एल्डर परिषद
वार्ड में एक मलकिसिदिक पौरोहित्य परिषद होने से पौरोहित्य धारक एक होकर उद्धार के कार्य के सभी पहलुओं को मिलकर पूरा करेंगे ।
इस अंतिम युग गिरजे को संगठित करने के कुछ समय बाद, प्रभु ने प्रकटीकरण में कहा था, “अपने विश्वास की प्रार्थना द्वारा तुम मेरी व्यवस्था प्राप्त करोगे, ताकि तुम जान सको कैसे मेरे गिरजे का संचालन करना है और मेरे सम्मुख सभी बातें ठीक करो।” इस आदेश का गिरजे में हमेशा से पालन किया जाता रहा है --- और उस प्रतिज्ञा को प्रभु ने सदा पूरा किया है -- तब से लेकर अबतक । पौरोहित्य संगठन और सेवा के ढांचे समय-समय पर भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ के समय से प्रकट किए जाते रहे हैं, जब पौरोहित्य पद और परिषद हमारे दिनों में स्थापित किए गए थे । विभिन्न अध्यक्षों जैसे ब्रिगंम यंग, और जॉन टेलर, स्पेनसर डब्ल्यू. किंबल, के कार्यकाल में बारह की परिषद, सत्तर, उच्च याजकों, और अन्य पदों और परिषदों में, और मलकिसिदिक और हारूनी पौरोहित्य दोनों में महत्वपूर्ण संशोधन प्रकट और लागू किए गए थे । अब, कुछ क्षण पहले एक ऐतिहासिक ब्यान में अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने एक और महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है ।
मैं उनके कथन में से कुछ दोहराता हूं “आज रात, हम प्रभु के कार्य को अधिक प्रभावशालीरूप से पूरा करने के लिये हमारी मलकिसिदिक पौरोहित्य परिषद के महत्वपूर्ण पुर्नगठन की घोषणा करते हैं । प्रत्येक वार्ड स्तर में, उच्च याजकों और एल्डरों को अब से एक ही एल्डर परिषद में सम्मलित किया जाएगा … और[उस स्टेक उच्च याजकों की] परिषद की संरचना वर्तमान पौरोहित्य नियुक्ति के आधार पर होगी ।”
अध्यक्ष नेलसन ने आगे कहा था:
“इन संशोधनों पर कई महिने तक विचार किया है । हमने अपने सदस्यों की देखभाल करने के तरीकों में सुधार करने की आवश्यकता को महसूस किया है । … इसे बेहतर तरीके से करने के लिये, हमें अपने पौरोहित्य परिषदों को उस प्रेम की सेवकाई करने और सहायता देने में अधिक निर्देशन देने के लिये मजबूत करने की जरूरत है जो प्रभु अपने संतों को देना चाहता है” ।
“ये संशोधन प्रभु द्वारा प्रेरति हैं । जब हम इन्हें लागू करते हैं, तो हम पहले से अधिक प्रभावशाली होंगे ।”
प्रथम अध्यक्षता के निर्देशन पर, एल्डर रॉनल्ड ए. रसबैंड और मैं कुछ बातें बताएंगे जिससे हमें भरोसा है आपको अपने प्रश्नों के जवाब मिलेंगे जो शायद आप पूछना चाहते हों ।
एल्डर और उच्च याजक परिषद
सबसे पहले, बताता हूं, वार्ड उच्च याजक समूहों और एल्डर परिषदों में क्या संशोधन किये हैं ? वार्ड में, एल्डर परिषदों और उच्च याजक समूहों के सदस्य अब एक मलकिसिदिक पौरोहित्य परिषद की एक ही परिषद अध्यक्षता के साथ सम्मलित की जाएगी । यह परिषद, संख्या और एकता में बढ़ेगी, इसे “एल्डर परिषद” नाम दिया जाएगा । उच्च याजक समूहों को समाप्त कर दिया गया है । एल्डर परिषद में वार्ड के उन सभी एल्डर और प्रत्याशित एल्डर के साथ-साथ उच्च याजक जो वर्तमान में धर्माध्यक्षता में, और स्टेक अध्यक्षता में, उच्च परिषद में, या कार्यशील कुलपति के रूप में सेवा नहीं कर रहें हैं, शामिल किया जाएगा । स्टेक में उच्च याजक परिषद में वे उच्च याजक सम्मलित होंगे जो स्टेक अध्यक्षता में, धर्माध्यक्षताओं मे, उच्च परिषद पर, और कार्यशील कुलपति के रूप में सेवा कर रहे हैं ।
एल्डर परिषद अध्यक्षता
एल्डर परिषद की अध्यक्षता कैसे संगठित की जाती है ? स्टेक अध्यक्षता वर्तमान उच्च याजक समूह के मार्गदर्शकों और एल्डर परिषद की अध्यक्षताओं को निवृत कर देगी और प्रत्येक वार्ड में नये एल्डर परिषद अध्यक्ष और सलाहकारों को नियुक्त करेगी । नई एल्डर परिषद अध्यक्षता में एल्डर और उच्च याजक शामिल हो सकते हैं, विभिन्न आयु और अनुभव के, एक परिषद अध्यक्षता में मिलकर सेवा करते हुए । यह उच्च याजकों द्वारा एल्डर परिषद का “अधिग्रहण” नहीं है । हम एल्डर और उच्च याजक को किसी भी संयोजन में परिषद अध्यक्षता और परिषद सेवा में मिलकर कार्य करने की आशा करते हैं । इन परिषद व्यवस्थाओं को जितनी जल्दी संभव होगा लागू कर दिया जाएगा ।
एल्डर परिषद में पौरोहित्य पद
क्या परिषद संरचना में यह संशोधन परिषद सदस्यों के पौरोहित्य पद में बदलाव लाता है ? नहीं, इस अमल से कोई पौरोहित्य पद रद्द नहीं किया जाएगा जिसमें किसी परिषद सदस्य को अतीत में नियुक्त किया जा चुका है । जैसा आप जानते हो, पुरूष सदस्य विभिन्न पौरोहित्य पदों में अपने जीवन-काल में नियुक्त किया जा सकता है, और वह किसी भी पूर्व नियुक्ति को नहीं खोता या गंवाता है जब वह एक नया पद प्राप्त करता है । जबकि कुछ उदाहरणों में पौरोहित्य धारक एक समय में एक से अधिक पदों में सेवा कर सकता है, जब उच्च याजक कुलपति या धर्माध्यक्ष के रूप में भी सेवा करता है, वह आमतौर पर अपने सभी पौरोहित्य पदों पर एक ही समय में कार्य नहीं करता है । धर्माध्यक्ष और सत्तर, उदाहरण के लिये, सक्रियरूप से उन पदों पर कार्य नहीं जिनसे वे निवृत या सेवामुक्त कर दिये जाते हैं । इस प्रकार, पुरूष सदस्य किसी भी पौरोहित्य पद या पदों पर बना रह सकता है, जबतक वह एल्डर परिषद का सदस्य है, वह एक एल्डर के रूप में सेवा करता है ।
सालों पहले, अध्यक्ष बोएड के. पैकर ने बताया था कि, “पौरोहित्य इसके किसी भी पद से बढ़कर है । … पौरोहित्य को बांटा नहीं जा सकता । एक एल्डर का पौरोहित्य और प्रेरित का पौरोहित्य एकसमान है । (देखें सिऔरअ 20:38।) जब पुरूष सदस्य [के पास उस पर प्रदान किया गया पौरोहित्य है], वह इसका सबकुछ प्राप्त करता है । हालांकि, पौरोहित्य में --- अधिकार और जिम्मेदारी का विभाजन के अनुसार विभिन्न पद हैं … कई बार एक पद को दूसरे पद से ’उच्चत्तर’ या ’निम्नत्तर’ कहा जाता है । असल में ’उच्चत्तर’ या ’निम्नत्तर’ होने स्थान पर, मलकिसिदिक पौरोहित्य में पद सेवा के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं ।” भाईओं मैं हृदय से आशा करता हूं कि हम मलकिसिदिक पौरोहित्य में एक पद को दूसरे से अधिक बड़ा बिलकुल नहीं कहेंगे ।
एल्डरों का उच्च याजक नियुक्त किया जाना जारी रहेगा जब वे स्टेक अध्यक्षता में, परिषद में, या धर्माध्यता मेंनियुक्त किये जाते हैं --- या अन्य समयों पर स्टेक अध्यक्ष द्वारा प्रार्थनापूर्वक विचार और प्रेरणा प्राप्त करके । जब उनकी सेवा की अवधि स्टेक अध्यक्षता, उच्च परिषद, या धर्माध्यक्षता में पूरी हो जाती है, उच्च याजक अपने वार्ड के पौरोहित्य परिषद में फिर से शामिल हो जाएंगे ।
एल्डर परिषद अध्यक्ष के लिये निर्देश
एल्डर परिषद अध्यक्ष का निर्देशन कौन करता है ? स्टेक अध्यक्ष अपने स्टेक में मलकिसिदिक पौरोहित्य की अध्यक्षता करता है । इसलिये, एल्डर परिषद अध्यक्ष स्टेक अध्यक्ष के प्रति जवाबदेह है, जो स्टेक अध्यक्षता से और उच्च परिषद के द्वारा प्रशिक्षण और मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है । धर्माध्यक्ष, जोकि वार्ड में अध्यक्षीक उच्च याजक है, वह भी नियमितरूप से एल्डर परिषद अध्यक्ष से मुलाकात करता है । धर्माध्यक्ष उसके साथ सलाह-मशवरा करता और उचित निर्देशन देता है कि किस प्रकार वार्ड सदस्यों को उत्तम सेवा और आशीष उपलब्ध करानी है, वार्ड की सभी संगठनों के साथ समरूपता से कार्य करते हुए ।
इन बदलावों का उद्देश्य
मलकिसिदिक पौरोहित्य में संशोधनों के उद्देश्य क्या हैं ? वार्ड में एक मलकिसिदिक पौरोहित्य परिषद होने से पौरोहित्य धारक एक होकर उद्धार के कार्य के सभी पहलुओं को मिलकर पूरा करेंगे, जिसमें मंदिर और परिवार इतिहास कार्य शामिल हैं जो पहले उच्च याजक समूहों द्वारा किए जाते थे । इससे सभी आयु और परिस्थितियों के परिषद सदस्यों को एक दूसरे के और विभिन्न आयु के सदस्यों के विचारों और अनुभवों से लाभ प्राप्त होगा । यह अनुभवी पौरोहित्य धारकों को दूसरों का मार्गदर्शन करने के अतिरिक्त अवसरों को उपलब्ध करायेगा, जिसमें प्रत्याशित एल्डर, नये सदस्य, युवक, और वे सदस्य शामिल हैं जो गिरजे की सक्रियता में वापस लौट रहे हैं । मैं भली-भांति व्यक्त नहीं कर सकता कि इसका विचार करके मैं कितना उत्साहित हूं कि भविष्य में एलडर परिषद एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी । ज्ञान, अनुभव, क्षमता, और ताकत जो इन परिषदों में पाई जाएगी एक नए दिन और गिरजे में हर स्थान पर पौरोहित्य सेवा के नए स्तर की शुरूआत करेगी ।
बीस साल पहले महा सम्मेलन में, मैंने सत्तर के एल्डर वॉगन जे. फैदरस्टोन द्वारा सुनाई कहानी का जिक्र किया था जिसे अभी दोहराना मुझे उचित लगता है ।
“1918 में भाई जार्ज गोट्स एक किसान थे जो यूटाह, लेही में चुकंदर की खेती करते थे । उस साल सर्दी जल्दी आ गई और खेत में उनकी सारी चुकंदर बर्फ से जम गई । जॉर्ज और उसके युवा बेटे फ्रांसिस की फसल धीरे उगी । इस बीच, लोगों के बीच फ्लू की महामारी फैल गई । इस भंयकर रोग ने जार्ज के बेट चालर्स और चालर्स के तीन छोटे बच्चों---दो छोटी लड़कियों और एक लड़के की जान ले ली । केवल छह दिनों के दौरान, दुखी जार्ज गोट्स को यूटाह, ओगडन के तीन चक्कर लगाने पड़े थे, शवों को दफन के लिये घर लाने में । इस भंयकर अवधि के समाप्त होने पर, जार्ज और फ्रांसिस अपने ठेले को धकेला और चुकंदर के खेत गए” ।
“[रास्ते में] उन्हें चुकंदर से भरे बहुत से ठेले फैक्टरी की ओर जाते हुए पड़ोसी किसान मिले । जब वे सामने से गुजर रहे थे, प्रत्येक किसान हाथ हिलाते हुए कह रहे थे: ’हाय, अकंल जार्ज, हमें दुख है जार्ज, ’आपके साथ बुरा हुआ, जार्ज,” ’जार्ज, तुम्हारे बहुत मित्र हैं ।’
“अंतिम ठेले को … चहरे पर दानों वाला लड़का जैसपर रॉल्फ ला रहा था । उसने खुशी में हाथ हिलाया और जोर से कहा:’अकंल जार्ज, बस इतने ही चुकंदर थे ।’
“[भाई गोट्स] फ्रांसिस की ओर मुड़ा और बोला:’काश ये सब चुकंदर हमारे होते ।’
“जब वे खेत के फाटक पर पहुंचे, फ्रांसिस ने चुकंदर के लाल-ठेले से कूदकर फाटक खोला और उसके पिता खेत में गए । जार्ज रूका, … और खेत पर नजर घुमाई । पूरे खेत में एक भी चुकंदर नहीं था । तब उन्हें समझ में आया जैसपर रॉल्फ के ’अकंल जार्ज, बस इतने ही चुकंदर थे !’ कहने का क्या मतलब था ।
… “[जार्ज] ठेले से उतरा, मुठ्ठी में भूरी मिट्टी को उठाया जिससे वह बहुत चाहता था, और फिर … चुकंदर का ऊपरी भाग उठाया, और एक क्षण के लिये अपने परिश्रम के इन प्रतीकों की ओर देखा, मानो उसे विश्वास नहीं हो रहा था ।
“’फिर वह चुकंदर के ढेर के ऊपर बैठ गया --- यह इंसान जो केवल छह दिन के अंतराल में अपने प्रियों के शवों दबाने के लिये घर लाया; ताबुत बनाए, कब्रें खोदी, और दफन के वस्त्र तैयार किए --- यह अद्भुत इंसान जो कभी कमजोर नहीं हुआ, न ही कभी दर्द की शिकन चेहरे पर आने दी, न ही पीड़ादायक परिस्थिति में कभी झुका ---चुकंदर के ठेर पर बैठ गया और एक छोटे बच्चे के समान जोर से रोने लगा ।
“फिर वह खड़ा हुआ, अपनी आंखें पोंछी, …. ऊपर आकाश की ओर देखा, और बोला: पिता, हमारे वार्ड के एल्डरों के लिये धन्यवाद ।”
हां, पौरोहित्य के पुरूषों और लोगों और परिवारों और सिय्योन को स्थापित करने में वे जो सेवा करेंगे उसके लिये परमेश्वर को धन्यवाद दिया जाना चाहिए ।
प्रथम अध्यक्षता, बारह प्रेरितों की परिषद, और सत्तर की अध्यक्षता ने लंबे समय तक इन संशोधनों पर विचार किया है । अत्याधिक प्रार्थना, पौरोहित्य परिषद के धर्मशास्त्रीय आधारों का भली-भांति अध्ययन के साथ, और पुष्टिकरण कि यह प्रभु की इच्छा है, हम एकमत होकर आगे बढ़ रहे हैं जोकि वास्तव में पुनास्थापना को फैलाने में एक और कदम है । इसमें प्रभु का निर्देशन साफ दिखाई देता है, और मैं बहुत आनंदित हूं, जब मैं उसकी, उसके पौरोहित्य, और इस पौरोहित्य में आपकी नियुक्ति की गवाही देता हूं, यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।