महा सम्मेलन
”देखो मैं वही प्रकाश हूं जिसे तुम पकड़े रहोगे”
अक्टूबर 2024 महा सम्मेलन


13:29

”देखो मैं वही प्रकाश हूं जिसे तुम पकड़े रहोगे”

जब हम अपने अनुबंधों का दृढ़ता से पालन और जीवित भविष्यवक्ता का समर्थन करते हैं, तो हम प्रभु के प्रकाश को पकड़े रहते हैं।

इस सम्मेलन में दी गई कई गवाहियों में, मैं प्रेरित के रूप में अपनी गवाही जोड़ता हूं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र, हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता, हमारे पिता के सभी बच्चों का मुक्तिदाता है। उसके प्रायश्चित के द्वारा, यीशु मसीह ने हमारे लिए, यदि हम योग्य रहते हैं, स्वर्ग में अपने पिता की उपस्थिति में लौटना और अनंत काल तक अपने परिवारों के साथ रहना संभव किया है।

उद्धारकर्ता हमारी नश्वर यात्रा में हमारे साथ रहता है। पिछले दो दिनों के दौरान हमने उसे अपने चुने हुए मार्गदर्शकों के माध्यम से बोलते हुए सुना है ताकि हम उसके निकट आ पाएं। बार-बार, अपने शुद्ध प्रेम और करुणा से, वह हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सहारा देता है। नफी कहता है: “मेरा परमेश्वर मेरा सहारा रहा है; मेरे कष्टों के समय उसने मेरा पथ-प्रदर्शन किया। … उसने अपने प्रेम से मुझे भर दिया है।”

जब हम उसके काम में एक-दूसरे को समर्थन देते हैं यह प्रेम नजर आता है।

महा सम्मेलन में हम अपने जीवित भविष्यवक्ता, और प्रथम अध्यक्षता, बारह प्रेरितों की परिषद, जनरल अधिकारियों, और पदाधिकारियों को समर्थन देते हैं। समर्थन देने का अर्थ है दूसरे व्यक्तियों का साथ देना उनके प्रति सजग रहना, उनके भरोसे के प्रति विश्वासी रहना, उनके वचनों पर अमल करना। वे प्रभु की प्रेरणा से बोलते हैं; वे वर्तमान विषयों, समाज के नैतिक पतन और पिता की योजना को विफल करने के लिए शैतान के बढ़ते प्रयासों को समझते हैं। अपना हाथ उठाना ,अपना सहारा देने की इच्छा प्रकट करता है, न केवल उस क्षण के लिए बल्कि हमारे प्रतिदिन के जीवन में।

हाथ उठाना में हमारे स्टेक अध्यक्षों और धर्माध्यक्षों, परिषद और संगठन के मार्गदर्शकों, शिक्षकों और यहां तक ​​कि हमारे वार्डों और स्टेक में शिविर निदेशकों को भी समर्थन देना शामिल है। अपने घरों, हम अपनी पत्नी और पति, बच्चों, माता-पिता, रिश्तेदारों और पड़ोसियों का समर्थन करते हैं। जब हम एक दूसरे का साथ देते हैं, तो हम कहते हैं, “मैं आपके साथ हूं, केवल आपके हाथों और बाहों को थामने के लिए नहीं बल्कि आपको दिलासा और शक्ति देने के लिए।”

साथ देने का सिद्धांत पवित्र शास्त्रों में आधारित है। मॉरमन के जल में, नए बपतिस्मा प्राप्त गिरजे के सदस्यों ने प्रतिबद्धता दिखाई थी कि वे “एक दूसरे के बोझ को उठाने के लिए, ताकि वे हल्के हो जाएं; … उन्हें दिलासा देने के लिये जिन्हें दिलासे की जरूरत है, और सभी मौकों पर और सभी बातों में, और सभी स्थानों में परमेश्वर के गवाह के रूप में खड़ा होना चाहते हैं।”

नफाइयों से यीशु ने कहा था: “इसलिए, अपने प्रकाश कोपकड़े रहो जिससे कि वह सारे संसार को प्रकाशित कर सके। देखो मैं वही प्रकाश हूं जिसे तुम पकड़े रहोगे।” जब हम अपने अनुबंधों का दृढ़ता से पालन करते हैं और जब हम अपने जीवित भविष्यवक्ता का समर्थन करते हैं जब वह परमेश्वर के वचन बोलते हैं, तो हम प्रभु के प्रकाश को पकड़े रहते हैं।

बारह प्रेरितों की परिषद में सेवा करने दौरान अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने कहा था, “भविष्यवक्ताओं का हमारा समर्थन एक व्यक्तिगत निष्ठा है कि हम उनकी भविष्यसूचक प्राथमिकताओं का पालन करने का अपने संपूर्ण प्रयास करेंगे।”

भविष्यवक्ता का समर्थन करना एक पवित्र कार्य है। हम निष्क्रिय और मौन नहीं बैठते बल्कि सक्रिय रूप से उनका समर्थन करते, उनकी सलाह का पालन करते, उनके वचन सिखाते और उनके लिए प्रार्थना करते हैं।

मॉरमन की पुस्तक में, राजा बिन्यामीन ने लोगों से कहा था, “मैं भी तुम्हारे समान शरीर और मन से दुर्बल हूं; फिर भी मैं इन लोगों द्वारा चुना गया हूं, और अपने पिता द्वारा समर्पित किया गया हूं, और प्रभु के हाथों के द्वारा मैं इन लोगों का शासक और राजा बनाया गया; और उसकी अद्वितीय शक्ति द्वारा पूरी शक्ति, मन और ताकत से जो प्रभु ने मुझे दी है, तुम्हारी सेवा करने के लिए सुरक्षित रखा गया।”

मूसा के हाथ उठाए हुए।

इसी प्रकार, 100 वर्ष की आयु में, अध्यक्ष नेल्सन को प्रभु ने संभाला और सुरक्षित रखा है। अध्यक्ष हेरॉल्ड बी. ली, जो उस समय प्रथम अध्यक्षता के सदस्य थे, ने रपीदीम की पहाड़ी पर खड़े मूसा के समान कहा था। “[गिरजे के अध्यक्ष के] हाथ थक सकते हैं” उन्होंने कहा था। “उनकी भारी जिम्मेदारियों के कारण वे कभी-कभी नीचे झुक सकते हैं; लेकिन जब हम उनके हाथों को पकड़ेंगे और उनके निर्देशन में, उनके साथ चलेंगे, नरक के द्वार आपके और इस्राएल के विरुद्ध प्रबल नहीं होंगे। आपकी और हमारी सुरक्षा इस बात पर निर्भर रहती है कि हम उन लोगों का अनुसरण करते हैं या नहीं जिन्हें प्रभु ने अपने गिरजे की अध्यक्षता करने के लिए चुना है। वह जानता है कि किसे उसके गिरजे की अध्यक्षता करनी है, और वह कोई गलती नहीं करेगा।”

अध्यक्ष नेल्सन वर्षों से प्रभु की सेवा कर रहे हैं। उनकी परिपक्वता, व्यापक अनुभव, ज्ञान और निरंतर प्रकटीकरण प्राप्त करना विशेष रूप से हमारे समय के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा है: “अंतिम दिनों के संतो के यीशु मसीह का गिरजा दुनिया को उस दिन के लिए तैयार कर रहा है जब ‘पृथ्वी प्रभु के ज्ञान से भर जाएगी’ (यशायाह 11:9)। … यह कार्य को दो सौ वर्ष पहले की गई एक दिव्य घोषणा से शक्ति प्राप्त करता है। इसमें केवल सात शब्द थे: ‘यह मेरा प्रिय पुत्र है। उसकी सुनो! (देखें जोसफ स्मिथ—इतिहास 1:17)।”

अध्यक्ष नेल्सन ने भी कहा है: “दुनिया के इतिहास में कभी भी ऐसा समय नहीं रहा है जब हमारे उद्धारकर्ता का ज्ञान व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक मानवके लिए इतना महत्वपूर्ण और इतना प्रासंगिक हो। कल्पना कीजिए कि दुनिया भर में—और हमारे व्यक्तिगत जीवन में— विनाशकारी विवाद कितनी जल्दी हल हो जाएगें यदि सभी यीशु मसीह का अनुसरण करते और उसकी शिक्षाओं पर ध्यान देते हैं।”

भाइयों और बहनों, हमें प्रभु के वचनों, उसके तरीकों और उसके भविष्यवक्ता का समर्थन करने के लिए हमें अधिक परिश्रम और कम शिकायत करनी है, जिन्होंने कहा है: “आज हमारी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक परमेश्वर की सच्चाइयों और शैतान की नकली बातों के बीच अंतर करना है। इसलिए प्रभु हमें चेतावनी देता है “हमेशा प्रार्थना करना, ताकि [हम] विजयी बनें; और … शैतान के सेवकों के हाथों से बच सकें जोकि [शैतान] के कार्य का समर्थन करते हैं।”[सिद्धांत और अनुबंध 10:5; महत्व जोड़ा गया है।”

मांटी यूटाह मंदिर का पुन:समर्पण।

पिछले साल अप्रैल में, बहन रसबैंड और मुझे मांटी यूटाह मंदिर के पुनः समर्पण पर हमारे प्रिय भविष्यवक्ता और बहन नेल्सन के साथ शामिल होने का सौभाग्य मिला था।

अध्यक्ष नेल्सन ने सभी को चौंका दिया था जब वह कमरे में आए थे। हममें से बहुत कम लोगों को पता था कि वह आ रहे हैं। उनकी उपस्थिति में, मुझे उनके ज्ञान एवं विचारों और भविष्यसूचक जिम्मेदारियों का एहसास हुआ। भविष्यवक्ता को व्यक्तिगत रूप से देखकर लोगों के चेहरों पर आनंद की झलक देखना मुझे हमेशा याद रहेगा।

पुन: समर्पण की प्रार्थना में, अध्यक्ष नेल्सन ने प्रभु से प्रार्थना की कि उनका पवित्र घर अनिवार्य रूप से मंदिर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को ऊंचा उठाएगा “ताकि वे पवित्र आशीषें प्राप्त कर सकें और अपने अनुबंधों के प्रति योग्य और वफादार बने रहें … ताकि यह शांति का घर हो सके, दिलासा का घर, और उन सभी के लिए व्यक्तिगत प्रकटीकरण का घर जो योग्यता से इन द्वारों से प्रवेश करते हैं।”

दुनिया में फैल रहे भय, बुराई और विवाद का सामना करने के लिए हम सभी को परमेश्वर द्वारा शांति, दिलासा और सबसे अधिक व्यक्तिगत प्रकटीकरण के साथ ऊपर उठाए जाने की आवश्यकता है।

पुन: समर्पण सभा से पहले, हम खूबसूरत स्थान को देखने के लिए अध्यक्ष और बहन नेल्सन के साथ बाहर धूप में खड़े थे। इस स्थान से अध्यक्ष नेल्सन के पैतृक संबंध बहुत गहरे हैं। उनके आठ पड़-दादा-दादी मंदिर के आसपास की घाटियों में आकर बसे थे, जैसे मेरे भी बसे थे। मेरे पड़-दादा एंड्रयू एंडरसन ने आरंभिक पथ-पदर्शकों के निर्माण दल में सेवा की थी जिन्होंने रॉकी पर्वतों में तीसरे मांटी मंदिर को पूरा करने के लिए 11 साल काम किया था।

जब हम अध्यक्ष नेल्सन के साथ खड़े थे, तो हमें प्रभु के पवित्र घर के पुन: समर्पण के समारोह में परमेश्वर के भविष्यवक्ता का साथ देने और समर्थन करने का अवसर मिला था। यह एक ऐसा दिन था जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।

“हम प्रभु को आदर देने के लिए मंदिर बनाते हैं,” अध्यक्ष नेल्सन ने उस पावन दिन कहा था। “वे आराधना करने के लिए बनाए गए हैं, दिखाने के लिए नहीं। हम इन पावन दीवारों के भीतर अनंत महत्व के पवित्र अनुबंध बनाते हैं।” हम इस्राएल को एकत्रित कर रहे हैं।

अध्यक्ष नेल्सन और उन से पहले के भविष्यवक्ताओं ने पवित्र मंदिरों की एक मां के समान देखभाल की है। आज, दुनिया भर में, हमारे प्रभु के 350 संचालित, घोषित या निर्माणाधीन पवित्र घर हैं। भविष्यवक्ता के रूप में, 2018 से, अध्यक्ष नेल्सन ने 168 मंदिरों की घोषणा की है।

“हमारे समय में,” उन्होंने कहा है, “सभी व्यवस्थाओं, कुंजियों और शक्तियों का एक संपूर्ण और परिपूर्ण मिलन के रूप से एक साथ जोड़ा जाना है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 128:18)। इन पवित्र उद्देश्यों के लिए, पवित्र मंदिर अब पृथ्वी पर बनाए गए हैं। मैं फिर से इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इन मंदिरों के बनने से आपका जीवन नहीं बदलेगा, लेकिन मंदिर में सेवा करने से आपका जीवन अवश्य बदल जायेगा।”

“उद्धारकर्ता और उसके सिद्धांत मंदिर के केंद्र में हैं” अध्यक्ष कहते हैं। “मंदिर में सिखाई गई हर बात, निर्देशन के द्वारा और आत्मा के द्वारा, यीशु मसीह के बारे में हमारी समझ को बढ़ाती है। उसकी आवश्यक विधियां पवित्र पौरोहित्य अनुबंधों के द्वारा हमें उससे बांधती हैं। फिर, जब हम अपने अनुबंधों का पालन करते हैं, तो वह हमें उसकी चंगाई, दृढ़ करने वाली शक्ति प्रदान करता है।”

अध्यक्ष नेल्सन ने कहा है, “वे सभी जो मंदिर में उपासना करते हैं, उनके पास परमेश्वर की शक्ति होगी और स्वर्गदूत ‘उनकी रक्षा करेंगे’ [सिद्धांत और अनुबंध 109:22]। यह जानकर आपका आत्मविश्वास कितना बढ़ता है कि, वृत्तिदान प्राप्त महिला या पुरूष या परमेश्वर की शक्ति प्राप्त मंदिर-जानेवाले युवा रूप में, आपको जीवन का सामना अकेले नहीं करना है? यह जानकर आपको कितना साहस मिलता है कि स्वर्गदूत वास्तव में आपकी सहायता करेंगे?”

पवित्र शास्त्रों में स्वर्गदूतों द्वारा समर्थन देने का वर्णन है जब यीशु मसीह ने गतसमनी के बगीचे में विनम्रतापूर्वक घुटनों के बल प्रार्थना की थी। अपनी पीड़ा को सहकर उसने अनंत प्रायश्चित किया था। अध्यक्ष नेलसन ने बताया है, “वहां संपूर्ण इतिहास में लिखे प्रेम की सबसे महान घटना हुई थी। … वहां गत्समनी में, प्रभु ने ‘सभी मनुष्यों की पीड़ा सही थी, ताकि सभी … पश्चाताप करें और उसके निकट आएं’ [सिद्धांत और अनुबंध 18:11]।”

“इस प्याले को मेरे सामने से हटा दो:” यीशु मसीह ने अनुरोध किया, “तोभी मेरी नहीं, लेकिन आपकी इच्छा पूरी हो।

“तब स्वर्ग से एक दूत उसको दिखाई दिया जो उसे सामर्थ्य देता था।”

हमारी मदद करने के लिए स्वर्गदूत हमारे निकट होते हैं। अध्यक्ष नेल्सन ने कहा है, “[मंदिर में] आप सीखेंगे कि स्वर्ग और पृथ्वी के बीच के परदे को कैसे खोला जाए, परमेश्वर के स्वर्गदूतों से आपकी मदद करने के लिए कैसे कहें।”

स्वर्गदूत प्रकाश लाते हैं। परमेश्वर का प्रकाश। अपने नफाई प्रेरितों से, यीशु ने कहा था, “देखो मैं वही प्रकाश हूं जिसे तुम पकड़े रहोगे।” जब हम अपने भविष्यवक्ता का समर्थन करते है, तो गवाही देते हैं उन्हें हमारे उद्धारकर्ता, “संसार के प्रकाश,”द्वारा नियुक्त किया गया है।

प्रिय अध्यक्ष नेल्सन, प्रभु के गिरजे के विश्वभर के सदस्यों और मित्रों की ओर से, हम आपकी शिक्षाओं का समर्थन मसीह समान जीवन जीने के आपके उदाहरण का समर्थन और हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता, हम सभी के मुक्तिदाता की आपकी उत्साहजनक गवाही का समर्थन करने के लिए आशीषित महसूस करते हैं।

मैं प्रेरितक के रूप में अपनी गवाही देता हूं कि यीशु मसीह “संसार का प्रकाश है।” मैं चाहता हूं, हम सभी, उसके शिष्य, उसके प्रकाश को थामे रहें। यीशु मसीह के नाम में, आमीन।

विवरण

  1. देखें सिद्धांत और अनुबंध 1:38

  2. 2 नफी 4:20-21

  3. देखें Ronald A. Rasband, “Words Matter,” Liahona, May 2024, 70–76।

  4. सिद्धांत और अनुबंध 81:5

  5. मुसायाह 18:8-9.

  6. 3 नफी 18:24; महत्व जोड़ा गया है।

  7. Russell M. Nelson, “Sustaining the Prophets,” Liahona, Nov. 2014, 75।

  8. मुसायाह 2:11

  9. देखें सिद्धांत और अनुबंध 21:6; 81:5

  10. Hugh B. Brown, in Conference Report, Oct. 1970, 153।

  11. यीशु मसीह के सुसमाचार की पूर्णता की पुन:स्थापना: दुनिया के लिए एक द्विशताब्दी उद्घोषणा,” कहती है: “हम प्रसन्नता से घोषणा करते हैं कि प्रतिज्ञा की गई यह पुनःस्थापना निरंतर प्रकटीकरण के द्वारा आगे बढ़ती जाती है। पृथ्वी फिर कभी वैसी नहीं होगी, क्योंकि परमेश्वर ‘सब कुछ … मसीह में एकत्र करेगा’ (इफिसियों 1:10)।”

  12. Russell M. Nelson, “The Future of the Church: Preparing the World for the Savior’s Second Coming,” Liahona, अप्रै. 2020, 6–7।

  13. Russell M. Nelson, “Pure Truth, Pure Doctrine, and Pure Revelation,” Liahona, नवं. 2021, 6।

  14. रसल एम. नेल्सन, “आत्मिक संवेग की शक्ति,” लियाहोना, मई 2022, 99।

  15. Dedicatory Prayer, Manti Utah Temple, 21 April 2024,” ChurchofJesusChrist.org।

  16. मॉरमन की पुस्तक में, भविष्यवक्ता मॉरमन ने एक पत्र में अपने बेटे मोरोनी को दिलासा देने की कोशिश की, जब मोरोनी अकेला था और शत्रु उसकी खोज कर रहे थे। उसने लिखा था, “मसीह तुम्हें उबारे, और उसका उत्पीड़न और मृत्यु, … सदा के लिए तुम्हारे मन में रह सके” (मोरोनी 9:25)।

  17. 1888 में मांटी यूटाह मंदिर के समर्पण से पहले, यूटाह में दो अन्य मंदिर पहले ही समर्पित किए जा चुके थे: 1877 में सेंट जॉर्ज यूटाह मंदिर और 1884 में लोगान यूटाह मंदिर। इस प्रबंध के पहले मंदिर का निर्माण ओहायो कर्टलैंड में हुआ और 27 मार्च 1836 को इसे समर्पित किया गया था । सेवाओं के साथ महान आत्मिक अभिव्यक्तियां हुईं, और मूसा, एलिशा और एलिजा द्वारा पौरोहित्य कुंजियां पुन:स्थापित की गईं ताकि मंदिर का काम और इस्राएल का एकत्र किए जाने का कार्य आरंभ किया जा सके।।

    जोसफ स्मिथ ने लिखा, “यह वास्तव में एक पिन्तेकुस्त और एक वृत्तिदान, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा, क्योंकि इस घटना का संदेश पूरी दुनिया में साझा किया जाएगा, और इस दिन की घटनाओं को पवित्र इतिहास के पृष्ठों में लिखा जाएगा, सभी पीढ़ियां, पिन्तेकुस्त के दिन के समान इसे याद किया जाएगा और जुबली के वर्ष और परम-प्रधान परमेश्वर के संतों के लिए आनन्द के समय के रूप में मनाया जाएगा”Joseph Smith, Journal, 1835–1836, pp. 189-90, josephsmithpapers.org; वर्तनी, कैपिटलाइजेशन और विराम चिह्न आधुनिकीकरण किया गया है)। अधिकांश संतों द्वारा अपने घरों और समुदाय को त्यागने के बाद, नावू इलिनोए मंदिर को मई 1846 में, आधिकारिक तौर पर समर्पित किया गया था। पश्चिम की ओर खदेड़े जाने से पहले 6,000 से अधिक संतों ने मंदिर अनुबंध बनाए थे। (देखें Church History Topics, “Nauvoo Temple,” Gospel Library।)

  18. Russell M. Nelson, in “President Nelson Rededicates Manti Utah Temple,” Apr. 21, 2024, newsroom.ChurchofJesusChrist.org।

  19. देखें Scott Taylor, “A by-the-numbers look at the 168 temples announced by President Nelson,” Church News, 14 अप्रैल, 2024।

  20. Russell M. Nelson, “The Future of the Church,” 8–9।

  21. रसल एम. नेल्सन,, “मंदिर और आपकी आत्मिक नींव,” लियाहोना, नवं. 2021, 93–94.

  22. रसल एम. नेल्सन, “पौरोहित्य कुंजियों के उपहार में आनन्दित हों,” लियाहोना, मई 2024, 121।

  23. Russell M. Nelson, “The AtonementEnsign, Nov. 1996, 35।

  24. लूका 22:42-43

  25. रसल एम. नेल्सन, “मंदिर और आपका आत्मिक आधार,” 96।

  26. 3 नफी 18:24

  27. 3 नफी 11:11

  28. 3 नफी 11:11