उसका जूआ सहज और उसका बोझ हल्का है
आइए हम याद रखें कि इस पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर की संतान है और वह हर एक से प्यार करता है।
कहानी जैक नाम के एक व्यक्ति के बारे में बताई गई है, जिसके पास कैसी नाम का एक प्यारा शिकारी कुत्ता था। जैक को कैसी पर बहुत गर्व था और अक्सर इस बारे में डींग मारता था कि वह कितना कुशल कुत्ता था। इसे साबित करने के लिए, जैक ने कुछ दोस्तों को कैसी का प्रदर्शन देखने के लिए आमंत्रित किया। शिकार क्लब में पहुंचने के बाद, जैक ने कैसी को आस-पार घूमने के लिए बाहर जाने दिया, जबकि वह लिए अंदर चला गया।
जब शुरू करने का समय आया, तो जैक कैसी के अद्भुत कौशल को दिखाने के लिए उत्सुक था। हालांकि, कैसी अजीब हरकत कर रहा था। वह जैक के किसी भी आदेश का पालन नहीं कर रहा था जबकि वह आमतौर पर स्वेच्छा से ऐसा करता था। वह बस उसके साथ रहना चाह रहा था।
जैक कैसी से निराश और शर्मिंदा और नाराज था; जल्द ही उसने कहा कि वे वहां से बाहर जाएंगे। कैसी ट्रक के पीछे भी नहीं कूदा था, इसलिए जैक ने न चाहते हुए उसे उठाया और उसे पिंजरे में डाल दिया। वह गुस्से में था क्योंकि उसके साथ के लोगों ने घर जाते हुए उसके कुत्ते के व्यवहार का मजाक उड़ाया था। जैक को समझ नहीं आ रहा था कि कैसी ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा था। उसे अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया था, और अतीत में उसने पूरी इच्छा उसे खुश करते हुए उसकी सेवा थी।
घर पहुंचने के बाद, जैक ने कैसी की चोट, कंटीले घास के बीज या टिक्स देखने के लिए जांच की, जैसा कि वह आमतौर पर करता था। जैसे ही उसने उसकी छाती पर हाथ लगाया, उसने कुछ गीला सा महसूस किया और उसका हाथ खून से लथपथ हो गया था। वह बहुत शर्मिंदा हुआ और घबरा गया, उसने पाया कि कैसी की छाती की हड्डी पर एक लंबा, चौड़ा घाव था। उसे उसके आगे के दाहिने पैर पर एक और घाव मिला।
जैक ने कैसी को अपनी बाहों में ले लिया और रोने लगा। वह बहुत शर्मिंदा था कि उसने कैसे उसे गलत समझा और उसके साथ गलत व्यवहार किया था। कैसी दिन में पहले अस्वाभाविक रूप से हरकत कर रही थी क्योंकि उसे चोट लगी थी। उसका व्यवहार उसके दर्द, उसकी पीड़ा और उसके घावों से प्रभावित था। इसका जैक की आज्ञा मानने की इच्छा की कमी या उसके लिए प्यार की कमी से कोई लेना-देना नहीं था।1
मैंने यह कहानी सालों पहले सुनी थी और इसे अभी तक नहीं भूला पाई हूं। हमारे बीच कितने घायल व्यक्ति हैं? कितनी बार हम दूसरों पर उनकी बाहरी उपस्थिति और कार्यों, या कार्रवाई की कमी के आधार पर दोष लगाते हैं, लेकिन जब हम पूरी तरह से समझ जाते हैं, तो हम इसके बजाय करुणा दिखाने और हमारी अलोचना से उनके बोझ को बढ़ाने के बजाय उनकी मदद करने की इच्छा करेंगे?
मैं अपने जीवन में कई बार इसकी दोषी रही हूं, लेकिन प्रभु ने धैर्यपूर्वक मुझे व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से सिखाया है और जब मैंने कई अन्य लोगों के जीवन के अनुभवों को सुना है। मैं अपने प्रिय उद्धारकर्ता के उदाहरण की पूरी तरह से सराहना करती आई हूं क्योंकि उसने अपना अधिकतर समय दूसरों की प्रेम से सेवा करने में बिताया है।
मेरी सबसे छोटी बेटी के जीवन के अनुभव में उस समय से भावनात्मक स्वास्थ्य चुनौतियां शामिल हैं जब वह एक छोटी लड़की थी। उसके पूरे जीवन में कई बार ऐसा हुआ है जब उसे लगा कि वह आगे नहीं सह सकती है। हम उन सांसारिक स्वर्गदूतों के सदैव आभारी रहेंगे जो उन कठिन समयों के दौरान हमारे साथ रहे हैं: उसके साथ बैठे; उसकी बात सुनी; उसके साथ रोए; और साथ ही अद्वितीय उपहारों, आत्मिक समझों और प्यार के पारस्परिक संबंधों को भी साझा किया है। ऐसी प्रेमपूर्ण परिस्थितियों में अक्सर दोनों तरफ से बोझ उठाया जाता है।
एल्डर जोसफ बी. विर्थलिन ने 1 कुरिन्थियों को बताते हुए कहा था, “यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं।”2
वह आगे कहता है:
“संतों के इस नए शरीर के लिए पौलुस का संदेश सरल और सीधा था: यदि आपके पास उदारता नहीं है तो आप जो कुछ भी करते हैं उससे बहुत फर्क नहीं पड़ता है। आप बोलियों में बोल सकते हैं, भविष्यवाणी का उपहार प्राप्त कर सकते हैं, सभी भेदों को समझ सकते हैं, और सभी ज्ञान को समझते हो; यहां तक कि यदि आपके पास पहाड़ों को हटाने तक का विश्वास हो, तोभी उदारता के बिना यह आपको बिल्कुल भी लाभ नहीं पहुंचाएगा।
उदारता “मसीह का पवित्र प्रेम है” (मोरोनी 7:47)। उद्धारकर्ता ने उस प्रेम का उदाहरण दिया।3
यूहन्ना में हम पढ़ते हैं, “यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे शिष्य हो।”4
उदारता, एकता, प्रेम, दया, करुणा, क्षमा और कृपा पर हमारे गिरजे के मार्गदर्शकों द्वारा कई वार्ताएं दी गई हैं। मेरा मानना है कि उद्धारकर्ता हमें एक उच्च, पवित्र मार्ग5जीने के लिए आमंत्रित कर रहा है—उसके प्रेम का तरीका है जहां सभी महसूस कर सकते हैं कि वे वास्तव में संबंधित हैं और उनकी आवश्यकता है।
हमें आज्ञा दी जाती है कि हम दूसरों से प्रेम करें,6 उनकी आलोचना न करें।7 हमें इस भारी बोझ को नीचे रख देना चाहिए; हमें इसे नहीं उठाना है।8 इसके बजाय, हम उद्धारकर्ता के प्रेम और करुणा के जुए को उठा सकते हैं।
“हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
“मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; …
“क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।”9
उद्धारकर्ता पाप को क्षमा नहीं करता है, लेकिन हमें अपना प्रेम प्रदान करता है और जब हम पश्चाताप करते हैं तो क्षमा प्रदान करता है। व्यभिचार में फंसी स्त्री से उसने कहा, “ मैं भी तुझ पर दंड की आज्ञा नहीं देता; जा, और फिर पाप न करना।”10 जिन्हें उसने छुआ, उन्होंने उसके प्रेम को महसूस किया, और उस प्रेम ने उन्हें चंगा और बदल दिया। उसके प्यार ने उन्हें अपने जीवन को बदलने के लिए प्रेरित किया। उसके मार्ग को जीने से आनन्द और शांति मिलती है, और उसने दूसरों को नम्रता, दया और प्रेम के साथ जीने के उस तरीके के लिए आमंत्रित किया।
एल्डर गैरी ई. स्वीनसन ने कहा था: “जब हम जीवन के तूफानों और आंधी, बीमारी और घावों का सामना करते हैं, तो प्रभु—हमारा चरवाहा—प्यार और करुणा से हमारा पोषण करेगा। वह हमारे दिलों को चंगा करेगा और हमारी आत्माओं को शांति देगा।”11 यीशु मसीह के अनुयायियों के रूप में, क्या हमें भी ऐसा ही नहीं करना चाहिए?
उद्धारकर्ता हमें उसके बारे में जानने के लिए कहता है12 और उन कार्यों को करने के लिए जो हमने उसे करते हुए देखा है।13 वह परोपकार का, शुद्ध प्रेम का अवतार है। जब हम निरंतर उस कार्य को करना सीखते हैं जो वह हमसे कहता है—कर्तव्य के रूप में नहीं या उन आशीषों को पाने के लिए भी नहीं जो हमें मिल सकती हैं लेकिन विशुद्ध रूप से उसके और हमारे स्वर्गीय पिता के प्रति प्यार के कारणवश14—उसका प्यार हमारे द्वारा प्रवाहित होगा और वह सब कुछ जो वह कहता है उसे करना न केवल संभव होगा बल्कि इतना सरल और हल्का15 और अधिक आनंददायक होगा जिसकी हम कभी कल्पना कर नहीं सकते। इसके लिए कार्य करना होता है; इसमें वर्षों लग सकते हैं, जैसे मुझे लगे हैं है, लेकिन जब हम प्यार करने की मात्र इच्छा रखते हैं, कि प्यार हमारी प्रेरक शक्ति बने, तो वह उस इच्छा को ग्रहण कर सकता है,16 उस बीज को, और अंततः इसे एक सुंदर पेड़ में बदल सकता है, मीठे फलों से लदा।17
हम अपने प्रिय स्तुतिगीतों में से एक में गाते हैं: “जब मैं अपूर्ण रूप से चलता हूं तो मैं दूसरे की आलोचना करने वाला कौन होता हूं? शांत हृदय में दुख छिपा हुआ है जिसे आंख देख नहीं सकती।”18 हम में से किसने दुखों को छिपाया होगा? विद्रोही लगता बच्चा या किशोर, तलाकशुदा माता-पिता के बच्चे, एकल मां या पिता, शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझते लोग, ऐसे जो अपने विश्वास पर संदेह करते हैं, वे जो नस्लीय अल्पसंख्यक या सांस्कृतिक भेदभाव, अकेलापन महसूस करने वाले, शादी करने के इच्छुक लोग, अनावश्यक व्यसनों वाले, और कई अन्य जो चुनौतीपूर्ण जीवन के विभिन्न अनुभवों से निपटने का प्रयास करते हैं—अक्सर वे भी जिनके जीवन ऊपरी तौर पर परिपूर्ण दिखाई देते हैं।
किसी का जीवन परिपूर्ण नहीं है और न ही परिपूर्ण परिवार हैं; मेरा तो निश्चित रूप से नहीं है। जब हम उन लोगों के साथ सहानुभूति रखना चाहते हैं जो चुनौतियों और कमियों का भी अनुभव करते हैं, तो यह उन्हें महसूस करने में मदद कर सकता है कि वे अपने संघर्षों में अकेले नहीं हैं। हर किसी को यह महसूस करने की आवश्यकता है कि वे वास्तव में संबंधित हैं और मसीह के शरीर में आवश्यक हैं।19 शैतान की बहुत बड़ी इच्छा परमेश्वर के बच्चों को बांटने की है, और वह बहुत सफल रहा है, लेकिन एकता में ऐसी शक्ति होती है।20 और नश्वरता की इस चुनौतीपूर्ण यात्रा पर हमें एक-दूसरे के साथ कैसे हाथ मिलाकर चलने की आवश्यकता है!
हमारे भविष्यवक्ता, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने कहा था: “राष्ट्रीयता, जाति, यौन आधार, लिंग, शैक्षणिक डिग्री, संस्कृति, या अन्य महत्वपूर्ण पहचानओं के कारण दूसरे के प्रति कोई भी दुर्व्यवहार या पूर्वाग्रह हमारे निर्माता के प्रति अपमानजनक है! इस तरह के दुर्व्यवहार से हम उसके अनुबंधित बेटे और बेटियों के रूप में अपनी महत्ता को कम करते हैं!21
जबकि अध्यक्ष नेलसन ने सभी को अनुबंध मार्ग बनाने और इस पर चलते रहने का निमंत्रण दिया है जो हमारे उद्धारकर्ता और स्वर्ग में हमारे पिता की ओर जाता है, उन्होंने निम्नलिखित सलाह भी प्रदान की: “यदि मित्र और परिवार … गिरजे से दूर हो जाते हैं, तो भी उन्हें प्यार करना जारी रखें। दूसरों की पसंद पर आपको बिलकुल दोष नहीं लगाना चाहिए जबकि आप विश्वासी रहने के लिए अपनी आलोचना नहीं चाहते हो।”22
मित्रों, आइए हम याद रखें कि इस पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर23 की संतान है और वह प्रत्येक से प्यार करता है।24 क्या आपके पथ में ऐसे लोग हैं जिनकी आपने आलोचना करने की इच्छा महसूस की है ? यदि हां, तो याद रखें कि ये हमारे लिए उद्धारकर्ता के प्यार का प्रदर्शन करने के अनमोल अवसर हैं।25 जब हम उसके उदाहरण का अनुसरण करते हैं, तो हम उसके साथ जुआ उठा सकते हैं और हमारे पिता के सभी बच्चों के दिलों में प्यार और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उस ने हम से प्रेम किया।26 जब हम उद्धारकर्ता के प्रेम से भर जाते हैं, तो उसका जूआ वास्तव में सहज हो सकता है, और उसका बोझ हल्का महसूस लग सकता है।27 इसकी मैं यीशु मसीह के नाम में गवाही देती हूं, आमीन।