“यीशु बारह शिष्यों को चुनता है,” मॉरमन की पुस्तक की कहानियां (2023)
यीशु बारह शिष्यों को चुनता है
सिखाने और बपतिस्मा देने का अधिकार
जब यीशु मसीह बाउन्टिफुल शहर में आया, तो उसने बारह लोगों को चुना और उन्हें सिखाने और बपतिस्मा देने का अधिकार दिया। उसने उन्हें पवित्र आत्मा का उपहार देने का अधिकार भी दिया। उसने उन्हें अपने शिष्य कहा। शिष्यों ने वही किया जो यीशु ने उन्हें करना सिखाया था।
3 नफी 11:1, 18–22, 41; 12:1; 15:11–12; 18:36–37
यीशु ने अपने शिष्यों को बपतिस्मा देना सिखाया। उसने उन्हें वे शब्द बताए जो उन्हें कहने चाहिए। उसने उन्हें सिखाया कि वे व्यक्ति को पानी के अंदर डुबकी लगाएं और उन्हें फिर से बाहर आने में मदद करें। यीशु ने हमेशा उसी तरह बपतिस्मा देने के लिए कहा जिस तरह से उसने उन्हें सिखाया था। उसने उन्हें पवित्र आत्मा के बारे में भी सिखाया।
यीशु चाहता था कि उसके शिष्य एक-दूसरे के साथ मिलकर रहें और बहस न करें। उसने कहा कि जब वे बहस करते हैं, तो वे उसकी शिक्षाओं का पालन नहीं करते।
यीशु ने लोगों को उस पर विश्वास करना, पश्चाताप करना और बपतिस्मा लेना सिखाया ताकि वे फिर से स्वर्गीय पिता के साथ रह सकें।
यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि यदि वे उस पर विश्वास करते हैं, तो वे स्वर्गीय पिता में भी विश्वास करते हैं। पवित्र आत्मा उन्हें यह जानने में मदद करेगी कि यीशु और स्वर्गीय पिता वास्तव में हैं।
जब यीशु ने अपने शिष्यों को सिखाना समाप्त किया, तो उसने उनसे कहा कि जाओ और सभी लोगों को सिखाओ। उसने कहा कि वे इस बारे में चिंता न करें कि वे क्या खाएंगे, पीएंगे या पहनेंगे। उसने उनसे कहा कि यदि वे स्वर्गीय पिता की सेवा करते हैं, तो स्वर्गीय पिता उनकी देखभाल करेगा।