उड़ाऊ पुत्र और मार्ग जो घर की ओर जाता है
यद्यपि आपके चुनाव आपको उद्धारकर्ता और उसके गिरजे से बहुत दूर ले जा सकते हैं, लेकिन निपुण चंगाई देने वाला आपका स्वागत करने के लिए, उस मार्ग पर खड़ा है जो घर की ओर जाता है।
किसी मनुष्य के दो पुत्र थे
इसे अब तक की महानत्तम लघु कथा कहा जाता है।1 जबकि यह दुनिया भर में हजारों भाषाओं में अनुवादित हुई है, बहुत अधिक संभावना है कि पिछली दो सहस्राब्दियों के दौरान, दुनिया में कभी न कभी इस कहानी को अवश्य सुनाया गया है।
यह हमारे उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता यीशु मसीह के द्वारा सुनाया गया था, जो पृथ्वी पर “खोए हुओं का उद्धार करने” आया था।”2 वह इन सरल शब्दों से शुरू करता है: “किसी मनुष्य के दो बेटे थे।”3
इसके तुरंत बाद हम हृदय विदारक घटना के बारे में पढ़ते हैं। एक बेटा4 अपने पिता से कहता है कि वह घर पर जीवन जी चुका है। अब वह स्वतंत्र रहना चाहता है। वह अपने माता-पिता की संस्कृति और शिक्षाओं को छोड़ना चाहता है। वह पैतृक संपत्ति का अपना हिस्सा मांगता है—अब।5
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि पिता ने जब यह सुना तो उन्हें कैसा महसूस हुआ होगा? जब उन्हें एहसास हुआ कि उनका बेटा किसी अन्य बात को इतना चाहता था कि वह परिवार छोड़ दे और शायद कभी वापस न आए?
महान साहसिक कार्य
बेटे ने इस साहसिक कार्य के रोमांच और उत्साह महसूस किया होगा। अंतत:, वह अपनी मर्जी का मालिक था। अपने बचपन की संस्कृति के नियमों और रिवाजों से मुक्त, वह अपने माता-पिता से प्रभावित हुए बिना अपनी मर्जी पूरी कर सकता था। उसे लगा कोई आत्मग्लानि नहीं होगी। उसे उसके समान विचारधारा रखने वाले लोगों में शामिल किया जाएगा और अपनी शर्तों पर जीवन जी सकता है।
एक दूर देश में पहुंचकर, उसने जल्दी ही नए दोस्त बनाए और उस जीवन को जीना आरंभ कर दिया जिसका वह हमेशा सपना देखता था। कई लोग उसे पसंद करने लगे होंगे, क्योंकि उसने बहुत पैसा उड़ाता था। उसके नए दोस्तों—उसकी पैसा उड़ाने की आदत का फायदा उठाने वाले—ने उसकी आलोचना नहीं की थी। उन्होंने उत्सव मनाया, तालियां बजाईं और उसकी पसंद का समर्थन किया।6
यदि उस समय सोशल मीडिया होता, तो निश्चित रूप से वह हंसते हुए दोस्तों की एनिमेटेड फोटों की कई पोस्ट डालता: #Livingmybestlife! #Neverhappier! #Shouldhavedonethislongago!
अकाल
लेकिन यह उत्सव मनाना अधिक दिनों तक नहीं चला—यह शायद ही कभी चल पाता है। दो बातें हुई: पहली, उसके सारे पैसे खत्म हो गए, और दूसरा, पूरे देश में अकाल फैल गया।7
जब समस्याएं बढ़ने लगी, तो वह घबरा गया। एक समय में, जो मौज-मस्ती और जुए में दिल खोलकर पैसे उड़ाता था अब एक वक्त का खाना भी नहीं जुटा पा रहा था, रहने की जगह तो दूर की बात थी। वह कैसे जीवित रहेगा?
वह अपने दोस्तों के प्रति बहुत उदार रहा था—क्या वे अब उसकी मदद करेंगे? मैं कल्पना कर सकता हूं कि उसने मदद मांगी होगी—बस अभी मदद कर दो—जब तक कि वह अपने पैरों पर फिर से खड़ा नहीं हो जाता।
पवित्र शास्त्र हमें बताता है, “किसी ने उसे कुछ नहीं दिया।”8
जीवित रहने के लिए निराश, वह एक स्थानीय किसान से मिला जिसने उसे सूअर को खिलाने के काम पर रख लिया।9
अब इस बेहद भूखे, त्याग किए और अकेले, युवक ने सोचा होगा कि उसकी स्थिति नकारात्मक तरीके से इतनी तेजी से क्यों बदल गई।
वह सिर्फ खाली पेट के कारण परेशान नहीं था। बल्कि उसकी आत्मा भी खाली थी। उसे सोचता था कि अपनी सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने से उसे खुशी मिलेगी, कि नैतिक व्यवस्था उस खुशी में बाधा थी। अब वह अच्छी तरह समझ गया था। और ओह, उस समझ के लिए उसे बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ी थी!10
जब शारीरिक और आत्मिक भूख बढ़ने लगी, तो उसके मन में अपने पिता के पास लौटने का विचार आया। क्या यह सब होने के बाद वह उसकी मदद करेंगे? यहां तक कि उसके पिता के सबसे गरीब मजदूरों के पास खाने के लिए भोजन और तूफानों से बचने के लिए घर था।
लेकिन क्या उसे अपने पिता के पास लौटना चाहिए?
कभी नहीं।
क्या अपने गांव के सामने कबूल करे कि उसने अपनी संपत्ति को बर्बाद कर दिया था?
बिलकुल नहीं।
क्या उन पड़ोसियों का सामना करें जिन्होंने निश्चित रूप से उसे समझाया होगा कि वह अपने परिवार का अपमान और अपने माता-पिता को दुखी कर रहा था? क्या अपने पुराने दोस्तों के पास लौटे, जिन्हें उसने घमंड से कहा था कि वह स्वतंत्र हो रहा था?
असहनीय।
लेकिन भूख, अकेलापन और आत्मग्लानिता तब तक दूर नहीं हुए—जब तक कि “वह अपने आपे में नहीं आया।”11
वह जानता था कि उसे क्या करने की जरूरत है।
वापसी
अब हम पिता, दुखी घर के मालिक के पास वापस चलते हैं। उसने अपने बेटे की चिंता में कितने सैकड़ों, शायद हजारों घंटे बिताए थे?
कितनी बार वह उस मार्ग को देखता था जिस पर चलकर उसका बेटा घर छोड़कर गया था और उस दर्द को याद करता था जो उसने अपने बेटे के जाने के दौरान महसूस किया था? उसने रात की शांति में कितनी प्रार्थनाएं की थी, परमेश्वर से याचना करते हुए कि उसका बेटा सुरक्षित होगा, कि वह सच्चाई की खोज करेगा, कि वह वापस लौट आएगा?
और फिर एक दिन, पिता उस सुनसान मार्ग को देखता है—वह मार्ग जो घर की ओर जाता है और दूर से एक आकृति को अपनी ओर आते हुए देखता है।
क्या ऐसा हो सकता है ?
यद्यपि वह व्यक्ति बहुत दूर है, पिता एक पल में समझ जाता है कि यह उसका बेटा ही है।
वह दौड़कर उसके पास जाता है, उसे अपनी बाहों घेर लेता है, और उसे चूमता है।12
“पिता जी,” बेटा भावुक होकर कहता है, जिसका उसने एक हजार बार अभ्यास किया होगा, “मैंने स्वर्ग के विरूद्ध और आपकी दृष्टि में पाप किया है।” अब इस योग्य नहीं रहा कि आपका बेटा कहलाऊं। मुझे अपने एक मजदूर की तरह रख लो”13
लेकिन पिता उसे बीच में रोकते हुए कहता है। अपनी आंखों में आंसू लिए, वह अपने मजदूरों को आज्ञा देता है: अच्छे से अच्छा वस्त्र निकालकर उसे पहिनाओ उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ। हम खांए और उत्सव मनावें खो गया था, अब मिल गया है!”14
उत्सव
मेरे कार्यालय में जर्मन कलाकार रिचर्ड बर्डे की एक पेंटिंग लगी हुई है। हैरियट और मुझे यह चित्र बहुत पसंद है। यह उद्धारकर्ता के दृष्टान्त से संवेदनशील दृश्य को बहुत अर्थपूर्ण तरीके से दर्शाता है।
जबकि लगभग हर कोई बेटे के लौटने पर बहुत खुश है, लेकिन एक नहीं है—उसका बड़ा भाई।15
वह बहुत निराशा महसूस कर रहा था।
उसके सामने उसके भाई ने अपनी विरासत की मांग की थी। उसने अपने पिता पर दुख के भारी बोझ को प्रत्यक्ष रूप से देखा था।
जब से उसका भाई चला गया था, तब से उसने अपने पिता का बोझ उठाने की कोशिश की थी। हर दिन, उसने अपने पिता के टूटे हुए हृदय को दिलासा देने के लिए काम किया था।
और अब लापरवाह बच्चा वापस आ गया है, और लोग उसके विद्रोही भाई पर अत्यधिक ध्यान दे रहे थे।
वह अपने पिता से कहता है, “मैं इतने वर्ष से आपकी सेवा कर रहा हूं, और कभी भी आपकी आज्ञा नहीं टाली। आपने मुझे अपने मित्रों के साथ आनन्द नहीं करने दिया।”16
प्यार करने वाले पिता ने जवाब दिया, पुत्र, तू सर्वदा मेरे साथ है; और जो कुछ मेरा है वह सब तेरा ही है। यह पुरस्कार या उत्सव की तुलना करने के बारे में नहीं है। यह उपचार के बारे में है। यह वह क्षण है जिसकी हम इतने वर्षों से आशा कर रहे थे। यह तेरा भाई मर गया था फिर जी गया है! खो गया था, अब मिल गया है!”17
हमारे समय के लिए दृष्टान्त
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, प्रिय मित्रों, उद्धारकर्ता के सभी दृष्टान्तों की तरह, यह केवल अतीत के लोगों के बारे में नहीं है। यह आज आपके और मेरे बारे में है।
हममें से कौन पवित्रता के मार्ग से नहीं भटका है, गलती से हम यह सोचते हैं कि हम अपने स्वयं के तरीके से अधिक खुशी पा सकते हैं?
हम में से किसने दीन, टूटे हुए हृदय और निराशा में क्षमा और दया की इच्छा नहीं की है?
शायद कुछ लोगों ने यह भी सोचा होगा, “क्या वापस जाना भी संभव है? क्या मुझ पर हमेशा के लिए धब्बा लग जाएगा, अस्वीकार कर दिया जाएगा, और मेरे पुराने दोस्त मुझ से दूर रहेंगे? क्या यूं ही खोया रहना बेहतर है? यदि मैं वापस लौटने की कोशिश करता हूं तो परमेश्वर क्या सोचेगा?
यह दृष्टांत हमें इसका जवाब देता है।
हमारा स्वर्गीय पिता हमारे पास दौड़ कर आएगा, उसका हृदय प्रेम और करुणा से भर जाएगा। वह हमें गले लगा लेगा; हमारे कंधों के चारों ओर वस्त्र पहनाएगा, हमारी उंगली पर अंगूठी, हमारे पैरों पर जूते; और घोषणा करेगा, “आज हम उत्सव मनाते हैं! क्योंकि मेरा बच्चा, जो एक बार मर गया था, जीवन में वापस लौट आ गया है!
स्वर्ग हमारे लौटने पर आनन्दित होगा।
आनंद जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है
क्या मैं अब एक पल के लिए आपसे व्यक्तिगत रूप से बात कर सकता हूं?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके जीवन में क्या हुआ है, मैं अपने प्यारे दोस्त और साथी प्रेरित एल्डर जेफरी आर. हॉलैंड के शब्दों को दोहराता हूं: “यह संभव नहीं है कि आप मसीह के [प्रायश्चित बलिदान] की अनंत रोशनी से नीचे अंधकार में डूब जाएं।”18
यद्यपि आपके चुनाव आपको उद्धारकर्ता और उसके गिरजे से बहुत दूर ले जा सकते हैं, लेकिन निपुण चंगाई देने वाला आपका स्वागत करने के लिए, उस मार्ग पर खड़ा है जो घर की ओर जाता है। और हम यीशु मसीह के गिरजे के सदस्यों के रूप में उसके उदाहरण का अनुसरण करना चाहते हैं और आपको अपने भाइयों और बहनों के रूप में, हमारे दोस्तों के रूप में गले लगाते हैं। हम आपके साथ खुशी और उत्सव मनाते हैं।
आपके वापस आने से दूसरों की आशीष कम नहीं होगी। क्योंकि पिता की उदारता अपरंपार है, और जो कुछ किसी को दिया जाता है, वह दूसरों के जन्मसिद्ध अधिकार को जरा भी कम नहीं करता है।19
मैं यह नहीं कहता कि वापस लौटना सरल काम है। मैं इसकी गवाही दे सकता हूं। यह वास्तव में, सबसे कठिन चुनाव हो सकता है जिसे आप कभी भी बनाएंगे।
लेकिन मैं गवाही देता हूं कि जिस क्षण आप वापस लौटने और हमारे उद्धारकर्ता और मुक्ति के मार्ग पर चलने का निर्णय लेते हो, उसकी शक्ति आपके जीवन में प्रवेश करेगी और आप रूपांतरित हो जाओगे।20
स्वर्ग में स्वर्गदूत आनन्दित होंगे।
और ऐसा ही हम, मसीह में आपका परिवार भी करेंगे। आखिरकार, हम जानते हैं कि लापरवाह होना कैसा होता है। हम सभी प्रतिदिन मसीह की उसी प्रायश्चित की शक्ति पर भरोसा करते हैं। हम इस मार्ग को जानते हैं, और हम आपके साथ चलेंगे।
नहीं, हमारा मार्ग दुख, निराशा या उदासी से मुक्त नहीं होगा। लेकिन मसीह के वचनों के द्वारा उस में अटल विश्वास के सहारे, पूर्ण रूप से उसके गुणों पर निर्भर होते हुए जोकि बचाने में पराक्रमी है, हम यहां तक पहुंचे हैं। और मिलकर हम “मसीह में दृढ़ता से विश्वास करते हुए, आशा की परिपूर्ण चमक, और परमेश्वर और सभी मनुष्य से प्रेम करते हुए” आगे बढ़ें।21 हम मिलकर इतने आनन्दित और मगन होते होगें, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है,”22 प्रभु हमारा बल है!23
यह मेरी प्रार्थना है कि हम में से प्रत्येक, इस प्रेरणादायक दृष्टान्त में, पिता की वाणी सुने, जो हमें घर की ओर जाने वाले मार्ग में चलने के लिए बुला रही है—ताकि हम पश्चाताप करने, क्षमा प्राप्त करने और उस मार्ग का अनुसरण करने का साहस कर सकें जो हमारे करुणामय और दयालु परमेश्वर की ओर वापस ले जाता है। इसकी मैं यीशु मसीह के नाम में गवाही देता और अपनी आशीष देता हूं, आमीन।