परमेश्वर से बहुमूल्य उपहार
जीवन विश्वास, आनंद , खुशहाली , आशा और प्यार से भरा जा सकता है, जब हम थोडा सा भी सच्चा विश्वास मसीह येशु में करते है|
मेरे भाइयों और बहनों, हमने अभी-अभी उस महासभा में भाग लिया है, जिसका जिक्र बाइबिल में देखा जा सकता है जब प्राचीन इस्राएल प्रभु की उपस्थिति महसूस करने और उसकी आशीषों का समारोह मनाने के लिये एकत्रित होते थे । हम ऐसे समय में रहने के भाग्यशाली हैं जब इस प्राचीन प्रथा को भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा पुनास्थापित किया गया है । मैं आप से अपने व्यक्तिगत दैनिकी में इसे लिखने का आग्रह करता हूं जिसे आपने इस अति पवित्र अवसर पर महसूस किया है ।
हाल ही में, हमने अपने प्रिय मित्र और भविष्यवक्ता, अध्यक्ष थॉमस एस. मॉनसन को अलविदा कहा था । यद्यपि हम सब उन्हे याद करते हैं, लेकिन हम अत्यंत आभारी हैं कि प्रभु ने अपने गिरजे की अध्यक्षता करने के लिये नया भविष्यवक्ता, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन को नियुक्त किया है । व्यवस्थितरूप से हमने अपने गिरजे के इतिहास में एक नया अध्याय आरंभ किया है । यह परमेश्वर की ओर से एक बहुमूल्य उपहार है ।
जब हम सबने अध्यक्ष नेलसन का अपने हाथों को उठाकर समर्थन किया था, तब हम परमेश्वर के सम्मुख खड़े हुए और स्वीकार किया कि वह अध्यक्ष मॉनसन के उचित उत्तराधिकारी हैं । अपने हाथों को ऊपर उठाकर हमने प्रतिज्ञा की है कि हम प्रभु से प्राप्त उनके निर्देशों का पालन करेंगे ।
प्रभु ने कहा है:
“तुम उसके [अर्थात गिरजे के अध्यक्ष] सभी शब्दों और आदेशों पर ध्यान दोगे जिन्हें वह तुम्हें देगा जब वह उन्हें प्राप्त करता है । … ;
क्योंकि तुम उसके शब्द को इस प्रकार प्राप्त करोगे, मानो मेरे स्वयं के मुंह से बोले गए हों, संपूर्ण धैय और विश्वास में ।”
मैं हमारे नये भविष्यवक्ता-अध्यक्ष को साठ वर्षों से जानता हूं । मेने इनके साथ ३३ वर्षो तक बारह की परिषद् में सेवा की है और मैं गवाह हूं कि प्रभु के हाथ उन्हें हमारा अध्यक्षीक प्रेरित और भविष्यवक्ता के रूप में तैयार करते रहे हैं पृथ्वी पर सभी पौरोहित्य कुंजियों को प्रभाव में लाने के लिये । आशा है हम में से प्रत्येक पूर्णरूप से उनका और उनके सलाहकारों का समर्थन और उनके निर्देश का पालन करेगा । हम एल्डर गोंग और एल्डर सोअरेस का भी बारह प्रेरितों की परिषद में गर्मजोशी से स्वागत करते हैं ।
यीशु के पुनरूत्थान, वह घटना जिसे हम इस महिमापूर्ण ईस्टर मनाते हैं, के बाद वह अपने शिष्यों को दिखाई दिए और कहा, “तुम्हें शांति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं ।” । दो चरणों के इस कार्य पर ध्याने दें --- परमेश्वर अपना पुत्र भेजता है । पुत्र अपने सेवक--नश्वर पुरूषों और स्त्रियों को भेजता है --- उनके कार्य को पूरा करने के लिए ।
हमें यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि प्रभु का कार्य करने के लिए नियुक्त लोग परिपूर्ण मनुष्य नहीं हैं । धर्मशास्त्रों में ऐसे पुरूषों और स्त्रियों की कहानियां हैं जो बताती हैं कि उन्हें परमेश्वर के महान कार्य को पूरा करने के लिए नियुक्त किया गया था --- हमारे स्वर्गीय पिता के भले बेटे और बेटियों को गिरजे में सेवा करने के लिए नियुक्त किया गया है, वे अपना सर्वोत्त्म करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी अभी परिपूर्ण नहीं है । यही हमारे बारे में आज भी सच है ।
हमारी मानवीय कमजोरियों और कमियों के होते हुए, हम कैसे एक दूसरे का सहारा देते हुए और समर्थन करते हुए आगे बढ़ सकते हैं ? यह विश्वास से आरंभ होता है --- प्रभु यीशु मसीह में सच्चा, निष्कपट विश्वास । उद्धारकर्ता में विश्वास मसीह के सिद्धांत और सुसमाचार का पहला नियम है ।
बहुत साल पहले मैं पवित्र भूमि, यरूशलेम गया था । जब हम राई के पौधे के सामने से गुजर रहे थे, तो बीवाईयू यरूशलेम केंद्र के निर्देशक ने पूछा क्या मैंने कभी राई का दाना देखा है । मैंने कहा नहीं, तो हम रूक गए । उसने मुझे राई के पौधे से दाने को दिखाया । वे बहुत ही छोटे थे ।
तब मुझे यीशु की शिक्षा याद आई: “क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो इस पहाड़ से कह सकोगे, कि यहां से सरककर वहां चला जा, तो वह चला जाएगा; और कोई बात तुम्हारे लिये अनहोनी न होगी ।”
यदि हमारे पास राई के दाने जितना छोटा विश्वास है, तो प्रभु हमारे कार्यों में निराशा और संदेह के पहाड़ों को हटाने में हमारी मदद कर सकता है जब हम परमेश्वर के बच्चों, अर्थात परिवार के सदस्यों, गिरजे के सदस्यों और उनके के साथ काम करते हैं जो अभी हमारे गिरजे के सदस्य नहीं हैं ।
भाइयों और बहनों, जीवन विश्वास, आनंद, सुख, आशा, और प्रेम से भर जाता है जब हम मसीह में बहुत थोड़ा ही सही --- बेशक राई के दाने के बराबर सच्चा विश्वास करते हैं ।
एल्डर जार्ज ए. स्मिथ ने भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ से उन्हें मिली कुछ सलाह को याद किया : “उन्होंने मुझ से कहा था मुझे कभी भी निराश नहीं होना चाहिए, चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न आएं । यदि मैं नोवा स्कोटिया के गहरी खाई में गिर जाऊं और रॉकी पहाड़ मेरे ऊपर गिर जाएं, तो भी मुझे निराश नहीं होना चाहिए लेकिन धैर्य रखना, विश्वास करना, और उत्साह को बनाए रखना चाहिए और मैं अंतत: सारी कठिनाइयों से ऊबर कर बाहर निकल आऊंगा ।”
हमें पौलुस का कहना याद रखना चाहिए: “मैं मसीह में सब कुछ कर सकता हूं जो मुझे सामर्थ देता है ।” यह याद रखते हुए कि यह परमेश्वर का अन्य बहुमूल्य उपहार है ।
जिन उपहारों को मैंने बताया है उनके अलावा, बहुत, बहुत से दूसरे भी हैं । मैं आप से कुछ के बारे में बात करता हूं । सब्त दिन, प्रभु-भोज, दूसरों की सेवा का उपहार, और परमेश्वर से हमारे उद्धारकर्ता का अनुपम उपहार ।
सब्त दिन की शक्ति को गिरजे में और घर में खुशी, आनंद और प्रभु की आत्मा की गर्मजोशी को बिना किसी विकर्षण के अनुभव किया जाता है ।
बहुत से लोग अपने स्मार्ट उपकरणों के साथ लगभग हमेशा ओन-लाईन रहते हैं --- उनके चहरों पर दिन और रात स्क्रीन का प्रकाश जगमगाता रहता है और उनके कानों में रुइसे से बंद रखते हैं जिससे वे आत्मा की शांत, स्थिर आवाज को नहीं सुन पाते हैं । यदि हमारे पास कानों को खोलने का समय नहीं है, तो हम उसकी आवाज नहीं सुन सकते हैं जिसने कहा था, “शांत रहो, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं ।” प्रभु द्वारा प्रेरित आधुनिक तकनीकी का लाभ उठाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन हमें इनका उपयोग समझदारी से करना चाहिए । सब्त के दिन का उपहार, याद रखें ।
प्रभु-भोज की आशीष प्राप्त करने के लिए प्रभु भोज सभा में कभी नियमित कार्य के तौर पर नहीं लेना चाहिए या लापरवाह होकर प्रभु-भोज में शामिल नहीं जाना चाहिए । पूरे सप्ताह में केवल यह 70 मिनट होते हैं जब हम अपना चिताओं और परेशानियों से मुक्त होते और अपने जीवन में अधिक शांति, आनंद और सुख पाते हैं |
प्रभु-भोज में शामिल होना और अपने अनुबंधों को नवीन करना हमारे द्वारा प्रभु को एक प्रतीक है कि हम सच में उसे हमेशा याद करते हैं । उसका प्रायश्चित परमेश्वर की ओर से एक महिमा पूर्ण उपहार है ।
स्वर्गीय पिता के बच्चों की सेवा का सौभाग्य एक दूसरे की देख-भाल करने के द्वारा उसके प्रिय पुत्र के उदाहरण का अनुसरण करने का एक दूसरा मौका है ।
कुछ सेवा के मौके औपचारिक होते हैं --- हमारे परिवार में, गिरजे की नियुक्तियों में, और समाजिक सेवा संगठनों में हमारी भागीदारी ।
गिरजे के सदस्यों --- पुरूषों और स्त्रियों दोनों को --- झिझकना नहीं चाहिए, यदि वे किसी प्रशासनिक पद के लिये चुनाव में खड़ा होना चाहते हैं जहां कहीं वे रहते हैं । अपने विचारों को बताना हमारे विद्यालयों में, हमारे शहरों में, और हमारे देशों में आज जरूरी और महत्वपूर्ण है । जहां लोकतंत्र मौजूद है, उन ईमानदार पुरूषों और स्त्रियों चुनना हमारा कर्तव्य है जो वास्तव में सेवा करना चाहते हैं ।
सेवा करने के बहुत से मौके अनौपचारिक होते हैं -- बिना नियुक्ति के --- और जब हम जीवन की यात्रा में मिलने वाले अन्य लोगों की मदद करते हैं । याद करें यीशु ने अच्छे सामरी का उदाहरण देकर वकील को शिक्षा दी थी कि हमें परमेश्वर और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करना चाहिए ।
सेवा एक अवसर देती है जिसके द्वारा हम मसीह के जीवन और सेवकाई को समझते हैं । वह सेवा करने आया था, जैसा धर्मशास्त्र सीखाते हैं, “मनुष्य का पुत्र, इसलिये नहीं आया कि उसकी सेवा टहल की जाए, परंतु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की फिरौती के लिये अपने प्राण दे ।”
पतरस ने चार शब्दों में उद्धारकर्ता की नश्वर सेवकाई की शायद सर्वोत्तम व्याख्या दी है जब उसने यीशु को संदर्भ किया था, “वह अच्छा कार्य करता फिरा ।”
प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर के सभी उपहारों में से हमारे लिए बहुमूल्य है । यीशु ने कहा, “मार्ग,सच्चाई और जीवन मैं ही हूं: बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास पहुंच नहीं सकता है ।”
नफी ने हमारे उद्धारकर्ता के महत्व को व्यक्त किया था जब उसने कहा, “हम मसीह के विषय में बात करते हैं, हम मसीह में आनंदित होते हैं, हम मसीह का प्रचार करते हैं, हम मसीह की भविष्यवाणी करते हैं, और हम अपनी भविष्यवाणियों के अनुसार लिखते हैं कि हमारी संतान जान सके कि वे अपने पापों की क्षमा के लिए किसके पास जाएं ।” हमें हर समय और हर स्थानों में मसीह को हमारे जीवन का केंद्रबिंदु बनाए रखना चाहिए ।
हमें याद रखना चाहिए कि उसका नाम हमारे आराधना करने के स्थानों में दिखाई देता है; हम उसके नाम में बपतिस्मा लेते हैं; और हम उसके नाम में पुष्टीकरण, नियुक्ति, इंडोव, और विवाह में मुहरबंद होते हैं । हम प्रभु-भोज में शामिल होते और उसके नाम को अपने ऊपर लेने की प्रतिज्ञा करते --- और सच्चे मसीही बन जाते हैं । अंतत:, हम प्रभु-भोज प्रार्थना में “सदा उसे याद रखना” कहा गया हैं ।
जब हम कल ईस्टर रविवार के लिए तैयार होगे , तो हमें याद रखना चाहिए कि मसीह सर्वश्रेष्ठ है । वह धर्मी न्यायी, हमारा विश्वासी वकील , हमारे आशीषित मुक्तिदाता, अच्छा चरवाह, वादा किया गया मसीहा, एक सच्चा मित्र, और बहुत, बहुत कुछ है । वह वास्तव में हमारे पिता की ओर से हमारे लिए अति मूल्यवान उपहार है ।
हमारी शिष्यता में, हमारी कई मांगे, चिंताएं, और कर्तव्य हैं । फिर भी, कुछ गतिविधियां हमेशा गिरजे में हमारी सदस्यता पर आधारित होनी चाहिए । “इसलिये,” प्रभु आदेश देता है, “विश्वासी रहो; उस पद पर कायम रहो जिस पर मैंने तुम्हें नियुक्त किया है ; कमजोर की सेवा करो, उन हाथों को ऊपर उठाओ जो नीचे झूके हुए हैं , कमजोर घुटनों को बल दो ।”
यह गिरजा कार्य का है ! यह शुद्धधर्म है ! यह सुसमाचार इसकी वास्तविक अवस्था में तब होता है जब हम किसी की सेवा करते है , ऊपर उठाते, और मजबूती देते हैं जो आत्मिकरूप और संसारिकरूप से जरूरमंद हैं ! ऐसा करने के लिये हमें उनसे मुलाकात करने और उनकी मदद करने की आवश्यकता है ताकि स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह और उसके प्रायश्चित के प्रति उनकी गवाहियां उनके हृदयों में मजबूती से स्थापित हो जाएं ।
मैं आशा करता हूं कि परमेश्वर हमारे पुनास्थपित गिरजे में हमारी सदस्यता सहित, परमेश्वर से हमारे कई अनमोल उपहारों को संजोकर रखने में प्रभु हमारी मदद करेगा और आशीष देगा | मैं प्रार्थना करता हूं हम हमारे स्वर्गीय पिता के बच्चों के प्रति प्रेम से भर जाएंगे और उनकी जरूरतों को देखने योग्य होंगे और सुसमाचार के बारे में उनके प्रश्नों और चिंता को दूर करने के लिये स्पष्ट और दया के तरीकों से तैयार रहेंगे ताकि एक दूसरे के प्रति समझ और प्रशंसा बड़ सके |
मैं गवाही देता हूं कि यीशु मसीह हमारा उद्धारकर्ता है । जो हमें इस महा सम्मेलन में सीखाया जाता है वह हमें प्रेरितों और भविष्यवक्ताओं, जनरल अधिकारियों, और मार्गदर्शक बहनें जो गिरजे की प्राधिकारी हैं की प्रेरणा द्वारा प्राप्त होगा । प्रभु का आनंद और शांति प्रत्येक के साथ हो, प्रभु यीशु मसीह के नाम में यह मेरी विनम्र प्रार्थना है, आमीन ।