महा सम्मेलन
सच्चाई की घोषणा करने का साहस
अक्टूबर 2022 महा सम्मेलन


11:26

सच्चाई की घोषणा करने का साहस

एक बार जब हम सच्चाई जान लेते हैं, तो प्रभु हमें वह करने का अवसर देता है जो वह स्वयं करता यदि वह आज हमारे बीच होता।

1982 में, मैं एक तकनीकी स्कूल में भूगोल-शास्त्र की सहायक डिग्री पूरी करने जा रहा था।

साल के अंत में, एक सहपाठी ने मुझे बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया। मुझे याद है कि हम कक्षा के अन्य सदस्यों को छोड़कर खेल परिसर के बगल में एक जगह पर गए थे। जब हम वहां पहुंचे, तो उसने मुझसे अपने धार्मिक विश्वासों के बारे में बताया, और उसने न केवल मुझे एक पुस्तक दिखाई, बल्कि उसने मुझे वो पुस्तक भी दी। सच बोलूं तो, मुझे उसके कहे गए सभी शब्द याद नहीं हैं, लेकिन मुझे वह क्षण बहुत अच्छी तरह से याद है जिसे मैंने उस दिन महसूस किया था जब उसने कहा था, “मैं अपनी गवाही देना चाहता हूं कि यह पुस्तक सच्ची है और यह यीशु मसीह का सुसमाचार है जिसे पुन:स्थापित किया गया है।”

हमारी बातचीत के बाद, मैं घर गया, पुस्तक के कुछ पन्ने पलटे और उसे एक शेल्फ पर रख दिया। क्योंकि हम वर्ष के अंत में थे और यह मेरी भूगोल-शास्त्र की डिग्री का अंतिम वर्ष था, मैंने वास्तव में उस पुस्तक पर और न ही अपने सहपाठी पर अधिक ध्यान दिया जिसने इसे मुझे इसके बारे में बताया था। पुस्तक का नाम जिसका आप पहले से अंदाजा लगा चुके हैं। हां, यह मॉरमन की पुस्तक थी।

पांच महीने बाद, प्रचारक मेरे घर आए; वे वापस लौट रहे थे जब मैं काम से घर पहुंचा था। मैंने उन्हें घर में अंदर आने को कहा। हम अपने घर के सामने छोटे से आंगन में बैठ गए, और उन्होंने मुझे सिखाया।

सच्चाई की अपनी खोज में, मैंने उनसे पूछा कि कौन सा गिरजा सही है और मैं इसका कैसे पता लगा सकता हूं। प्रचारकों ने मुझे सिखाया कि कैसे मैं अपने लिए यह उत्तर प्राप्त कर सकता हूं। बड़ी उम्मीद और इच्छा के साथ, मैंने मॉरमन की पुस्तक के कई अध्यायों को पढ़ने की उनकी चुनौती को स्वीकार किया। मैंने सच्चे हृदय से और वास्तविक उद्देश्य से प्रार्थना की (देखें मोरोनी 10:4–5)। मेरे प्रश्न का उत्तर स्पष्ट था, और कई दिनों बाद—अधिक सटीक रूप से 1 मई, 1983—को, मैंने बपतिस्मा लिया और अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे का सदस्य बन गया।

आज, जब मैं घटनाओं के क्रम के बारे में सोचता हूं, तो मैं स्पष्ट रूप से देखता हूं कि मेरे सहपाठी का साहस कितना महत्वपूर्ण था जब उसने पुन:स्थापित सच्चाई के बारे में अपनी गवाही दी और मुझे यीशु मसीह के सुसमाचार के होने का ठोस प्रमाण दिया, मॉरमन की पुस्तक। जब मैं उनसे मिला तो उस साधारण मुलाकात ने, मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण काम किया, मेरे और प्रचारकों के बीच एक संबंध बनाया।

सच्चाई को मेरे सामने प्रस्तुत किया गया, और मेरे बपतिस्मे के बाद, मैं यीशु मसीह का शिष्य बन गया। बाद के वर्षों के दौरान, मार्गदर्शकों, शिक्षकों, दोस्तों, और अपने निजी अध्ययन के माध्यम से और बहुत खास लोगों की मदद से, मैंने सीखा कि जब मैंने यीशु मसीह का शिष्य बनने का फैसला किया, तो मैंने स्वीकार कर लिया था सच्चाई की रक्षा करना, और उसकी घोषणा भी करनी है।

जब हम सच्चाई में विश्वास करते है, और उसका पालन करने के लिए सहमत होते हैं, और यीशु मसीह के सच्चे शिष्य बनने का प्रयास करते हैं, तो हमें इस बात की गारंटी का प्रमाण पत्र नहीं मिलता है कि हम सच्चाई से दूर जाने के प्रलोभन में नहीं पड़ेंगे, कि हमारी आलोचना नहीं की जाएगी, या कि हम दुखों का अनुभव नहीं करेंगे। बल्कि इस सच्चाई का ज्ञान सिखाता है कि जब हम सीधे और संकरे मार्ग में प्रवेश करते हैं जो हमें स्वर्गीय पिता की उपस्थिति में वापस ले जाएगा, तो इन समस्याओं से बचने का हमेशा हमारे पास एक मार्ग होगा (देखें 1 कुरिन्थियों 10:13); हम अपने विश्वास पर संदेह करने से पहले अपने संदेहों पर संदेह करेंगे (डिटर एफ. उक्डॉर्फ देखें,“Come, Join with Us,” Liahona, नवंबर 2013, 21); और अंत में, हमारे पास एक गारंटी है कि जब हम कष्टों का सामना करते हैं तो हम कभी भी अकेले नहीं होंगे, क्योंकि परमेश्वर अपने लोगों की उनके कष्टों के बीच में सहायता करता है (देखें मुसायाह 24:14)।

एक बार जब हम सच्चाई जान लेते हैं, तो प्रभु हमें वह करने का अवसर देता है जो वह स्वयं करता यदि वह आज हमारे बीच होता। सचमुच, उसने हमें अपनी शिक्षाओं के द्वारा दिखाया कि हमें क्या करना चाहिए: “और तुम मेरी आत्मा की शक्ति से जाओगे, मेरा सुसमाचार प्रचार करते हुए, जोड़ों में, मेरे नाम में, तुरही के शब्द के समान अपना आवाज उठाते हुए, परमेश्वर के दूतों के समान मेरे वचन की घोषणा करते हुए” (सिद्धांत और अनुबंध 42:6)। हमारे युवाओं में प्रचारक सेवा का अवसर अनोखा है!

युवकों, कृपया, प्रचारकों के रूप में प्रभु की सेवा करने के लिए अपनी तैयारी में देर न करें। जब आप ऐसी परिस्थितियों का सामना करते हैं जो मिशन पर जाने के निर्णय को कठिन बना सकती हैं, जैसे कि आपकी पढ़ाई, या अपनी प्रेमिका को बिना किसी गारंटी के अलविदा कहना कि आप उसे फिर से मिल पाएंगे या नहीं, या कोई नौकरी को छोड़ कर जाना—तो उद्धारकर्ता के अनुभव को स्मरण करें। अपनी सेवकाई के दौरान, उसने आलोचना, उत्पीड़न, और अंततः उसके प्रायश्चित बलिदान के कड़वे प्याले सहित कठिनाई का सामना किया। फिर भी सभी परिस्थितियों में उसने अपने पिता की इच्छा को पूरी करने और उसकी महिमा करने की कोशिश की। (देखें यूहन्ना 5:30; 6:38–39; 3 नफी11:11; सिद्धांत और अनुबंध 19:18–19।)

युवतियों, प्रभु की दाख की बारी में काम करने के लिए आपका बहुत स्वागत है, यदि आप ऐसा चाहती हैं, और आप पूर्ण-कालिक प्रचारक के रूप में सेवा करने के लिए स्वयं को तैयार करती हैं, तो आप भी उन्हीं चुनौतियों का सामना करेंगी।

उन सभी के लिए जो उसकी सेवा करने का निर्णय लेते हैं, मैं आपसे वादा करता हूं कि मिशन के क्षेत्र में 24 या 18 महीने की सेवा वैसे ही बीत जाएगी जैसे घर पर रहने पर बीत जाते है, लेकिन मिशन क्षेत्र में इस गिरजे के योग्य युवकों और युवतियों के लिए यह अवसर अनोखा होगा। यीशु मसीह और उसके गिरजे का प्रतिनिधित्व करने के विशेषाधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अनगिनत प्रार्थनाओं में भाग लेना, दिन में कई बार अपनी गवाही विकसित करना और साझा करना, कई घंटों तक धर्मशास्त्रों का अध्ययन करना, और ऐसे लोगों से मिलना जिनसे आप कभी नहीं मिल पाते यदि आप घर पर रहते और यह अवर्णनीय अनुभव नहीं पाते। यह अनुभव उन युवाओं के लिए आरक्षित है जिन्हें प्रभु सेवा के लिए मिशन पर बुलाता है। आपका बहुत स्वागत है और आपकी आवश्यकता है। कृपया प्रचारक सेवा के महत्व को कम न करें, क्योंकि प्रचारक सेवा अवर्णनीय अनुभव प्रदान करता है। क्योंकि “आत्माओं का मूल्य परमेश्वर की दृष्टि में महान है” (सिद्धांत और अनुबंध 18:10), जिसमें आपकी आत्मा का मूल्य भी शामिल है।

हो सकता है आपकी सेवा से लौटने पर, शायद आपकी प्रेमिका या आपका प्रेमी अब आपका इंतजार नहीं कर रहे होंगे, लेकिन आपने बहुत अच्छी तरह से सीखा लिया होगा कि कैसे प्रभावी संपर्क बनाया जा सकता है। आप अपने कार्यस्थल के लिए अधिक पर्याप्त रूप से तैयार होंगे, उनके साथ आपके शैक्षणिक अध्ययन में आपको अधिक समझ भी आएगी, और अंत में, आपके पास शांति के सुसमाचार की साहसपूर्वक घोषणा करने और पुन:स्थापित सच्चाई की गवाही देने की संपूर्ण दृढ़ता होगी।

आप में से जो विवाहित हैं और जीवन के विभिन्न चरणों में हैं, प्रभु के कार्य में आप लोगों की भी बहुत आवश्यकता हैं। अपने आप को तैयार करो स्वस्थ जीवन जिएं, अस्थायी और आत्मिक आत्मनिर्भरता की तलाश करें, क्योंकि प्रभु अपने बच्चों के लिए सेवा का यह अवसर जिसे वह स्वयं करना चाहता है किसी एक आयु वर्ग तक सीमित नहीं रखता। मेरी पत्नी और मैंने हाल के वर्षों में जो सबसे सुखद अनुभव किए हैं उन्हें विशेष दंपतियों के साथ, विशेष स्थानों पर, और बहुत ही खास लोगों की सेवा करते हुए पाया है।

अपनी भूगोल-शास्त्र की डिग्री के अंत में मेरे अनुभव ने मुझे सिखाया कि जब हम सच्चाई की घोषणा करते हैं तो हम हमेशा सच की रक्षा करते हैं और सच्चाई की रक्षा करना एक सक्रिय बात है। सच्चाई की रक्षा कभी भी आक्रामक तरीके से नहीं की जानी चाहिए, बल्कि लोगों को प्यार के साथ, विचार साझा करके और आमंत्रित करके वास्तविक रुचि के साथ, जिनके साथ हम सच्चाई के बारे में गवाही देते हैं, वे एक प्यार करने वाले स्वर्गीय पिता की संतान है और हमे उनके सांसारिक और आत्मिक कल्याण के बारे में सोचना हैं। (देखें मुसायाह 2:41)।

अक्टूबर 2021 के महा सम्मेलन में, हमारे प्रिय भविष्यवक्ता, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने सिखाया था कि कुछ लोग बेशक न मानते हों, लेकिन सही और गलत वास्तव में होता है।। वास्तव में एक संपूर्ण सच्चाई होती है—एक अनंत सच्चाई। (देखें “Pure Truth, Pure Doctrine, and Pure Revelation,” Liahona, नवं. 2021, 6।)

पवित्र धर्मशास्त्र हमें सिखाते हैं कि “सच्चाई बातों का ज्ञान है जैसे वे हैं, और जैसे वे थीं, और जैसे वे होने वाली हैं” (सिद्धांत और अनुबंध 93:24)।

सच्चाई का ज्ञान हमें अन्य लोगों से बेहतर नहीं बनाता है, लेकिन यह हमें सिखाता है कि हमें परमेश्वर की उपस्थिति में लौटने के लिए क्या करना चाहिए।

जब आप मसीह में दृढ़ता से आगे बढ़ते हैं और साहस के साथ न केवल सच्चाई की घोषणा करते हैं बल्कि सच्चाई को जीते है, तो आपको उस अशांति के दौरान आराम और शांति मिलेगी जिनका आप इन दिनों सामना करेंगे।

जीवन की चुनौतिया हमें नीचे गिरा सकती हैं, लेकिन यह जान लें कि जब हम यीशु मसीह में विश्वास करते हैं, तो “[हमारे] कष्ट भी कुछ समय के लिए होंगे” (सिद्धांत और अनुबंध 121:7)। कृपया अपनी कठिनाइयों और चुनौतियों का अंत होने का समय निर्धारित न करें। स्वर्गीय पिता पर भरोसा रखें और हार न मानें यदि हम हार मान लेते हैं, तो हम कभी नहीं जान पाएंगे कि परमेश्वर के राज्य में हमारी यात्रा का अंत कैसा होगा।

सच्चाई के स्रोतों से सीखते हुए सच्चाई पर दृढ़ रहें:

मैं यीशु मसीह की गवाही देता हूं और यह उसका गिरजा है। हमारे पास एक जीवित भविष्यवक्ता है, और जब हम साहस से सच्चाई की घोषणा करते हैं तो हम हमेशा स्वतंत्र महसूस करेंगे। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।