महा सम्मेलन
वचन की नैतिकता
अक्टूबर 2022 महा सम्मेलन


10:16

वचन की नैतिकता

प्राचीन और वर्तमान भविष्यवक्ताओं के वचन में नैतिकता होती है क्योंकि यकीनन उनके वचन प्रभु के वचन होते हैं।

मॉरमन की पुस्तक में, हम धर्मशास्त्र के एक प्रिय पद में भविष्यवक्ता अलमा द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में पढ़ते हैं। उन परिचित वचनों की समीक्षा करने से पहले, कृपया मेरे साथ उन कठिन परिस्थितियों पर विचार करें जिनके तहत यह निर्णय लिया गया था।

लोगों का एक समूह, जो स्वयं को जोरामाई कहते थे, नफाइयों1 से अलग हो गए थे और लमनाइयों के निकट प्रदेश की सीमाओं में एकत्रित हो गए।2 नफाइयों ने हाल ही में एक अभूतपूर्व युद्ध में लमनाइयों को हराया था जिसमें हजारों लोग मारे गए थे,3 और “अब नफाइयों को बहुत डर था कि जोरामाई लमनाइयों से मेल-मिलाप करना आरंभ करेंगे, और इससे नफाइयों को बहुत अधिक नुकसान होगा।”4 युद्ध की चिंताओं से परे, अलमा ने सीखा कि जोरामाई, जिनके “पास पहले से ही परमेश्वर का वचन था,”5 मूर्ति पूजा की ओर मुड़ रहे थे और “प्रभु के मार्ग को दूषित कर रहे थे।”6 इन सब से अलमा परेशान था और उसके “दुख का महान कारण था”।7

इन जटिल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खुद को पाकर, आलम ने सोचा कि क्या किया जाना चाहिए। उसके निर्णय में हमने उन वचनों को पढ़ा जो हमें प्रेरित करने और हमें निर्देश देने के लिए संरक्षित किए गए थे जब हम अपने समय की जटिल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को नकारात्मक रूप से ले लेते हैं।8

और अब, वचन के प्रचार का महान तात्पर्य लोगों से उचित कार्य करवाना था—हां, तलवार या किसी भी अन्य बात से अधिक इसका प्रभाव लोगों के मन पर हो सकता था, जैसा उनके साथ हुआ था—इसलिए अलमा ने सोचा कि यह आवश्यक था कि वे परमेश्वर के वचन की नैतिकता को अमल में लाएं।.”9

कई संभावित समाधानों के बीच, अलमा के विश्वास ने उसे वचन की शक्ति पर भरोसा करने के लिए प्रेरित किया। यह कोई संयोग नहीं है कि धर्मशास्त्र में पाए जाने वाले कुछ सबसे शक्तिशाली उपदेशों का प्रचार उस निर्णय के तुरंत बाद किया गया था। अलमा के अध्याय 32 और 33 में हम प्रभु यीशु मसीह में विश्वास पर उसके प्रभावशाली वचन को पढ़ते हैं, और अध्याय 34 में हम यीशु मसीह के प्रायश्चित पर अमूलेक की मौलिक शिक्षाओं को पाते हैं।

वचन की नैतिकता का चित्रण

वास्तव में, पूरे धर्मशास्त्र में हम उन लोगों पर चमत्कारिक आशीषों के बारे में पढ़ते हैं जिन्होंने अपने जीवन में परमेश्वर के वचन की नैतिकता को अमल में लाने का विकल्प चुना है।10 जब हम अपना ध्यान मॉरमन की पुस्तक की ओर मोड़ते हैं तो मैं आपको अपने साथ तीन उदाहरणों पर विचार करने के लिए आमंत्रित करता हूं—जिसे अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने “हमारे अंतिम-दिनों में जीवित रहने की मार्गदर्शिका” बताया है।11

सबसे पहले, अपने लोगों को यह याद दिलाते हुए कि कैसे प्रभु ने उनके पूर्वजों को मुक्त किया था, अलमा ने सिखाया: “देखो, उसने उनके हृदयों को बदल दिया; हां, उसने उन्हें गहरी नींद से जगा दिया, और वे परमेश्वर के प्रति जागृत हुए। देखो, वे अंधकार के बीच में थे; फिर भी, उनकी आत्माएं अनंत वचन के प्रकाश द्वारा प्रकाशित हुईं।”12 शायद आपको ऐसा महसूस हो रहा हो कि आप अंधेरे के बीच में हैं। क्या आपकी आत्मा प्रकास के लिए पीड़ित होती है? यदि हां, तो कृपया परमेश्वर के वचन की नैतिकता को अमल में लाने का प्रयास करें।

दूसरा, लमनाइयों के प्रभु में परिवर्तित होने पर विचार करें, जिसे उसने एक प्रचारक के रूप में देखा था, अम्मोन ने कहा, देखो, उसने हमारे कई हजार भाइयों को नरक की पीड़ा से छुड़ाया है; और उन्होंने मुक्तिभरे गीत गाए हैं, और ऐसा उसके वचन के उस सामर्थ्य के कारण हुआ है उसके जो हममें विद्यमान है।13 भाइयों और बहनों, हम में से बहुत से लोग हैं जो किसी ऐसे व्यक्ति के लिए तरस रहे हैं जो हमारे साथ मुक्तिभरे प्रेमगीत गाना चाहता हो। अपने सभी प्रयासों में, आइए हम परमेश्वर के वचन की नैतिकता को अमल में लाने प्रयास करना जारी रखें, जो हम में है।

तीसरा, हिलामन की पुस्तक में हम पढ़ते हैं, हां, हम देखते हैं कि जो कोई भी परमेश्वर के उस वचन का सहारा लेगा जो जीवित और शक्तिशाली है, जो कि शैतान की सभी चालाकियों और फंदों और छलबल को चूर-चूर करेगा, और मसीह के लोगों को तंग और संकरे मार्ग से, दुखों की उस अनंत घाटी के पार ले जाएगा … और उनकी आत्माएं, … राज्य में परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठेंगी …।”14 क्या आप हमारे आज के समय में प्रचलित शैतान की सभी चालाकियों और फंदों और धूर्तों से बचने की कोशिश कर रहे हैं? क्या आप अनुबंध मार्ग पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए बेकार की सूचनाओं की अधिकता के कारण उत्पन्न भ्रम के बादलों को तितर-बितर करना चाहते हैं? कृपया परमेश्वर के वचन की नैतिकता को अमल में लाने का प्रयास करें है।

एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसे वचन की शक्ति ने बदल दिया है, मैं व्यक्तिगत रूप से इस सच्चाई की गवाही देता हूं जो हमारे प्रिय भविष्यवक्ता, अध्यक्ष रसल एम. नलसन द्वारा इतनी खूबसूरती से बताई गई है: “मेरे लिए, मॉरमन की पुस्तक की शक्ति सबसे अधिक स्पष्ट है जो लोग इसे ‘ईमानदारी से, सच्चे इरादे से, मसीह में विश्वास से पढ़ते हैं उनके जीवन में परिवर्तन आता है’। कई परिवर्तित लोग इस पुस्तक के उपदेशों का पालन करने के लिए बहुत कुछ छोड़ देते हैं जिसे वे एक बार प्रिय मान लेते है। … यह आत्माओं को यीशु मसीह के पास लाने में आपका सबसे प्रभावशाली साधन होगा।”15

नैतिकता का स्रोत

इन और अन्य उदाहरणों में, हम उसके बच्चों के जीवन में परमेश्वर के वचन नैतिकता को अमल में लाने को देखते हैं। हम पूछ सकते हैं, उस नैतिकता या शक्ति का स्रोत क्या है?

जब हम इस प्रश्न पर विचार करते हैं, तो यह याद रखना आवश्यक है कि वाक्यांश “वचन”, जैसा धर्मशास्त्र में प्रयोग किया गया है, इसके कम से कम दो अर्थ हैं। एल्डर डेविड ए. बेडनार ने हाल ही में बताया कि “यीशु मसीह का एक नाम ‘वचन’” है, और “उद्धारकर्ता की शिक्षाएं, जो पवित्र धर्मशास्त्रों में लिखी हैं, वे भी ‘वचन’ हैं।’”16

भविष्यवक्ता नफी ने इन दो अर्थों के बीच के संबंध को स्पष्ट किया है जब उसने लिखा: “इन वचनों को सुनो और मसीह में विश्वास करो; और यदि तुम इन बातों पर विश्वास नहीं करते तो मसीह पर विश्वास करो। और यदि तुम मसीह में विश्वास करोगे तुम इन वचनों में विश्वास करोगे, क्योंकि ये मसीह के वचन हैं, और इन्हें उसने मुझे दिया है।”17 इस प्रकार हम सीखते हैं कि प्राचीन और वर्तमान भविष्यवक्ताओं के शब्दों में नैतिकता है क्योंकि यकीनन उनके वचन प्रभु के वचन हैं।18 मेरे प्यारे दोस्तों, इस अनंत सच्चाई को अंत दिनों में 19 स्वीकार करना हमारे आत्मिक अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है, जब की भविष्यवाणी के अनुसार, “देश में अकाल है, रोटी का अकाल नहीं, न ही पानी का अकाल, बल्कि पभु के वचनों का अकाल।”20

अंततः, परमेश्वर के वचन की नैतिकता है प्रभु यीशु मसीह।21 जब हम इसे पूर्णरूप से समझते हैं, तो हम उसके भविष्यवक्ताओं और स्वयं मुक्तिदाता की भूमिका के बीच एक अनंत महत्वपूर्ण संबंध बना सकते हैं। उसके लिए हमारा प्यार, उसके करीब आने और उसके प्यार 22 में बने रहने की हमारी इच्छा को, हमें अपने जीवन में वचन के नैतिक गुण को आजमाने के लिए उत्साहित करेगा—दोनों वह नैतिकता जो हमारे व्यक्तिगत उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता23 के रूप में उससे बहते हैं और नैतिकता जो “प्रभु के चुने हुए पात्र” के वचनों के द्वारा उसके पास से बहती है।”24 हमें यह समझना चाहिए कि, उद्धारकर्ता और उसके भविष्यवक्ताओं के वचनों के हमारे अध्ययन में अन्य स्रोत जो सहायक हो सकते हैं, उन्हें कभी भी प्रतिस्थापन नहीं बनना चाहिए। हमें और गहराई से खोजना चाहिए और अक्सर,25 सीधे स्रोत तक जाना चाहिए।26

मैं आप सभी मेरे भाइयों और मेरी बहनों को अपना प्रेम व्यक्त करता हूं। उस प्रेम के साथ, मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप परमेश्वर के वचन की नैतिकता का अनुभव करें, विशेष रूप से मॉरमन की पुस्तक के माध्यम से, अपने जीवन के प्रत्येक दिन में। जब आप ऐसा करते हैं, तो आप अध्यक्ष रसल एम. नेलसन की इस भविष्यवाणी की प्रतिज्ञा का अनुभव करेंगे: अध्यक्ष रसल एम नेलसन ने वादा किया हैं : “मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, मैं आपसे वादा करता हूं कि जब आप प्रतिदिन,मॉरमन की पुस्तक का प्रार्थनापूर्वक अध्ययन करते हैं, तो आप—प्रतिदिन बेहतर निर्णय लेंगे। मैं आपसे वादा करता हूं कि जब आप अपने किए हुए अध्ययन पर विचार करते हैं, तो स्वर्ग की खिड़कियां आपके लिए खुल जाएंगी और आपको स्वयं के प्रश्नों के उत्तर और स्वयं के जीवन के लिये निर्देशन प्राप्त होगा । मैं वादा करता हूं जब आप प्रतिदिन मॉरमन की पुस्तक को गहराई से अध्ययन करेंगे, तब आप हर रोज की बुराइयों से बच सकते हैं।”27

मैं गवाही देता हूं कि हमारे स्वर्गीय पिता ने हमें वचन दिया है क्योंकि वह हमें पूरी तरह से प्यार करता है और चाहता है कि हम में से प्रत्येक हमेशा के लिए उसके साथ रहने के लिए घर लौट आए। मैं यीशु मसीह उसके “वचन … और उसके मांस,”28 और हमें बचाने और हमें मुक्ति दिलाने की उसकी शक्ति की गवाही देता हूं। मैं जानता हूं कि उसकी नैतिकता उसके भविष्यवक्ताओं के शब्दों के माध्यम से बहती है, अतीत और वर्तमान दोनों में।

यह मेरे दिल की प्रार्थना है कि हम परमेश्वर के वचन को दृढ़ता से धारण करें और ज्ञान, दीनता को प्राप्त कर सकें29 और अनुबंध मार्ग पर बने रहें जो उच्च और अनन्त जीवन की ओर ले जाता है।30 हम लगातार वचन की नैतिकता के माध्यम से जो हम में से प्रत्येक के लिए उपलब्ध है उस शक्तिशाली परिवर्तन का अनुभव करें।31 यीशु मसीह के नाम में, आमीन।

विवरण

  1. देखें अलमा 30:59

  2. देखें अलमा 31:3

  3. देखें अलमा 28:2

  4. अलमा 31:4। कृपया ध्यान दें कि अलमा और उसके लोगों ने पहले अमलिकिओ और लमनाइयों के बीच इस तरह के “व्यवाहर” का अनुभव किया था, जिसके कारण बहुत दुख और नुकसान हुआ था। (देखें अलमा 2:21–38; 3:1–3)।

  5. अलमा 31:8

  6. अलमा 31:1

  7. अलमा 31:2

  8. देखें मॉरमन 08:34-35

  9. अलमा 31:5; महत्व जोड़ा गया है।

  10. देखें, उदाहरण के लिए, 1 नफी 15:24; अलमा 32:41–43; 36:26; 37:8, 44–45)।

  11. रसल एम. नेलसन, “Embrace the Future with Faith,” Liahona, नवंबर 2020, 75।

  12. अलमा 5:7; महत्व जोड़ा गया है।

  13. अलमा 26:13; महत्व जोड़ा गया है।

  14. हिलामन 3:29-30; महत्त्व जोड़ा गया है।

  15. रसल एम. नेलसन “The Book of Mormon: A Miraculous Miracle” (address given at the seminar for new mission leaders, June 23, 2016), quoting in part मोरोनी 10:4

  16. डेविड ए. बेडनर,“But We Heeded Them Not,” Liahona, मई 2022, 16।

  17. 2 नफी 33:10; महत्व जोड़ा गया है।

  18. देखें सिद्धांत और अनुबंध 1:38

  19. देखें सिद्धांत और अनुबंध 1:14-18

  20. आमोस 8:11

  21. देखें अलमा 34:6

  22. देखें यूहन्ना 15:10

  23. देखें मरकुस 05:25-34

  24. मरोनी 7:31

  25. “तैयारी करने का एक बेहतर तरीका है, क्योंकि महान विश्वास की एक छोटी जिंदगी होती है। धर्मशास्त्रों और जीवित भविष्यवक्ताओं के वचनों के बारे में अपने अध्ययन में सुधार लाने के लिए आप क्या करने की प्रेरणा महसूस करते हैं. मैं यही करूंगा। मैं मॉरमन की पुस्तक को वापस पढूंगा और गहराई से समझूगा” (Henry B. Eyring, “Spiritual Preparedness: Start Early and Be Steady,” Liahona, नवंबर 2005, 39).

  26. “मेरे लिए, धर्मशास्त्रों को पढ़ना विद्वता की खोज नहीं है। बल्कि, यह यहोवा और उसके भविष्यवक्ताओं के वचन के साथ प्रेम संबंध है। …

    “मुझे धर्मशास्त्रों में जो मिलता है, उसे में विस्तार से पढ़ता हु और लंबे कमेंट्री वॉल्यूम पढ़ने से में खुद को ज्यादा चिंतित नहीं करता हूं। इसके बजाय, मैं मूल कारण के साथ रहना पसंद करता हूं, सत्य की नींव के मिलावटी पानी का स्वाद चखता हूं—परमेश्वर का वचन जैसा उसने दिया था और जैसा कि किताबों में दर्ज किया गया है जिसे हम धर्मशास्त्र के रूप में स्वीकार करते हैं। धर्मशास्त्रों को पढ़ने के माध्यम से, हम आत्मा का आश्वासन प्राप्त कर सकते हैं कि जो कुछ हम पढ़ते हैं वह परमेश्वर से उनके बच्चों के ज्ञान, आशीषों और आनंद के लिए आया है”(Gordon B. Hinckley, “Feasting upon the Scriptures,” Tambuli, June 1986, 2, 4).

  27. रसल एम. नेलसन, “The Book of Mormon: What Would Your Life Be Like without It?,” Liahona, नवंबर 2017, 62–63.

  28. यहून्ना 1:14

  29. देखें 1 नफी 08:30

  30. अनुबंध मार्ग ही एकमात्र मार्ग है जो उत्कर्ष और अनन्त जीवन की ओर जाता है। (रसल एम. नेलसन, “The Power of Spiritual Momentum,” Liahona, मई 2022, 98).

  31. देखें अलमा 5:11-13