युवतियां काम में
प्रत्येक गिरजे में युवतियो को मुल्यवान होने की अनुभूति होनी चाहिये, सेवा करने के अवसर,और महसूस करें कि उसके पास इस काम को करने के कुछ योग्यता है ।
एक साल पहले, सम्मेलन में पौरोहित्य जनरल अधिवेशन में, बिशप गर्लेड़ कोसे ने गिरजे के पुरुषों से बात की थी वर्णन करते हुए कैसे हारुनी और मलकासिदिक पौरोहित्य धारक न अलग होने वाले साथी उद्धार की कार्य को पूरा करते है । वह संदेश उन युवाओं की मदद के लिये एक महान आशीष थी जो हारुनी पौरोहित्य पर अधिकार रखते है जो परमेश्वर के राज्य को इस धरती पर निर्माण करते हुए अपना हिस्सा देखते हैं। उनकी मिलकर की सेवा गिरजा को शक्ति देती और हमारे युवाओं के मनों में गहन परिवर्तन और वचनवृद्धता लाती है जैसे वे देखते है कैसे उन का बहुमुल्य योग्यदान और कैसे इस काम को विशेष कर करते है ।
आज मैं अपनी टिप्पणियों के लिए उस संदेश को बुकेन्ड चाहूंगी जैसै कि मैं गिरजाघर की युवा युवतियो के बारे में बात करती हूं, जिनकी समान रूप से आवश्यकता है और जो विशेष हैं प्रभु के काम को पूरा करने के लिए अपने परिवारो में और उसके गिरजाघर में ।
बिशप कोसे के समान, मैं मेरी युवा अवस्था के वर्षो के अच्छे दिनों में एक छोटी सी गिरजे की शाखा में रहती थी, और मुझे अक्सर दिये गए कार्य और बुलाहट को पूरा करने के लिए कह जाता था जिसे सामान्य तौर पर व्यस्क द्वारा किया जाता था । उदाहरण के लिए,मुझे गिरजा पत्रिका का प्रतिविधि बनने के लिए पूछा गया,और मैं शाखा के लोगों को बुलाकर उन्हें उनका वर्षिक मुल्य खत्म होने की जानकारी देती थी । अतिरिक्त में, वे जो युवाओं के कार्यक्रम में थे अक्सर योजना में मदद कर मार्ग दिखाते थे और अपनी गतिविधियां और विशेष कार्यक्रम चलाते थें । हम नाटक लिखते,शाखा की मनोरंजन के लिये गाना गाने का समूह बनाते, और पूरी तरह से शाखा कार्यक्रम में भाग लेते थें । मुझे संगीत अधिनायक की बुलाहट मिली और हर सप्ताह प्रभुभोज सभा में गाने में मार्गदर्शन करती थी । आप कल्पना कर सकते है क्या ही अद्भुत अनुभव था वो 16 साल की हर रविवार शाखा में सब के समाने खड़े होकर स्तुतिगीत गाना और मार्गदर्शन करना ? मेरी जरुरत है अनुभूति होती और जानती कि मेरे पास बाँटने के लिये कुछ है । लोग वहां मेरे पर निर्भर थे,और मेरा इस्तेमाल होने की प्यारा सा एहसास होता था । उस अनुभव ने मेरी यीशु मसीह की गवाही को बनने में मदद की थी,और वैसा ही बिशप कोसे के लिये भी हुआ था, मेरे जीवन में इस सुसमाचार ने लंगर लगाई थी ।
प्रत्येक सदस्य को जानना चाहिए उनकी कितनी जरुरत है । हर व्यक्ति के पास कुछ न कुछ विशेष बांटने को होता है और अनोखे गुण और योग्यताएं जो सहायता करता है यह महत्वपूर्ण कार्य आगे बढ़ाने मे । हमारे युवकों के पास हारुनी पौरोहित्य कर्तव्य के सिद्धान्त और अनुबंध में वर्णन किया गया है जो सफाई और स्पष्टता से दिखता है । यह गिरजे की युवतियों के लिए जाहिर है थोड़ा कम होता है,उनके अभिभावक,उनके मार्गदर्शक उस समय से जब से उन्होंने बपतिस्मा लिया था,युवतियों के पास अनुबंध की जिम्मेदारीयां होती है “हां,और उनके दुःख से दुखी होने को तैयार हो जो दुखी हैं,हां, और उन्हें दिलासा देना चाहते हो जिन्हें दिलासे की जरुरत है, और सभी मौको पर और सभी बातों में, और सभी स्थानों में चाहे जहां भी वे हो,यहां तक कि मृत्यु तक परमेश्वर के गवाह के रुप में खड़े रहो” युवतियों के पास यह सब पूरा करने की जिम्मेदारियां है अपने वार्ड और शाखाओं में और जब वे कक्षा अध्यक्षता में सेवा करती है, या युवा परिषद, या अन्य बुलाहट होती है । प्रत्येक युवती की गिरजे में अहमियत होनी चाहिये, सेवा करने के अवसर,और महसूस करें कि उसके पास भी कुछ है इस काम में योगदान करने के लिये ।
हस्त पुस्तिका 2 में गिरजे की सेवाएं, हम सीखते है कि मुक्ति का कार्य हमारे वार्डों के भीतर “सदस्य प्रचारक कार्य, परिवर्तित को रोकना, असक्रिय सदस्यों को सक्रिए करना, मंदिर और परिवार इतिहास कार्य,और सुसमाचार सीखाना भी शामिल है ।” इस कार्य को निर्देश हमारे वार्ड के विश्वासी बिशप के द्वारा होता है,जो अपने वार्ड के लिये पौरोहित्य कुंजी रखता है । कई सालों के लिए अब हमारी अध्यक्षता प्रश्न पूछने लगी है, “कौन से इन बताएं गए क्षेत्रों में क्युं हमारी युवतियां भाग नहीं लेती है?” जवाब यह है कि उनके पास कुछ तो है हर क्षेत्र में कार्य कर बांटने के लिए I
उदाहरण के लिए, मैं हाल ही में लास वेगस में बहुत सी युवतियों से मिली थी जिन्हें वार्ड मंदिर और परिवार इतिहास कन्सलटेंट के रुप में सेवा करने को बुलाया गया । वे उत्तेजना से चमकती अपने वार्ड के सदस्यों को सीखाने उन के पुर्वजों को ढुढने में मदद करने में सक्षम थी। कंम्पयुटर पर उन्हें महारथ हासिल है,परिवार खोज का कैसे प्रयोग होता सीखाती है, और उस ज्ञान को दूसरों के साथ बांटने के लिए उत्तसहित रहती है । यह स्पष्ट था कि उन के पास गवाहियां है और गुजरे हुए हमारे पूर्वजों के नामों से खोजने की महत्वता की समझदारी ताकि मंदिर में उन के लिए विशेष बचाव की धर्मविधियों कर सकें ।
कई महीनों पहले, मुझे दो 14 सालों की युवतियों के साथ एक सुझाव को जांचने का मौका मिला । मेरे पास वार्ढ परिषद के दो विषयसुची की कापी प्राप्त हुई थी और एम्मा और मेगी को एक एक कापी दी । मैंने उनसे कहा विषयसुची को पढ़ें और देखें कि यहां कही पर वार्ड परिषद में क्रिया करने का विषय है जिस में वे शायद सेवा करने के योग्य हो । एम्मा ने देखा कि एक नया परिवार वार्ड में आया था,और उसने कहा कि वह उनके आने और समान को खोलने में मदद कर सकती है । उसने सोचा वह उनको उनका नया स्कुल घूमाकर दिखा सकती है । उसने देखा वहां पर वार्ड रात्रिभोज होने वाला है और महसूस किया कि वह कई तरह से वहां पर अपनी सेवा दे सकती है ।
मेगी ने देखा कि वहां पर बहुत से बुजूर्ग लोग वार्ड में जिन्हें मिलने और साथी की जरुरत है । वह कहती है उन से मिलने और उन बुढे अद्भुत सदस्यों की मदद करने मे अच्छा लगता है । वह महसूस भी करती थी वह वार्ड सदस्यों की सीखाने में मदद कर सकती है सोशल मीडिया अकाउन्टो को कैसे सेट अप और साईट को इस्तेमाल करते है । वहां पर उन विषय सुचियों में वास्तव में एक चीज नहीं होती थी जिस से वे दो युवतियां सहायता नहीं कर सकती थी !
क्या वे जो वार्ड परिषद में बैठते हैं, या वार्ड में जिनके पास बुलाहट होती है, देखें युवतियों को जैसे वे अमुल्य ज़ारीयां है वार्ड के भीतर की आवश्यक जरुरतों को पूरा करने में मदद करने का ? वहां पर अक्सर परिस्थितियों की लम्बी सूची होती है जिस में किसी की सेवा करने की जरुरत है, और हम अकसर वार्ड में व्यस्को के लिए ही सिर्फ सोचते है उन जरुरतों का करने के लिये । जैसे हमारे हारुनी पौरोहित्य धारको को उनके पिता और अन्य मलकासिदिक पौरोहित्य पुरुष के साथ का काम करने के लिए आंमत्रित किया जाता है, हमारी युवतियों को भी वार्ड सदस्यों की जरुरतों का पूरा करने के लिए उनकी माताओं या अन्य उदाहरणी बहनों के साथ सेवा और सहायता प्रदान करने के लिए बुलाया जा सकता है। वे योग्य,उत्सहित,और ऐसा करने की इच्छुक होती है सिवाए रविवार को गिरजा आने के अलावा भी !
जैसे हम भूमिकाओं को सोचते है जिन को हमारी युवतियां आनेवाले भविष्य में कर सकती है, हमें अपने आप से पूछना चाहिए हम कैसा अनुभव उन को दे सकते है अब वो जो कि उनकी प्रचारक बनने की तैयारी में सहायक, सुसमाचार ज्ञानी,गिरजा सहायको के मार्गदर्शक, मंदिर सेवक,पत्नी,मां,परामर्शदाता, उदाहरण और दोस्त बनकर दे सकती हैं । वे वास्तव में अब यह सारी भूमिका को पूरा करने की शुरुआत कर सकती हैं । युवाओ को रविवार में उनकी कक्षा पाठ लेने में मदद करने को अक्सर पूछा जाता है । अब हमारी युवतियों के करने के लिये अवसर उपलब्ध है मंदिर में पहले धर्मविधि स्वयं सेवक बनने के द्वारा करती जब वे मंदिर में युवा समुह के साथ जाती, मृत के लिए बपतिस्मा लेती । हमारी प्राथमिक-आयु की लड़कीयां को अब पौरोहित्य और मंदिर पूर्वदशी सभा में आने का निमंत्रण मिलता है, जिससे उन्हें समझने में सहायता मिलती है कि वे भी पौरोहिय-निर्देशन कार्य में महत्वपूर्ण है । वे सीखेगी कि पुरुष,महिलाएं,युवा,और बच्चे सभी पौरोहित्य आशीषें लेनेवाले है और प्रभु का कार्य को आगे बढ़ाने में सक्रिए भूमिका निभा सकते हैं ।
बिशप, हम आप के कर्तव्यों को जानते हैं अक्सर भारी होते है लेकिन एक आपकी बड़ी प्राथमिकता होती है हारुनी पौरोहित्य परिषद के देखने की, हस्तपुस्तिका 2 में लिखा है कि “बिशप और उन के सलाहकार युवतियों संस्था के लिये पौरोहित्य मार्गदर्शक प्रदान करते है । वे हर युवतियो का ख्याल रखते और सर्मथन देते, समीप से युवतियों के अभिभावकों और मार्गदर्शको के प्रयत्न में साथ काम करते हैं ।” यह ये भी बताता है, “बिशप और उसके सलाहकार लगातार युवतियो की सभाओं,सेवा,और गतिविधियों में भाग लेते है ।” हम बिशप के लिये आभारी है जो युवतियों की कक्षा में समय निकाल कर जाते है और युवतियों को मौके प्रदान करते हैं न की कार्य के पारदर्शक बने रहने से कही अधिक । बिशप के लिये स्वर्ग का धन्यवाद जो उन की युवतियों के लिए निश्चित होते वार्ड सदस्यों की जरुरत से मिलकर भाग लेते है । यह सेवा करने का अवसर गतिविधियों से कही अधिक अर्थपूर्ण तरीके से उन्हें आशीष देता हैं जिसमें यह मनोंरंजन से कही अधिक है ।
आप के लिये,गिरजे की युवतियां, आपके किशोरावस्था के साल व्यस्था के हो सकते है और अक्सर चुनौतीभरे । हम ध्यान देते है कि आप में से कई स्वयं-योग्यता, चिन्ता,उच्च स्तर की परेशानी,और शायद निराशा के साथ संर्धष करते हैं । अपने विचारो के बाहर लाए, बजाय अपनी समस्यो को भीतर ही पनपने देने के, शायद सारी समस्यों का समधान न हो, लेकिन सेवा करने से आपका बोझ कम होता है और आपकी चुनौतियां कम कठिन लगने लगती है । एक अच्छा तरीका है स्वयं योग्य होने की अनुभूति को बढ़ाकर दिखाने का, दूसरो के प्रति परवाह कर और सेवा करने को । मैं युवा महिलाएं आपको अपने हाथों को स्वयंसेवक करने के लिए उठाने और उन हाथों को काम करने के लिए प्रोत्साहित करती हूं जब आप अपने आस-पास की ज़रूरतें देखते हैं । जैसे आप अपनी अनुबंधों की जिम्मेदारीयों को पूरा करते और परमेश्वर के राज्य को बनाने में भाग लेते हैं,आप के जीवन में आशीषें आएंगी और आप गहन और कभी न खत्म होने वाली शिष्यता के आनंद को पाएंगे ।
भाईयों और बहनों, हमारी युवतियां अद्भुत है । उनके पास गुण, खत्म न होने वाला उत्साह और ऊर्जा, और दया करुणा और ध्यान रखनेवाली है । वे सेवा करना चाहती है । उन्हें जानने की आवश्यकता वे उद्धार के काम मुल्यवान और आवश्यक है । वैसे ही जैसे युवा पुरुषों को हारुनी पौरोहित्य को पहले से मलकासिदिक पौरोहित्य में महान सेवा करने के लिये तैयार करते है, हमारी युवतियों को पृथ्वी पर औरतों की महान संस्था—सहायता संस्था की सदस्यता के लिये तैयार करते हैं । एकसाथ,यह सुंदर,शक्तिशाली, विश्वासी युवतियां और युवक पति और पत्नी, मां और पिता जो परमेश्वर के स्लेटियल राज्य के योग्य परिवार बढ़ाने और बनाने की तैयारी करेंगे ।
मैं गवाही देती हुं कि हमारे स्वर्गीय पिता का कार्य उसके बच्चों को अमरत्व और अनंत जीवन देना है । हमारी मुल्यवान युवतियों के पास इस महान कार्य को पूरा करने में मदद करने की महत्वपुर्ण भुमिका है । यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।