महा सम्मेलन
श्रीमान, हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं
अक्टूबर 2023 महा सम्मेलन


10:23

श्रीमान, हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं

हम यीशु को देखना कि वह कौन है और उसके प्रेम को महसूस करना चाहते हैं।

चेहरा पहचानने में अंधापन

1945 के वसंत में एक दिन, एक युवक को सैनिक अस्पताल में होश में आया था। वह भाग्यशाली था कि वह जीवित बच गया था उसे कान के पीछे गोली मारी गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया, और वह अब सामान्य रूप से चल और बात कर सकता था।

दुख की बात है कि गोली ने उसके मस्तिष्क के उस हिस्से को खतम कर दिया था जो चेहरों को पहचानता था। वह अब अपनी पत्नी को अनजान होकर देख रहा था; वह अपनी मां को पहचान नहीं पाया था। यहां तक कि शीशे में अपना चेहरा भी उसके लिए अनजान था—वह यह नहीं बता सकता था कि वह पुरुष या महिला थी।1

वह चेहरा नहीं पहचान सकता था—एक ऐसी स्थिति जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है।2

जो लोग गंभीर रूप से चेहरे पहचान नहीं पाते हैं, वे याद करने के नियमों के द्वारा दूसरों की पहचान करने की कोशिश करते हैं—वे एक बेटी को उसकी झाइयों के पैटर्न से या किसी दोस्त को उसकी चाल से पहचान सकते हैं।

बड़ा होना

एक दूसरी कहानी है, घर के निकट: एक बालक के रूप में, मैंने अक्सर अपनी मां को नियम बनाने वाली के रूप में देखा था। वह फैसला लेती थी कि मैं कब खेल सकता हूं और कब मुझे बिस्तर पर जाना है या, इससे भी खराब, कब आंगन में घास खोदनी है।

वह निश्चित रूप से मुझसे प्यार करती थी। लेकिन बहुत बार और मुझे शर्म है कि, मैंने उन्हें केवल इस रूप में देखा कि “उनकी आज्ञा का पालन किया जाना चाहिए”।

केवल वर्षों बाद मैं उनका वास्तविक रूप को देख पाया था। मैं शर्मिंदा हूं कि मैंने वास्तव में उनके बलिदान पर कभी ध्यान नहीं दिया या सोचा कि वर्षों तक उन्होंने केवल वही दो पुरानी स्कर्ट क्यों पहनी थी (जबकि मुझे स्कूल के लिए नए कपड़े मिलते थे) या आखिरकार क्यों, वह इतनी थकी हुई और मुझे जल्दी सुलाने के लिए उत्सुक रहती थी।

हम चहरे पहचानने में अंधे हो सकते हैं

शायद आपने देखा है कि ये दो कहानियां वास्तव में एक ही कहानी है—बहुत वर्षों तक, मैं वास्तव में, चेहरे पहचानने में अंधा था। मैं अपनी मां के वास्तविक रूप को देखने में विफल रहा था। मैंने उनके नियम देखे लेकिन उसमें उनका प्यार नहीं देखा।

मैंने आपको एक बात समझाने के लिए ये दो कहानियां सुनाई हैं: मुझे संदेह है कि आप ऐसे किसी को जानते हों (शायद आप स्वयं ऐसे हों) जो एक प्रकार के आत्मिक चेहरे पहचानने में अंधेपन से पीड़ित है।

आपको परमेश्वर को प्यार करने वाले पिता के रूप में देखने में कठिनाई हो सकती है। हो सकता है आप स्वर्ग की ओर नजर उठाएं और देखें, प्रेम और अनुग्रह का कोई चेहरा नहीं, बल्कि नियमों का एक पुलिंदा जिसके द्वारा आपको अपना मार्ग तय करना चाहिए। शायद आप सोचते हैं कि परमेश्वर अपने स्वर्ग में शासन करता है, अपने भविष्यवक्ताओं के माध्यम से बोलता है, और आपकी बहन से प्यार करता है, लेकिन आपको आश्चर्य होता है कि क्या वह आपसे प्यार करता है।3 शायद आपने अपने हाथ में लोहे की छड़ को महसूस किया है, लेकिन अभी तक परमेश्वर के प्रेम का स्वाद नहीं चखा है, जिसकी ओर यह ले जाती है।4

मुझे लगता है कि आप इस तरह के लोगों को जानते हैं क्योंकि लंबे समय तक, मैं ऐसा ही था —मैं आत्मिक रूप से चेहरा पहचानने में अंधा था।

मैंने सोचा था कि मेरा जीवन नियमों का पालन करने और काल्पनिक मानकों को पूरा करने के लिए थी। मैं जानता था कि परमेश्वर परिपूण रूप से आप से प्रेम करता है, लेकिन स्वयं इसे महसूस नहीं किया था। मुझे लगता है कि मैंने अपने स्वर्गीय पिता के साथ रहने या उसके समान होने की तुलना में स्वर्ग में जाने के बारे में अधिक सोचा था।

यदि आप, मेरी तरह, कभी-कभी केवल होंठ हिला कर “मुक्तिभरे प्रेमगीत” गाने का दिखावा करते हैं,5 तो हम क्या कर सकते हैं?

उत्तर, जैसा कि अध्यक्ष रसेल एम. नेल्सन हमें याद दिलाते हैं, हमेशा यीशु है।6 और यह बहुत अच्छी बात है।

श्रीमान, हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं

यूहन्ना में एक छोटा पद है जो मुझे अच्छा लगता है। यह बाहरी लोगों के समूह के बारे में बताता है जो एक महत्वपूर्ण अनुरोध के साथ उसके शिष्य के पास जाते हैं। “श्रीमान,” उन्होंने कहा, “हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं।”7

यही हम सभी चाहते हैं—हम यीशु को देखना कि वह कौन है और उसके प्रेम को महसूस करना चाहते हैं। गिरजे में हम जो कुछ भी करते हैं उसमें से अधिकांश का यही कारण होना चाहिए—और निश्चित रूप से प्रत्येक प्रभु भोज सभा का भी। यदि आप सोच रहे हैं कि किस तरह का पाठ सिखाना है, किस तरह की सभा की योजना बनानी है, और क्या डीकनों के साथ जाना और सिर्फ गेंद से खेलना है, तो आप इस पद को अपने निर्देशिका के रूप में ले सकते हैं: क्या इससे लोगों को यीशु मसीह को देखने और उससे प्यार करने में मदद मिलेगी? यदि नहीं, तो शायद कुछ अन्य प्रयास करें।

जब मुझे एहसास हुआ कि मैं आत्मिक रूप से चेहरा पहचानने में अंधा था, कि मैंने नियम तो देखे लेकिन पिता की दया का चेहरा नहीं देखा, तो मुझे पता था कि यह गिरजे की गलती नहीं थी। यह परमेश्वर की नहीं थी, और इसका मतलब यह नहीं था कि सब कुछ खतम चुका था; यह कुछ ऐसा है जो हम सभी को सीखना चाहिए। यहां तक कि पुनरुत्थान के आरंभिक गवाह भी पुनर्जीवित प्रभु से आमने-सामने मिले थे और उसे नहीं पहचान पाए थे; बगीचे में यीशु की कब्र से लेकर गलील के तट पर, उन्होंने “यीशु को खड़े देखा और न पहचाना कि यह यीशु है।”8 उन्हें उसे पहचानना सीखना था, और हमें भी।9

उदारता

जब मुझे पता चला कि मैं आत्मिक रूप से चेहरा पहचानने में अंधा था, तो मैंने मॉरमन की सलाह “हृदय की पूरी ऊर्जा से” प्रार्थना करना आरंभ किया ताकि उस प्रेम से परिपूर्ण हो सकूं जिसकी प्रतिज्ञा उसके शिष्यों से की गई है—उसके प्रति मेरा प्रेम और मेरे प्रति उसका प्रेम—और “उसे वैसा ही देखूं जैसा वह है … इस आशा को प्राप्त करूं।”10 मैंने वर्षों से प्रार्थना की थी कि मैं परमेश्वर से प्रेम करने की पहली महान आज्ञा का पालन और महसूस करने में सक्षम हो सकूं कि “पहली महान सच्चाई … कि परमेश्वर हमें अपने संपूर्ण हृदय, शक्ति, मन और ताकत से प्रेम करता है।”11

सुसमाचार

मैंने चार सुसमाचारों को पढ़ा और फिर दुबारा पढ़ा—उसके नियमों को समझने के लिए नहीं, बल्कि यह देखने के लिए कि वह कौन है और वह किससे प्यार करता है। और, समय के साथ, मैं प्रेम की उस नदी में बहने लगा जो उससे बहती थी।

जब यीशु ने लोगों की सेवकाई आरंभ की, तो उसने कहा था कि वह “बन्धुओं को मुक्ति का और अन्धों को दृष्टि पाने का प्रचार करने और कुचले हुओं को छुड़ाने के लिए आया था।”12

यह सिर्फ कोई कार्य सूची या अच्छी प्रसिद्धि पाना नहीं थी, बल्कि यह उसके प्रेम की प्राकृतिक अभिव्यक्ति है।

सुसमाचारों को खोलने पर; लगभग हर पृष्ठ पर हम उसे उन लोगों की देखभाल करते हुए देखते हैं जो सामाजिक, आत्मिक और शारीरिक रूप से पीड़ित हैं वह उन लोगों को छूता है जो दूषित और अशुद्ध माने जाते हैं13 और भूखों को खिलाता है।14

यीशु के बारे में आपकी पसंदीदा कहानी कौन सी है? मुझे लगता है कि यह परमेश्वर के पुत्र द्वारा हाशिए पर किसी को गले लगाने के बारे में होगी—कोढ़ी,15 सामरी स्त्री,16 निंदनीय पापी,17 या सूबेदार।18 इस तरह का अनुग्रह अद्भुत है।

जितनी बार वह किसी अन्य व्यक्ति की प्रशंसा या चंगा या उसके साथ भोजन करता है, इन सब को लिखने की कोशिश करेंगे, ता लूका का अध्ययन समाप्त करने से पहले ही पेन की स्याही कम पड़ जाएगी।

जब मैंने इसे देखा, तो मेरा हृदय प्यार को पहचान कर खुश हुआ, और मुझे महसूस होने लगा कि वह मुझसे प्यार कर सकता है। जैसा अध्यक्ष नेल्सन ने सिखाया था, उद्धारकर्ता के बारे में जितना अधिक आप सीखते हैं, उसकी दया, उसके अनंत प्रेम पर भरोसा करना उतना ही आसान होगा।”19 और उतना अधिक आप अपने स्वर्गीय पिता पर भरोसा करोगे और उससे प्रेम करोगे।

एल्डर जेफरी आर. हॉलैंड ने सिखाया है, यीशु ने “हमें दिखाने आया था कि हमारा अनन्त पिता कौन और क्या परमेश्वर कैसा है, वह हर युग और राष्ट्र में अपने बच्चों के प्रति कितना समर्पित है।”20

पौलुस कहता है “सारी दया का पिता, और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर” है।”21

यदि आप उसे किसी अन्य रूप में देखते हैं, तो कृपया प्रयास करते रहें।

अनुबंध और परमेश्वर का आलिंगन

भविष्यवक्ता हमें उसके चेहरे को खोजने के लिए आमंत्रित करते हैं।22 मैं इसे याद दिलाने के रूप में लेता हूं कि हम अपने पिता की हम तब तक आराधना करते रहते हैं जब तक हम यीशु को हमारे पिता के प्रेम के चेहरे के रूप में नहीं देख लेते;23 जब तक हम उसका अनुसरण नहीं करने लगते, न कि केवल उसके नियमों का।24

जब भविष्यवक्ता और प्रेरित अनुबंध की बात करते हैं, तो वे उन कोचों की तरह नहीं होते हैं, जो दूर से ही हमें “कड़ी मेहनत करने” के लिए कहते हैं! वे चाहते हैं कि हम देखें कि हमारे अनुबंध मूल रूप से रिश्तों के बारे में है25 और आत्मिक चेहरे पहचानने के अंधेपन का इलाज हो सकता है।26 ये उसके प्रेम को प्राप्त करने के नियम नहीं हैं; क्योंकि वह पहले से ही आपसे परिपूर्ण रूप से प्यार करता है। हमारी चुनौती उस प्यार को समझने और फिर अपने जीवन को अभिव्यक्त करने की है।27

हम अपने अनुबंधों के द्वारा, मानो यदि किसी खिड़की के पीछे, पिता के दया के चेहरे को देखने में मदद मिलती है।

अनुबंध परमेश्वर के आलिंगन की अभिव्यक्ति हैं।

परमेश्वर के प्रेम की नदी

अंत, हम उसकी सेवा करके उसे देखना सीख सकते हैं। “क्योंकि एक मनुष्य अपने स्वामी को कैसे जानेगा जिसकी सेवा उसने पहले न की हो?”28

कुछ साल पहले, मुझे एक नई नियुक्ति मिली थी मैं स्वयं को जिसके योग्य महसूस नहीं कर रहा था। मैं जल्दी जाग गया, घबरा हुआ—लेकिन एक वाक्य के साथ जिसे मैंने पहले कभी नहीं सुना था: कि इस गिरजे में सेवा करना अपने बच्चों के लिए परमेश्वर के प्रेम की नदी में खड़े होने के समान है। यह गिरजा कुदाल और फावड़े लिए लोगों का समूह है, जो पंक्ति के अंत में उसके बच्चों तक परमेश्वर के प्रेम की नदी के प्रवाह को पहुंचने के लिए परिश्रम करते हैं।

आप जो भी हैं, आपका कुछ भी अतीत हो, इस गिरजे में आपके लिए भी जगह है।29

कुदाल और फावड़ा उठाओ और समूह में शामिल हो जाओ। उसके प्रेम को उसके बच्चों तक पहुंचाने में मदद करें और इसके छीटें आप पर भी गिरेंगे।30

आइए हम उसके प्रेममय चेहरे, उसके अनुबंध आलिंगन की खोज करें, और फिर संतों के साथ हाथ में हाथ डालकर और हम साथ मिलकर “Redeemer of Israel” गाएंगे:

मेरे प्रिय उद्धारकर्ता,

अपने चेहरे की ज्योति दिखाओ;

आपकी आत्मा आनंदित दिलासा देती है।

और आपके पवित्र स्थान

के लिए मधुर आकांक्षा

मेरे निराश हृदय में आशा लाती है।31

मेरी प्रार्थना है कि हम उसके प्रेममय चेहरे की खोज करें और उसकी दया के बरतन बनें।32 यीशु मसीह के नाम में, आमीन।

विवरण

  1. Hadyn D. Ellis and Melanie Florence, “Bodamer’s (1947) Paper on Prosopagnosia,” Cognitive Neuropsychology, खंड 7, संख्या 2, (1990) 84–91; Joshua Davis, “Face Blind,” Wired, Nov. 1, 2006, wired.com.

  2. Dennis Nealon, “How Common Is Face Blindness?,” Harvard Medical School, Feb. 24, 2023, hms.harvard.edu; see also Oliver Sacks, “Face-Blind,” The New Yorker, Aug. 23, 2010, newyorker.com.

  3. गिरजे के कुछ सदस्य सम्मेलन केंद्र और दुनिया भर के स्थानीय गिरजे में इस उपदेश से बार-बार घोषित सिद्धांत, सिद्धांतों और गवाहियों को सच्चाई के रूप में स्वीकार करते हैं—और फिर भी हो सकता है कि यह विश्वास करने के लिए संघर्ष करते हों कि ये अनन्त सच्चाइयां विशेष रूप से उनके जीवन और उनकी परिस्थितियों पर लागू होती हैं” (David A. Bednar, “Abide in Me, and I in You; Therefore Walk with Me,” Liahona, May 2023, 125)।

  4. देखें 1 नफी 8:19; 15:23। “बिना विश्वास और उस पर भरोसा किए, प्रभु की आज्ञाओं का पालन करना कठिन है” (Henry B. Eyring, “The Faith to Ask and Then to Act,” Liahona, Nov. 2021, 75)।

  5. अलमा 5:26

  6. देखें रसल एम नेल्सन, “उत्तर हमेशा यीशु मसीह है,” लियहोना , मई 2023, 127-28।

  7. यूहन्ना 12:21

  8. यूहन्ना 20:14। उन्होंने उसे एम्मास के मार्ग पर देखा परन्तु नहीं जाना (देखें लूका 24:16), एक बंद कमरे में (देखें लूका 24:37), गलील के तट पर (देखें यहून्ना 21:4), और उद्यान कब्र पर (देखें यूहन्ना 20:14)।

  9. यदि हम अपने संपूर्ण मन से उसे खोजते हैं, और विश्वास के साथ चलते रहते हैं, तो वह मिल जाएगा।

    “क्योंकि उन्हें मैं जानता हूं, वे हानि की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अंत में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। …

    तुम मुझे ढूंढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे” (यिर्मयाह 29:11, 13)।

    “दिन आएगा जब तुम परमेश्वर को भी ग्रहण करोगे, उसमें और उसके द्वारा सजीव होकर।

    तब तुम जानोगे कि तुमने मुझे देखा है, कि मैं हूं” (सिद्धांत और अनुबंध 88:49–50)।

    “प्रत्येक प्राणी जो अपने पापों को त्याग देता और मेरे निकट आता, और मेरा नाम लेता, और मेरी वाणी का पालन करता, और मेरी आज्ञाओं का पालन करता है, मुझे प्रत्यक्ष देखेगा और जानेगा कि मैं हूं।”(सिद्धांत और अनुबंध 93:1)

  10. मोरोनी 7:48। पौलुस उदारता को हमारी स्पष्ट रूप से देखने की क्षमता के साथ भी जोड़ता है। उदारता पर अपने महान उपदेश के समापन पर, वह लिखता है कि हालांकि अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; बाद में हम आमने सामने देखेंगे: … उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं” (1 कुरिंथियों 13:12).।

  11. जैफ्री आर. हॉलौंड, “Tomorrow the Lord Will Do Wonders among You,” Liahona, मई 2016, 127। “मसीह के शुद्ध प्रेम” की बड़ी परिभाषा… यह वह नहीं है जो हम मसीही विश्वासियों के रूप में प्रयास करते हैं, बल्कि दूसरों के प्रति प्रदर्शित करने में काफी हद तक विफल रहते हैं, बल्कि यह है कि मसीह हमारे प्रति प्रदर्शित करने में पूरी तरह से सफल रहा है। सच्ची उदारता केवल एक बार देखी गई है। यह पूरी तरह से और विशुद्ध रूप से हमारे लिए मसीह के अटल, परम और प्रायश्चित प्रेम में दिखाई गई है (जेफरी आर. हॉलैंड, Christ and the New Covenant: The Messianic Message of the Book of Mormon [1997], 336)।

  12. लुका 4:18, न्यू किंग जेम्स संस्करण।

  13. देखें मत्ती 8:3; 9:25

  14. देखें मत्ती 14:13-21

  15. देखें मत्ती 8:1-3

  16. देखें यूहन्ना 4:7–10; उसने सामरी की प्रशंसा की (देखें लूका 10:25–37)।

  17. देखे मत्ती 21:31; लूका 7:27-50; 15:1–10; यूहन्ना 8:2–12

  18. देखें मत्ती 8:5-13

  19. रसल एम. नेल्सन, “मसीह जी उठा है; उसमें विश्वास पहाड़ों को हटा देगा,” लियाहोना, मई 2021, 103।

  20. Jeffrey R. Holland, “The Grandeur of God,” Liahona, Nov. 2003, 70. जिस ने मुझे देखा है उस ने पिता को देखा है (यूहन्ना 14:9)।

  21. 2 कुरिंथियों 1:3

  22. देखें भजन संहिता 27:8; सिद्धांत और अनुबंध 88:68

  23. देखें 2 कुरिन्थियों 4:6; Pope Francis, “Misericordiae Vultus: Bull of Indiction of the Extraordinary Jubilee of Mercy,” Apostolic Letters, vatican.va.

  24. यह एक महत्वपूर्ण विषय है. यह केवल उद्धार और उत्कर्ष का कार्य नहीं है, बल्कि उसका उद्धार और उत्कर्ष का कार्य है (General Handbook: Serving in The Church of Jesus Christ of Latter-day Saints, 1.2, गॉस्पल लाइब्रेरी देखें)। मैं सिर्फ एक मंदिर में नहीं जाता बल्कि प्रभु के घर जाता हूं; यह मॉरमन गिरजा नहीं बल्कि यीशु मसीह का गिरजा है (देखें Russell M. Nelson, “The Correct Name of the Church,” Liahona, Nov. 2018, 87–89)। हमारे मार्गदर्शक हमें उसकी ओर इशारा करते हैं और यहां तक कि हमें याद दिलाते हैं कि उसके अलावा “प्रायश्चित’ नामक कोई नहीं है जिस पर हम सहायता, चंगाई, क्षमा या शक्ति मांग सकें। यीशु मसीह स्रोत है” (Russell M. Nelson, “Drawing the Power of Jesus Christ into Our Lives,” Liahona, May 2017, 40)

  25. “अनुबंध का मार्ग परमेश्वर के साथ हमारे संबंध के बारे में है”; यह “प्यार का मार्ग है— … दयालु, देखभाल करना और एक-दूसरे तक पहुंचना” (Russell M. Nelson, “The Everlasting Covenant,” Liahona, Oct. 2022, 11).

    डेविड ए. बेडनार, “धन्य और खुशहाल राज्य” देखें (नए मिशन मार्गदर्शकों के लिए सेमिनार में दिया गया संबोधन, 24 जून, 2022); स्कॉट टेलर, “एल्डर बेडनार ने आज्ञाकारिता के ‘धन्य और खुशहाल राज्य’ पर 7 पाठ साझा किए,” Church News, 27 जून, 2022, thechurchnews.com।

    पवित्र अनुबंधों को बनाना और पौरोहित्य की विधियों को योग्यता से प्राप्त करना हमें प्रभु यीशु मसीह और स्वर्गीय पिता के साथ जोड़ता और बांधता है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि हम उद्धारकर्ता पर अपने पक्षधर और मध्यस्थ के रूप में और जीवन की यात्रा के दौरान उसकी योग्यताओं, दया और अनुग्रह पर भरोसा करते हैं। …

    अनुबंध प्रतिज्ञाओं का पालन और प्रेम करना, प्रभु के साथ एक ऐसा संबंध जोड़ता है जो गहन व्यक्तिगत और आत्मिक रूप से शक्तिशाली होता है। तब यीशु पवित्रशास्त्रों की कहानियों में मात्र एक मुख्य किरदार की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है; उसके उदाहरण और शिक्षाएं हमारी हर इच्छा, विचार और कार्य को प्रभावित करती हैं” (David A. Bednar, “But We Heeded Them Not,” Liahona, May 2022, 15)।

    देखें डी. टॉड क्रिस्टोफ़रसन, “परमेश्वर के साथ हमारा संबंध,” लियाहोना, मई 2022, 78–80.

  26. और उसकी विधियों, और पौरोहित्य के अधिकार के बिना, परमेश्वर की शक्ति शरीर में मनुष्यों के लिए प्रकट नहीं होती है।”2

    “क्योंकि बिना इसके कोई व्यक्ति परमेश्वर के चेहरे को नहीं देख सकता, अर्थात पिता को, और जीवित रहे” (सिद्धांत और अनुबंध 84:21–22)।

  27. पेट्रीसिया हॉलैंड, “A Future Filled with Hope” (worldwide devotional for young adults, Jan. 8, 2023), Gospel Library:

    “आपको [इस आशा से कि वह आपकी मदद करेगा] इधर-उधर भटने की जरूरत नहीं है; आप नहीं करते हैं और आप इसे बना नहीं सकते हैं। अनुग्रह के क्षेत्र में बहुत कुछ की तरह, आप इसे अपनी शक्ति या किसी अन्य व्यक्ति की शक्ति पर भरोसा करके प्राप्त नहीं करेंगे। कोई गुप्त सूत्र या कोई जादुई मंत्र शामिल नहीं हैं। …

    “वास्तव में हम जो भूमिका निभाते हैं वह महत्वपूर्ण है लेकिन वास्तव में बहुत छोटी है; परमेश्वर के पास कार्य का बड़ा हिस्सा है। हमारा काम विनम्रता और सादगी में उसके पास आना है, तो हमें चिंता नहीं करनी चाहिए और डरना नहीं चाहिए।”

  28. मुसायाह 5:13; देखें यूहन्ना 17:3

  29. और अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने हम से “पूरे मानव परिवार को गले लगाने के लिए प्रेम के हमारे दायरे का विस्तार” करने का आग्रह किया है” (“Blessed Are the Peacemakers,” Liahona, Nov. 2002, 41)। मई 2022 में उन्होंने युवा वयस्कों से कहा कि “लेबल न्याय और दुश्मनी का कारण बन सकते हैं। … “राष्ट्रीयता, जाति, यौन आधार, लिंग, शैक्षणिक डिग्री, संस्कृति, या अन्य महत्वपूर्ण पहचानओं के कारण दूसरे के प्रति कोई भी दुर्व्यवहार या पूर्वाग्रह हमारे निर्माता के प्रति अपमानजनक है” (“Choices for Eternity” [worldwide devotional for young adults, May 15, 2022], Gospel Library)। मुझे दुख है कि दुनिया भर में हमारे अश्वेत भाई-बहन नस्लवाद के दर्द का सामना कर रहे हैं। आज मैं हर जगह अपने सदस्यों से आह्वान करता हूं कि वे पक्षपात को त्याग दें। मैं आप सभी से परमेश्वर की संतानो के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने की विनती करता हूं” (“Let God Prevail,” Liahona, Nov. 2020, 94)।

    पक्षपात करना परमेश्वर के प्रकट वचन के अनुरूप नहीं है। परमेश्वर का अनुग्रह या असंतोष उसके और उसकी आज्ञाओं के प्रति समर्पण पर निर्भर करता है, न कि किसी व्यक्ति की त्वचा के रंग या अन्य गुणों पर। …

    “… इसमें नस्ल, जातीयता, राष्ट्रीयता, जनजाति, लिंग, आयु, विकलांगता, सामाजिक आर्थिक स्थिति, धार्मिक विश्वास या अविश्वास और यौन पहचान के आधार पर पक्षपात शामिल हैं” (सामान्य विवरण पुस्तिका, 38.6.14, गॉस्पल लाईब्रेरी)।

  30. देखें 1 नफी 11:25

  31. Redeemer of Israel,” Hymns, no. 6.

  32. देखें रोमियों 9:23