“अलमा और उसके लोग,” मॉरमन की पुस्तक की कहानियां (2023)
अलमा और उसके लोग
कठिन समय में परमेश्वर से शक्ति
अलमा और उसके लोग खूबसूरत भूमि में रहते थे। उन्होंने बीज बोये और घर बनाये। अलमा परमेश्वर का याजक था। उन्होंने अपने लोगों को एक-दूसरे से प्रेम करना सिखाया। लोगों ने अलमा की बात सुनी और परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन किया। उनके परिवार बढ़े और उन्होंने एक शहर बसाया।
एक दिन, लमनाइयों की एक सेना आई। वे खो गए थे। लमनाइयों ने वादा किया कि अगर अलमा उन्हें घर का रास्ता ढूंढने में मदद करेगा तो वे अलमा के लोगों को अकेला छोड़ देंगे। अलमा ने लमनाइयों को दिखाया कि कैसे अपनी भूमि पर वापस जाना है।
लमनाइयों ने अपना वादा नहीं निभाया। इसके बजाय, उन्होंने ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया और अलमा के लोगों पर निगरानी रखने के लिए रक्षक तैनात कर दिए। उन्होंने अमुलोन नाम के एक नफाइट को अलमा के लोगों पर राजा भी बनाया। अमूलोन झूठे याजकों का मार्गदर्शक था। उसने और उसके याजकों ने परमेश्वर के भविष्यवक्ता को मार डाला था और कई अन्य बुरे काम किये थे।
मुसायाह 17:12–13; 23:31–32, 37–39; 24; 9
अमूलोन अलमा से क्रोधित था। वह अलमा के लोगों से बहुत कड़ी मेहनत करवाता था और उनके साथ बुरा व्यवहार करता था। अलमा के लोगों के लिए यह कठिन था।
उन्होंने परमेश्वर को मदद के लिये पुकारा। अमूलोन ने उनसे प्रार्थना करना बंद करने को कहा। उसने कहा कि जो कोई भी प्रार्थना करेगा उसे मार दिया जाएगा।
अलमा और उसके लोगों ने ज़ोर से प्रार्थना करना बंद कर दिया। इसके बजाय, उन्होंने अपने हृदयों में प्रार्थना की। परमेश्वर ने उनकी प्रार्थनाए सुनीं। उसने उन्हें सांत्वना दी और उन्हें भागने में मदद करने का वादा किया। परमेश्वर ने उनकी मेहनत को आसान बना दिया। परमेश्वर की बात सुनकर लोग धैर्यवान और प्रसन्न थे। वे जानते थे कि वह उनकी मदद कर रहा था।
अलमा के लोग परमेश्वर पर भरोसा करते थे और उस पर बहुत विश्वास करते थे। एक दिन, परमेश्वर ने उनसे कहा कि अब जाने का समय हो गया है। उस रात, अलमा और उसके लोग तैयार हो गये। उन्होंने अपने सभी जानवरों और भोजन को इकट्ठा किया। सुबह में, परमेश्वर ने लमनाइयों को गहरी नींद में डाल दिया। फिर अलमा और उसके लोग भाग निकले और पूरे दिन यात्रा करते रहे।
उस रात, सभी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने परमेश्वर को धन्यवाद दिया। वे जानते थे कि केवल परमेश्वर ही उनकी सहायता कर सकता था। वे कई दिनों तक यात्रा करते रहे और जराहेमला प्रदेश में आये। नफाइयों ने उनका स्वागत किया, और अलमा ने सभी को यीशु मसीह में विश्वास रखने के बारे में सिखाया। बहुत से लोगों ने विश्वास किया और बपतिस्मा लिया।