“अबिनादी और राजा नूह,” मॉरमन की पुस्तक की कहानियां (2023)
अबिनादी और राजा नूह
एक भविष्यवक्ता का संदेश
राजा नूह ने नफी के प्रदेश में रहने वाले नफाइयों पर शासन किया। नूह ने अपने लोगों से बहुत सारा धन वसूलाकिया और फिर उसे अपने लिये अच्छी वस्तुओं पर खर्च किया। उसने उन याजकों को बुलाया जो उसे शासन करने में मदद करने के लिए गौरवान्वित थे। नूह ने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं किया। इसके बजाय, उसने कई बुरे काम किये।
नूह ने अपने लोगों को भी दुष्ट बना दिया। उन्होंने प्रभु का अनुसरण नहीं किया।
अबिनादी नाम का परमेश्वर का भविष्यवक्ता उस देश में रहता था। प्रभु ने नूह और उसके लोगों को पश्चाताप करने के लिए कहने के लिए अबिनादी को भेजा।
अबिनादी ने लोगों से कहा कि प्रभु चाहता हैं कि वे पश्चाताप करें। यदि उन्होंने पश्चाताप नहीं किया, तो प्रभु शत्रुओं को उनकी भूमि पर शासन करने के लिए भेज देगा। उनके शत्रु नूह और उसके लोगों का जीवन बहुत कठिन बना देंगे।
अबिनादी ने जो कहा उससे लोग क्रोधित थे। वे उसे मारना चाहते थे, लेकिन परमेश्वर ने अबिनादी को सुरक्षित रखा और उसे भागने में मदद की।
नूह भी अबिनादी को मारना चाहता था। नूह को प्रभु पर विश्वास नहीं था। वह और उसके लोगों ने पश्चाताप नहीं किया।
दो साल बाद, परमेश्वर ने लोगों को चेतावनी देने के लिए अबिनादी को वापस भेजा। अबिनादी ने लोगों से कहा कि उनके दुश्मन ज़मीन पर कब्ज़ा कर लेंगे क्योंकि उन्होंने पश्चाताप नहीं किया है। लोग अबिनादी पर क्रोधित हो गये। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे पश्चाताप नहीं करेंगे। उन्होंने अबिनादी को बांध दिया और उसे नूह के पास ले गए।
नूह और उसके याजक योजना लेकर आये। याजकों ने अबिनादी से कई प्रश्न पूछकर उसे फसाने की कोशिश की। लेकिन अबिनादी ने बहादुरी से उन्हें जवाब दिया। अबिनादी के उत्तरों से याजक आश्चर्यचकित थे। वे उसे फंसा नहीं सके। अबिनादी ने याजकों से कहा कि उन्हें सही काम करने की बजाय पैसे की अधिक परवाह है।
नूह ने अपने याजकों से अबिनादी को मारने के लिए कहा। लेकिन अबिनादी ने उन्हें चेतावनी दी कि वे उसे न छुएं। उसका चेहरा परमेश्वर की शक्ति से चमक उठा। अबिनादी ने कहा कि याजकों ने परमेश्वर की आज्ञाओं को नहीं सिखाया हैं। अबिनादी ने उन्हें सिखाया कि यीशु मसीह हमारे लिए पैदा होगा, मरेगा और पुनर्जीवित होगा। उन्होंने कहा कि यदि वे पश्चाताप करेंगे तो यीशु उन्हें माफ कर देंगा।
अबिनादी ने वह संदेश समाप्त किया जिसे देने के लिए परमश्वर ने उसे भेजा था। नूह अभी भी क्रोधित था। उसने अपने याजकों से कहा कि वे अबिनादी को ले जाएं और उसे मार डालें।
एक याजक, अलमा, अबिनादी पर विश्वास करता था। अलमा ने अबिनादी को बचाने की कोशिश की। लेकिन अब नूह को भी अलमा पर गुस्सा आ गया और उसने उसे जाने के लिए मजबूर कर दिया।
याजकों ने अबिनादी से कहा कि वह जीवित रह सकता है यदि वह कहे कि उसने जो सिखाया वह सच नहीं है। लेकिन अबिनादी ने कहा कि उसने सच्चाई को सिखाया है। नूह और उसके याजक फिर से क्रोधित हो गये। उन्होंने अबिनादी को आग लगाकर मार डाला। नूह के सिपाहियों ने अलमा को भी मारने की कोशिश की। लेकिन अलमा ने छिप कर अबिनादी की सारी बातें लिख लीं।