी—उसके स्वयं के बेसकैंप के आस-पास के क्षेत्र को छोड़कर। कुछ दिन वहां खुदाई करने के बाद , उन्हें नीचे कब्र की ओर जाने वाली सीढ़ियां मिली थी।4
जब कार्टर ने तूतनखामुन के मकबरे के कक्ष में झांका, तो उसने चारों तरफ सोना बिखरा हुआ देखा। वहां मिली सामग्री को सूचीबद्ध करने के लगभग तीन महीने बाद, उन्होंने फरवरी 1923 में बंद दफन कक्ष खोला—100 साल पहले। यह बीसवीं शताब्दी की सबसे प्रसिद्ध पुरातात्विक खोज थी।
असफल खोज के उन वर्षों के दौरान, कार्टर और कार्नारवॉन ने इस बात की अनदेखी की थी कि उनके आस-पास क्या था। उद्धारकर्ता के जन्म से लगभग पांच शताब्दी पहले, मॉरमन की पुस्तक के भविष्यवक्ता याकूब ने कहा था कि आस-पास की वस्तुओं को “लक्ष्य से परे देखने” या तो उन्हें हल्के में लिया जाता है या कम करके आंका जाता है। याकूब ने भविष्यवाणी की थी कि यरूशलेम के लोग प्रतिज्ञा किए मसीहा को नहीं पहचानेंगे जब वह आएगा। याकूब ने भविष्यवाणी की थी कि ऐसे लोग होंगे जो स्पष्ट शब्दों की अनदेखी करेंगे, और … उन बातों की खोज करेंगे जिन्हें वे समझते नहीं हैं। इसलिए, उनके अंधेपन के कारण, यह अंधापन लक्ष्य से परे देखने के कारण आएगा, उनका पतन अवश्य होगा।”5 दूसरे शब्दों में, वे ठोकर खाएंगे।
याकूब की भविष्यवाणी सही साबित हुई थी। यीशु की नश्वर सेवकाई के दौरान, बहुत-से लोग लक्ष्य से परे, अनावश्यक बातों पर ध्यान देने लगे। उन्होंने संसार के उद्धारकर्ता पर ध्यान नहीं दिया। स्वर्गीय पिता की योजना को पूरा करने में उसकी भूमिका को पहचानने के बजाय, उन्होंने उसकी निंदा की और उसे क्रूस पर चढ़ा दिया। उन्होंने किसी अन्य की खोज और प्रतीक्षा की थी कि वह उन्हें उद्धार दिलाएगा
यरूशलेम के लोगों के समान, और कार्टर और कार्नारवॉन के समान, हम में भी लक्ष्य से परे देखने की प्रवृति हो सकती है। हमें इस प्रवृत्ति से बचने की आवश्यकता है ताकि ऐसा न हो कि हम अपने जीवन में यीशु मसीह को पाने में चूक जाएं और उन कई आशीषों को पहचानने में विफल हों जो वह हमें देता है। हम उसकी आवश्यकता है। हमें सलाह दी गई है “पूर्ण रूप से उसके गुणों पर निर्भर हों जो बचाने में पराक्रमी है।”6
वह हमारा लक्ष्य है। यदि हम गलत कल्पना करते हैं कि जो वह देता है उससे परे किसी अन्य की आवश्यकता है, तो हम उस दायरे और शक्ति को अस्वीकार या कम कर देते हैं जो वह हमारे जीवन में ला सकता है। उसने दया के अधिकारों का दावा किया और उस दया को हमें दिया है।7 वही असली स्रोत है जिसके पास “हमें अपने पापों की क्षमा के लिए जाना चाहिए।”8 वह पिता के पास हमारा सहायक है और जो कुछ पिता चाहता है, उसका समर्थन करता है, ताकि हम उसके राज्य में उत्तराधिकारी के रूप में उसके पास लौटें। हमें, भविष्यवक्ता अलमा के वचनों में, “अपनी नजर उठाएं और परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करना आरंभ कर दें, कि वह अपने लोगों की मुक्ति के लिए आएगा, और यह कि उनके पापों के प्रायश्चित के लिए वह सहेगा और मर जाएगा; और यह कि वह मुर्दों में से फिर से जी उठेगा, जिससे पुनरुत्थान होगा।”9 यीशु मसीह हमारे लिए मूल्यवान है।
उद्धारकर्ता ने हमें स्वच्छा से उस पर ध्यान केंद्रित करने के कई तरीके दिए हैं, जिसमें प्रतिदिन पश्चाताप करने का अवसर भी शामिल है। कभी-कभी, हम इस आशीष की महानता को कम आंकते हैं। जब मैं आठ साल का था, तो मेरे पिता ने मुझे बपतिस्मा दिया था। इसके बाद में, मैंने उनका हाथ पकड़ा क्योंकि हम व्यस्त सड़क पार करने जा रहे थे। मैं ध्यान से नहीं चल रहा था और जैसे ही मैं फुटपाथ से उतरा एक बड़ा ट्रक तेजी से वहां से गुजरा। मेरे पिता ने मुझे झटके से वापस सड़क से खींचा और फुटपाथ पर ले लिया। अगर वह ऐसा नहीं करते तो मैं ट्रक की चपेट में आ जाता। अपने शरारती स्वभाव में, मैंने सोचा, “शायद मेरा ट्रक द्वारा मर जाना बेहतर होता क्योंकि मैं कभी भी उतना शुद्ध नहीं हो पाऊंगा जितना मैं अभी अपने बपतिस्मे के बाद हूं।
आठ वर्ष की आयु में, मैंने गलती से मान लिया था कि बपतिस्मा के पानी ने पापों को धो दिया है। ऐसा नहीं होता है। अपने बपतिस्मे के बाद के वर्षों में, मैंने सीखा है कि पापों को यीशु मसीह की शक्ति के द्वारा उसके प्रायश्चित बलिदान के द्वारा शुद्ध किया जाता है जब हम बपतिस्मा अनुबंध बनाते और उसका पालन करते हैं।10 फिर, पश्चाताप के उपहार के द्वारा, हम शुद्ध बने रह सकते हैं। मैंने यह भी सीखा है कि प्रभु-भोज हमारे जीवन में एक शक्तिशाली पवित्र प्रक्रिया है, जिससे हम अपने पापों की क्षमा को बनाए रखने में सक्षम होते हैं।11
कार्टर और कार्नारवॉन के आस-पास जो खजाना था, उसी तरह हर बार जब हम प्रभु-भोज सभा में भाग लेते हैं तो प्रभु-भोज की मूल्यवान आशीषें हमें उपलब्ध होती हैं। हमसे प्रतिज्ञा की गई है कि पवित्र आत्मा निरंतर हमारे साथ रहेगी यदि हम प्रभु-भोज को उसी तरह से अपनाते हैं जैसे कोई नया परिवर्ति व्यक्ति टूटे हुए हृदय और पश्चातापी आत्मा से बपतिस्मा और पुष्टिकरण प्राप्त करता, और बपतिस्मा के अनुबंध का पालन करने का दृढ़ संकल्प लेता है। पवित्र आत्मा हमें इसकी पवित्र करने की शक्ति से आशीष देती है ताकि हम हमेशा अपने पापों की क्षमा को कायम रख सकें, सप्ताह-दर-सप्ताह।12
पश्चाताप के द्वारा, और ईमानदारी से तैयारी करके और प्रभु-भोज में भाग लेने से हमारी आत्मिक नींव मजबूत होती है। केवल मजबूत आत्मिक नींव के साथ ही हम वर्षा, हवा और बाढ़ रूपी कष्टों का सामना कर सकते हैं जब ये हमाके जीवन में आते हैं।13 इसके विपरीत, हमारी आत्मिक नींव कमजोर हो जाती है जब हम स्वेच्छा से प्रभु-भोज की सभा का त्याग कर देते हैं या जब हम प्रभु-भोज के दौरान उद्धारकर्ता पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं। हम अनजाने में “स्वयं को प्रभु की आत्मा से अलग कर देते हैं जिससे वह हमारे अंदर रह कर हमें विवेक के उस मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन नहीं कर सकती जिस पर चला कर हम आशीष द्वारा संपन्न और सुरक्षित रख सकें।”14।
जब हमारे साथ पवित्र आत्मा होती है, तो हम अन्य अनुबंधों को बनाने और उन्हें बनाए रखने के लिए प्रेरित और निर्देशित किए जाएंगे, जिन्हें हम मंदिरों में बनाते हैं। ऐसा करने से परमेश्वर के साथ हमारा रिश्ता अधिक गहरा हो जाता है।15 आपने देखा होगा कि हाल के वर्षों में कई नए मंदिरों की घोषणा की गई है, जो मंदिरों को सदस्यों के निकट लाते हैं।16 विडंबना यह है कि जब मंदिर अधिक सुलभ होते जाते हैं, तो हम मंदिर जाने के प्रति अधिक लापरवाह हो सकते हैं। जब मंदिर दूर होते हैं, तो हम आराधना करने के लिए मंदिर की यात्रा के अपने समय और साधनों की योजना बनाते हैं। हम इन यात्राओं को प्राथमिकता देते हैं।
मंदिर के निकट होने के पर, अन्य कामों में व्यस्त होने के कारण हमारे लिए स्वयं से कहना आसान हो जाता है, “मैं किसी और समय मंदिर चले जाऊंगा।” मंदिर के करीब रहने से मंदिर जाने के लिए समय निर्धारित करने में अधिक सुविधा मिलती है, लेकिन इस सुविधा के कारण मंदिर को हल्के में लेना आसान बना सकता है। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम “लक्ष्य से भटक जाते हैं,” उसके पवित्र घर में उद्धारकर्ता के करीब आने के अवसर को कम आंकते हैं। मंदिर जाने की हमारी प्रतिबद्धता अधिक सुदृढ़ होनी चाहिए चाहे मंदिर पास में हो या दूर हो।
कार्टर और कार्नारवॉन ने तूतनखामुन की कब्र की खोज में राजाओं की घाटी में कहीं और खुदाई करने के बाद, उन्हें अपनी लापरवाही का एहसास हुआ था। हमें अपने खजाने को खोजने के लिए असफल परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं है, जैसा कुछ समय उन्होंने किया था। न ही हमें अनजान स्रोतों से सलाह लेने की आवश्यकता है, यह सोचते हुए कि ऐसी सलाह उससे अधिक प्रबुद्ध होगी जिस हम परमेश्वर के विनम्र भविष्यवक्ता से प्राप्त कर सकते हैं।
जैसा कि पुराने नियम में लिखा है, जब नामान अपने कुष्ठ रोग का इलाज चाहता था, तो वह एक साधारण नदी में सात बार डुबकी लगाने के लिए कहे जाने पर क्रोधित था। लेकिन उसे भविष्यवक्ता एलीशा की सलाह का पालन करने के लिए मान गया, बजाय इसके कि वह चमत्कार होने की अपनी पूर्व-धारणाओं पर भरोसा करता। नतीजतन, वह ठीक हो गया था।17 जब हम आज धरती पर परमेश्वर के भविष्यवक्ता पर भरोसा करते हैं, और उसकी सलाह पर चलते हैं, तो हमें खुशी मिलेगी। हमें कहीं और देखने की आवश्यकता नहीं है।
भाइयों और बहनों, मैं आपको यीशु मसीह को याद और हमेशा उस पर केंद्रित रहने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। वह हमारा उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता है, वह “लक्ष्य” है जिसे हमें देखना चाहिए, और हमारे लिए मूल्यवान है। जब आप उसके निकट आते हैं, तो आपको जीवन की चुनौतियों का सामना करने की ताकत, सही काम करने का साहस, और नश्वरता में अपने उद्देश्य को पूरा करने की क्षमता मिलेगी। पश्चाताप करने का अवसर, प्रभु-भोज में भाग लेने के सौभाग्य, मंदिर अनुबंध बनाने और पालन करने की आशीष, मंदिर में अराधना करने का आनंद, और जीवित भविष्यवक्ता होने के आनंद को संजोकर रखें।
मैं अपनी गंभीर और निश्चित गवाही देता हूं कि परमेश्वर, अनन्त पिता, हमारा स्वर्गीय पिता है और वह जीवित है; यीशु ही मसीह है;18 वह हमारा दयालु, बुद्धिमान स्वर्गीय मित्र है, और यह उसका पुनर्स्थापित गिरजा है। आपके विश्वास और विश्वसनीयता के लिए धन्यवाद। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप आशीषित, समृद्ध हों और सुरक्षित रहें, यीशु मसीह के नाम में, आमीन।