“अलमा और अमूलेक कारागार में,” मॉरमन की पुस्तक की कहानियां (2023)
अलमा और अमूलेक कारागार में
कठिन समय के दौरान प्रभु में विश्वास
अलमा और अमूलेक ने अम्मोनिहा शहर में सुसमाचार पढ़ाया। कुछ लोगों ने प्रभु में विश्वास किया और पश्चाताप किया। लेकिन कई अन्य लोग अलमा और अमूलेक से क्रोधित थे और उन्हें नष्ट करना चाहते थे। क्रोधित लोगों ने अलमा और अमूलेक को बांध दिया और दोनों व्यक्तियों को शहर के मुख्य न्यायाधीश के पास ले गए।
मुख्य न्यायाधीश को विश्वास नहीं था कि उसके लोगों को पश्चाताप करने की आवश्यकता है। लोग अलमा और अमूलेक पर क्रोधित थे। उन्होंने उन लोगों को शहर छोड़ने पर मजबूर कर दिया जो अलमा और अमूलेक की शिक्षाओं पर विश्वास करते थे। तब उन्होंने उन स्त्रियों और बच्चों को, जो प्रभु में विश्वास करते थे, आग में फेंक दिया।
जब अमूलेक ने लोगों को पीड़ा में देखा तो वह बहुत दुखी हुआ। उसने अलमा से उन्हें बचाने के लिए परमेश्वर की शक्ति का उपयोग करने के लिए कहा। लेकिन अलमा ने कहा कि परमेश्वर की आत्मा उसे ऐसा नहीं करने देगी। उसने अमूलेक से कहा कि ये महिलाए और बच्चे प्रभु के साथ रहेंगे। यहोवा उन लोगों का न्याय करेगा जिन्होंने उन्हें मार डाला।
मुख्य न्यायाधीश ने अलमा और अमूलेक का मजाक उड़ाया क्योंकि परमेश्वर ने महिलाओं और बच्चों की रक्षा नहीं की। उसने अलमा और अमूलेक को कारागार भेज दिया।
तीन दिन के बाद प्रधान न्यायाधीश अपने झूठे याजकों के साथ कारागार में गया। उन्होंने कई सवाल पूछे। लेकिन अलमा और अमूलेक ने उन्हें उत्तर नहीं दिया।
मुख्य न्यायाधीश और उसके याजकों ने अलमा और अमूलेक के साथ बुरा बर्ताप किया। उन्होंने अलमा और अमूलेक को कोई भोजन या पानी भी नहीं दिया। और उन्होंने अलमा और अमूलेक ने जो सिखाया था उसका मज़ाक उड़ाया।
अलमा और अमूलेक को कई दिनों तक कष्ट सहना पड़ा। मुख्य न्यायाधीश अपने याजकों के साथ फिर आया। उन्होंने अलमा और अमूलेक से कहा कि यदि उनके पास परमेश्वर की शक्ति है, तो उसे उन रस्सियों को तोड़ देना चाहिए जो उन्हें बांधे हुए हैं। तब वह उन पर विश्वास करेगा।
अलमा और अमूलेक ने परमेश्वर की शक्ति को महसूस किया। वे खड़े हो गये। अलमा को परमेश्वर पर विश्वास था और उसने रस्सिया तोड़ने की शक्ति मांगी।
अलमा और अमूलेक ने रस्सिया तोड़ दीं। मुख्य न्यायाधीश और उसके याजक डर गये। उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन तभी ज़मीन हिलने लगी।
कारागार की दीवारें मुख्य न्यायाधीश और उसके याजकों पर गिर गईं और वे मर गए। लेकिन प्रभु ने अलमा और अमूलेक को सुरक्षित रखा। जब लोगों ने शोर सुना तो वे यह देखने के लिए दौड़े कि क्या हो रहा है। केवल अलमा और अमूलेक ही कारागार से बाहर आये। लोग अलमा और अमूलेक से इतने डर गए कि वे भाग गए।