“मॉर्मन के जल में अल्मा,” मॉरमन की पुस्तक की कहानियां (2023)
मॉरमन के जल में अलमा
परमेश्वर के लोग बनना
अलमा नूह नामक राजा का याजक हुआ करता था। अलमा ने परमेश्वर के भविष्यवक्ता अबिनादी को नूह द्वारा मारे जाने से बचाने की कोशिश की। लेकिन नूह अलमा से क्रोधितहो गया और अलमा को भी मारना चाहता था। अलमा सुरक्षित रहने के लिए नूह से दूर भाग गया। दिन के दौरान, अलमा मॉरमन का जल नामक स्थान के पास छिप गया।
जो अबिनादी ने यीशु मसीह के बारे में सिखाया उस पर अलमा ने विश्वास किया। उसने परमेश्वर से अपने पापों और गलतियों को माफ करने के लिए कहा।
अलमा ने लोगों से अकेले में मुलाकात की और उन्हें यीशु के बारे में सिखाया। उसने हर उस व्यक्ति को सिखाया जो सुनना चाहता था।
बहुत से लोग अलमा पर विश्वास करते थे। वे अलमा को उपदेश सुनने के लिए मॉरमन के जल में गए।
विश्वासी चाहते थे कि वे परमेश्वर के लोग कहलाए, जरूरतमंदों की मदद करें और लोगों को परमेश्वर के बारे में बताएं। इसलिए अलमा ने उन्हें बपतिस्मा लेने के लिए आमंत्रित किया। बपतिस्मा लेकर, वे परमेश्वर के साथ उसकी सेवा करने और उसकी आज्ञाओं का पालन करने के लिए एक अनुबंध, या वादा करेंगे। बदले में, परमेश्वर उन्हें अपनी आत्मा से आशीषित करेगा।
लोग बहुत खुश थे। उन्होंने ताली बजाई और कहा कि वे बपतिस्मा लेना चाहते हैं। अलमा ने उनमें से प्रत्येक को मॉरमन के जल में बपतिस्मा दिया। वे सभी परमेश्वर की आत्मा से भर गए और उन्होंने अपने लिए परमेश्वर के प्रेम को महसूस किया। वे मसीह के गिरजे के सदस्य बन गये।
नूह ने देखा कि उसके कुछ लोग उसकी भूमि छोड़कर जा रहे हैं। उसने उन पर नजर रखने के लिए नौकरों को भेजा। नौकरों ने लोगों को अलमा की शिक्षाए सुनने के लिए मॉरमन की भूमि पर जाते देखा। नूह क्रोधित था। उसने अलमा और उन लोगों को मारने के लिए अपनी सेना भेजी जिन्हें अलमा पढ़ा रहा था।
परमेश्वर ने अलमा को सेना के बारे में चेतावनी दी। परमेश्वर की मदद से, अलमा और उसके लोग सुरक्षित रूप से भूमि से बाहर निकल गये। सेना उन्हें पकड़ नहीं सकी। वे जंगल में आठ दिन तक चलते रहे और एक सुन्दर प्रदेश में पहुचे। उन्होंने वहां नये घर बनाये। अलमा ने लोगों को शिक्षा दी और उन्होंने परमेश्वर से किया अपना वादा निभाया।